डॉक्टर वेदप्रताप वैदिक राजनीतिज्ञ एवं अपने बेबाक विचारों के लिए जाने जाते हैं उन्होंने हिंदुत्व और इस्लाम की अतिवाद पर जो अपने विचार प्रकट किए हैं आइए देखते हैं कि उन्होंने हिंदू और मुसलमान को किस ढंग से देखा है.... डॉक्टर वैदिक कहते हैं कि ....आज हमारे विचार के लिए दो विषय सामने आए हैं। एक तो कानपुर के युवा मुहम्मद ताज का, जिसे कुछ हिंदू नौजवानों ने बेरहमी से पीटा और उससे ‘जय श्रीराम’ बुलवाने की कोशिश की और दूसरा प. बंगाल से चुनी गई सांसद तृणमूल कांग्रेस की नुसरतजहां का, जिनके खिलाफ देवबंद के किसी मौलवी ने फतवा जारी किया है, क्योंकि उन्होंने किसी जैन से शादी कर ली है और संसद में शपथ लेते समय वे सिंदूर लगाकर और मंगलसूत्र पहनकर आई थीं। ये दोनों मसले ऐसे हैं, जिनमें हमें हिंदुत्व और इस्लाम का अतिवाद दिखाई पड़ता है। इन दोनों मामलों का न तो हिंदुत्व से कुछ लेना-देना है और न ही इस्लाम से ! किसी मुसलमान या ईसाई की हत्या या पिटाई आप इसलिए कर दें कि वह राम का नाम नहीं ले रहा है, यह तो राम का ही घोर अपमान है। आप रामभक्त नहीं, रावणभक्त हैं। आपको अपने आप को हिंदू कहने का अधिकार भी नहीं है
क्योंकि सच एक मुद्दा हैं