हल्का होने के चक्कर में, फंस गए देखो महामना ।। स्वच्छ भारत अभियान में, करने को था किया मना।। नियति यह बिहार की, कमी गठबंधन सरकार की। कागज पर खूब काम हुएं, अख़बारों में नाम हुएं...
इश्क का पत्थर, जो फेंकती हों तुम। कसम से बार बार, उठाने को जी चाहता है।। तुम्हारी अदाएं इतनी मदहोश है, कि बार बार तुम्हारी गली में, आने को जी चाहता है।। "नकुल कुमार साह"