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Showing posts with the label freelancer: Nakul kumar_8083686563

भाग 02 WhatsApp ने लगाया अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश

📝क्या है बदलाव जरा समझिए.... अब सेटिंग में आपको 3 ऑप्शन मिलेंगे ...।... (I) edit group info (II) send messages (III) edit group admins (I) edit group info इस ऑप्शन में जाकर आप ग्रुप के सब्जेक्ट आइकन और डिस्क्रिप्शन को नियंत्रित कर सकेंगे वहां आपको दो ऑप्शन मिलेंगे पहला (a) All Participants- जिस पर क्लिक करके आप ग्रुप में फोटो, ग्रुप का नाम, उसका डिजाइन कोई भी चेंज कर सकेंगे. अब तक ऐसा ही होता रहा है जैसे ग्रुप किसी और ने बनाया एडमिन उसके अलावा भी कोई और है लेकिन अब तक फोटो नाम कोई भी चेंज कर सकता था किंतु इस दूसरे ऑप्शन के आने के बाद वह ऐसा नहीं कर सकेंगे पढ़िए इस (b)ऑप्शन को b) Only Admins- इस ऑप्शन को सिलेक्ट करने का मतलब है कि इस ग्रुप में सिर्फ एडमिन ही किसी तरह का कोई चेंजिंग कर सकते हैं इसके अलावा ग्रुप के कोई भी मेंबर ग्रुप के फोटो डिजाइन अथवा नाम में किसी भी तरह का कोई परिवर्तन नहीं कर सकेंगे । बहुत बार देखने में आता है कि किसी खास को जिससे ग्रुप बनाया गया आता है जिसमें उस से संबंधित थी फोटो लगाए गए रहते हैं किंतु ग्रुप मेंबरस अपनी सहुलियत के  हिसाब से कभी-कभी फोटो बदलकर अ...

दुख के कपड़े चेंज करूँगा : गुलरेज शहजाद

NTC CLUB MEDIA / 02 JULY 2018  फैला रखी है क़ुदरत ने मंज़र की दोशीज़ा चादर बूढ़ी धरती इस मौसम में अपनी जवानी काट रही है तोहफ़े में बूढी धरती को मंज़र क्या खुशरंग मिले हैं सागर तट पर पाम खड़ा है मौज में अपनी बांहें खोले और ज़मीं पर नर्म-मुलायम सब्ज़ा की क़ालीन बिछी है गुलमोहर के अंगारों पर अपनी आंखें सेंक रहा हूँ दरिया की अंगड़ाई मन में टूट रही है पेड़ों ने पौधों ने अपना सूखा लिबास उतार दिया है हर मंज़र धोया-मांजा है जैसे सब कुछ नया नया है नये कंवारे इस मौसम में मन से मायूसी की पपड़ी अलग करूँगा खुरच-खुरच के उम्मीदों की चाक पे चढ़ के नया बनूँगा दुख के कपड़े चेंज करूँगा                         ००० © गुलरेज़ शहज़ाद 📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝 📝आप पढ़ रहे हैं NTC CLUB MEDIA ब्लॉगर और मैं हूं  NAKUL KUMAR 📞8083686563📝ntcclubmedia@gmail.com✍www.ntcclubmedia.com http://nakulkumar8083686563.blogspot.com http://ntcnewsmedia.blogspot.com 📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝 ........

मिर्जापुर के शिक्षक गोपाल सर हुए ठगी के शिकार

#Breaking_News- मिर्जापुर के शिक्षक गोपाल सर हुए ठगी के शिकार मालूम हो कि भोपाल शहर मिर्जापुर में रहने वाले ऐसे दिव्यांग शिक्षक हैं जो कि वर्षों से अपने क्षेत्र के गरीब बच्चों को निशुल...

मोतीझील मोतिहारी से Nakul Kumar लाइव

                     जी हां आप सही देख एवं पढ़ रहे हैं । जैसा कि पुलिस प्रशासन की तरफ से गायत्री मंदिर घाट के पास विसर्जन का व्यवस्था की गई थी। तो वही कुछ नाविक मदरसे के सामने ...

सरस्वती पूजा को सरस्वती पूजा ही रहने दें इसे विकृत ना करें

                       जहां एक और देखा गया है कि बहुत से छात्र पैसे के लिए अपने माता पिता को परेशान करते हैं यहां तक की घर की कोई कीमती वस्तु चोरी छिपे बेच देते हैं अथवा चोरी_करने जैसी घिनौनी घटना को अंजाम देते हैं। इतना ही नहीं बहुत से छात्र सड़क रोक रोक कर चंदा माँगते है एवं सरस्वती पूजा जैसी पवित्र पूजन पद्धति को बदनाम करते हैं।                        आप जरा स्वयं विचार करें कि क्या सरस्वती पूजा के नाम पर चंदा बटोरना,सड़क रोक-रोककर लोगों को परेशान करना, माता-पिता को परेशान करना एवं चंदे से एकत्रित राशि से नाच-गाना, धूम-धड़ाका करना एवं वास्तविक पूजन पद्धति से हटकर विभिन्न क्रियाकलापों को अंजाम देना....क्या वास्तव में यह सरस्वती पूजा है ? आखिर हम पूजन पद्धति का मजाक क्यों बना रहे हैं ।               ...

