प्रेम में वासना का कोई स्थान नहीं है लेकिन यक्ष प्रश्न है कि क्या आज प्रेम है क्या समाज में प्रेम का इस्थान रह गया है और इसका सबसे ज्वलंत उत्तर यही है कि आज शरीर के प्रति परस्पर अनुराग ही प्रेम है आत्मीय प्रेम खत्म हो चुका है बस दिखावटी प्रेम रह गया है। प्रेम धन से है प्रेम घर से है प्रेम जेवर से है प्रेम कपड़ों से है प्रेम व्यक्ति के सामाजिक स्टेटस से है बस यही तो प्रेम है । यदि आपके पास पैसे हैं, रूपवान है तो आप प्रेम के भागी हैं अन्यथा लोग अपने सपने में भी आपको याद नहीं करना चाहते हैं । वर्तमान समय में यही प्रेम है। एक कन्या या यूं कहें मेरी गर्लफ्रेंड मुझसे प्रेम करती थी उसे मेरे बिना मन नहीं लगता था वह मुझसे प्रेम का बखान किए बिना थकती नहीं थी लेकिन जब उसे मालूम हुआ कि मैंने जॉब छोड़ दिया है तब वह एक मैसेज भी नहीं करती....... क्या यह प्रेम है...…???
क्योंकि सच एक मुद्दा हैं