इस पूँजीवादी व्यवस्था में , आप कितने भी हुनरमंद क्यों न हो आपकी सफलता का सिर्फ एक ही पैमाना है और वह है money. सारी गुणवत्ता धरी रह जातीं है धन के अभाव में । इसलिए जो सभी व्यवस्थाओं का मूल है , क्यों न सारे काम उसी के निमित्त किया जाएँ । जरूर सोचिएगा और अपना विचार भो लिख डालिए. ......शायद किसी के काम आ जाएँ । धन्यवाद नकुल कुमार युवा पत्रकार, मोतिहारी 8083686563
क्योंकि सच एक मुद्दा हैं