NTC CLUB Run By Nakul Kumar...8083686563

जुबान क्या चलाऊं मैं , कलम ही चला लेता हूं। समय व्यर्थ क्या करना, आओ कुछ पढ़ा देता हूं।।

नकुल की प्रसिद्धि......📝🏃🏃🏃🏃🖋🚶🚶🚶

प्रसिद्धि जैसे-जैसे बढ़ती जाती है, दूसरों को जलन वैसे ही बढ़ती जाती है।। कदम बढ़ाने में कोई सहायता नहीं करता हैं। कदम खींचने में उसको अच्छा लगता है ।। कहत नकुल की वाणी, तुम मत घबराना ।। और कदम जो खींचे जमाना, उसी कदम से एक लात,उसके मुंह पर लगाना।।                                      फिर ना तुम को रोकेगा कोई, ना ही टोकेगा जमाना।। पुण: तय करना अपनी उड़ान और फिर आगे बढ़ते जाना।। नकुल कुमार Nakul Kumar Journalist Nakul 8083686563

लोहड़ी पर्व... पढ़िए मुस्लिम योद्धा दुल्ला भट्टीवाले की कहानी

लोहड़ी पर्व को हर वर्ष 13 जनवरी को पंजाब में  मनाया जाता है। यह पश्चिम भारत का प्रसिद्ध त्योहार है ।सरहद के दोनों तरफ असीम उत्साह के साथ लोग इसे मनाते हैं । देश बट गया ,धर्म बदल गया, सरहद भी बंद कर दिया जाता है किंतु नव वर्ष का यह पर्व देश, जाति, धर्म की सीमाओं को लांघते हुए दोनों ओर मनाया जाता है । इस दिन दुल्ला भट्टीवाले का गीत अलाव जलाकर ढोल की थाप देते हुए लोग गाते हैं । "सुंदर मंदिर गई ऐ, सुंदर मंदिर गई ऐ। तेरा कौन विचारा ऐ, दुल्ला भट्टीवाला ऐ। दुल्ले दही बवा़ई ए , झोली शकरपाई ए। दुल्ला भट्टीवाला ऐ।।"                  पंजाब में अशांति और विद्रोह के चलते फतेहपुर सीकरी से सम्राट अकबर अपनी राजधानी लाहौर लाए थे । उनके कारिंदे सुंदर नाम की लड़की को उठा लेना चाहते थे । अब्दुल्ला खां उर्फ़ दुल्ला जो मुस्लिम राजपूत थे। उसे सुरक्षा प्रदान किए,उसकी शादी कराई और इसप्रकार पहले से चली आ रही परंपरा में इस लोकख्यात वीर शहीद का नाम भी अविभाज्य रूप से जुड़ गया । 📝आखिर कौन थे दुल्ला भट्टी वाला...📝 दुल्ला भट्टी वाला...

📖 बचपन पढ़ाओं आन्दोलन 📖

                     बंजरिया पंचायत के सिंघिया सागर गांव में "बचपन पढ़ाओ आंदोलन" सबके लिए निशुल्क शिक्षा के नए बैच(बच्चा बैच) की शुरुआत 24 फरवरी से होने जा रही है ।                    इस अभियान को शुरुआत करते हुए "नकुल कुमार" का कहना है कि गरीबों के बच्चे जो कि उचित मार्गदर्शन के अभाव में दुकानों में काम करने लगते हैं या घर पर फालतू पड़े रहते हैं । जिन्हें कोई जानकारी नहीं मिल पाती है और कुछ तो इधर उधर घूमते रहते हैं । उन सभी बच्चों को एकत्रित करके यदि उन्हें शिक्षा दिया जाए। उन्हें योगा सिखाया जाए,उन्हें बोलने की रहने की कला सिखाई जाए, शिक्षा के प्रति उनका झुकाव हो इस निमित्त प्रयास किया जाएं, तो निश्चित रूप से उन्हीं बच्चों से मिलकर एक सभ्य एवं सुसंस्कृत समाज का निर्माण होगा । क्योंकि यही बच्चे अपना एक शैक्षणिक समाज बनाएंगे ।                    ...

राम मंदिर बनाम बाबरी मस्जिद......

*राम मंदिर बनाम बाबरी मस्जिद विवाद निश्चित रुप से इतिहास की एक चूक हैं। हमारे पूर्वजों  के आपसी भाईचारा पर एक कलंक है। इस तरह का विवाद कदापि नहीं होनी चाहिए खास तौर से एक ही ...

Who is Supiya Bharti.....???

Read the ............ Junior Mother Teresa from the book of NAKUL KUMAR "The Story of Supriya Bharati 📝 familiar Dumariya is a small village in Belhar Panchayat in Banka district of Bihar. If Bihar is a village, then imaging more for it is ineffective in itself. But there can not be any social worker or scholar even in the absence of that village. Supriya Bharti, who came out from the middle of such a lack, 📝 Bachpan📝 From childhood, Supriya Bharati was fond of reading and teaching. But the mind of the mind remained subdued in the mind itself. This passion of study inspired him to take the ISC and after 10th, he started to study Jamui in the daughter-in-law's daughter-in-law for further studies. During the registration of Jamui Women's College, she met a girl who told Supriya Bharti about things that her maternal uncle teaches children free education in her village and working on free educational awareness in her area. So much heard that...

सावित्रीबाई फुले जयंति........

👉 3 जनवरी, सावित्रीबाई फुले जयंती          जो सरस्वती को तो जानते है लेकिन सावित्री बाई फूले को नही जानते कृपया ये पूरा पढ़े...       नाम– सावित्रीबाई फूले जन्म– 3 जनवरी सन् 1831 मृत...