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इंडियाज राइजिंग स्टार अवार्ड 2019 ने सम्मानित किये जायेंगे रियल हीरो

पटना। इंद्रप्रस्थ एडुकेशनल रिसर्च एंड चैरिटबल ट्रस्ट के सौजन्य से समाज में अलग-अलग क्षेत्र से जुड़े लोगों को उनके उल्लेखनीय योगदान को देखते हुये आगामी 25 अगस्त को इंडियाज राइजिंग स्टार अवार्ड 2019 से नवाजा जायेगा।         इंद्रप्रस्थ एडुकेशनल रिसर्च एंड चैरिटबल ट्रस्ट की सीईओ काजल यादव ने बताया कि हमारे देश का इतिहास काफी गौरवाशली रहा है।विभिन्न हिस्सों एवं क्षेत्रों में कई लोग अपने स्तर पर निस्वार्थ भाव से निरंतर देश को आगे बढ़ाने में उल्लेखनीय योगदान दे रहे हैं।उन्हीं लोगों को प्रोत्साहित एवं उनके द्वारा देश और समाज के लिए किये जा रहे सराहनीय काम को सम्मान देने के लिये  25 अगस्त को राजधानी पटना में इंडियाज राइजिंग स्टार अवार्ड 2019 का आयोजन किया गया है,जिसमें देश के उन रीयल हिरो को सम्मानित किया जायेगा जो विभिन्न क्षेत्रों में जो निरंतर देश को आगे ले जाने में प्रयासरत हैं।         श्रीमती काजल यादव ने बताया कि उनकी संस्था की ओर से दूसरी बार इंडियाज राइजिंग स्टार अवार्ड का आयोजन किया जा रहा है।उन्होंने बताया कि संस्था की ओर से वैसे लोगों को सम्मानित किया जायेगा जिन्होंने समाज म

अपनी जादुई आवाज से संगीत जगत को सुशोभित कर रहे हैं डा.मनीष सिन्हा

        बहुमुखी प्रतिभा के धनी डा.मनीष सिन्हा ने चिकित्सा के साथ ही संगीत के क्षेत्र में भी अपनी विशिष्ट पहचान बनायी है। उन्होंने अबतक के करियर के दौरान कई चुनौतियों का सामना किया और कामयाबी का परचम लहराया। बिहार की राजधानी पटना में जन्में मनीष सिन्हा के पिता वीरेन्द्र कुमार सिन्हा और मां श्रीमती माधुरी सिन्हा ने पुत्र को अपनी राह चुनने की आजादी दे रखी थी। बचपन के दिनों से ही मनीष सिन्हा की रूचि संगीत की ओर थी। मनीष सिन्हा को संगीत की प्रारभिक शिक्षा अपनी मां और प्रोफेसर श्रीमती माधुरी सिन्हा से मिली। माधुरी सिन्हा पार्श्वगायन किया करती थी। मनीष सिन्हा स्कूल और कॉलेज में होने वाले सांस्क़तिक कार्यक्रमों में पार्श्वगायन किया करते और इसके लिये उन्हें काफी सराहना मिला करती।       मनीषा सिन्हा ने मैट्रिक तक की पढ़ाई राजधानी पटना के पाटलिपुत्रा हाई स्कूल से की। इसके बाद उन्होंने नालंदा मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस और पटना मेडिकल कॉलेज से एमएस की पढ़ाई की। इसके बाद मनीष सिन्हा आंखो में बड़े सपने लिये मायानगरी मुंबई आ गये जहां उन्होंने एक निजी कंपनी में एक वर्ष तक काम किया। इस दौरान उनकी मुल

मिस्टर, मिस एवं मिसेज स्टार इंडिया 2019 का आडिशन संपन्न

पटना । एसएसआर प्रोडक्शन और फनडन इंटरटेनमेन्ट के सौजन्य से विद्यापति मार्ग स्थित मंडपम हॉल में मिस्टर, मिस एवं मिसेज स्टार इंडिया 2019 का ऑडिशन सम्पन्न हो गया।     पटना में प्रारंभ हुआ यह ऑडिशन देश के 14 अन्य राज्यों में भी होगा। ऑडिशन में बॉलीवुड के सितारे डांसर एक्टर प्रियांक शर्मा, महताब आलम, अंकित चैहान, शम्मी सिंह राजपूत, राशिद नदीम ने जज की भूमिका निभाई। इस मौके पर शम्मी सिंह राजपूत एवं राशिद नदीम ने ऑडिशन के आयोजन के पीछे के उद्वेश्य के संबंध में बताया कि हर क्षेत्र में बिहार की प्रतिभा का डंका बजता है लेकनि फिल्म एवं मॉडलिंग के क्षेत्र में अभी भी हमारी पहचान सशक्त नहीं है। हम भी चाहते हैं कि मिस फेमिना इंडियामें यहां के प्रतिभागी बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और यहां के यूथ को भी बड़ा प्लेटफार्म मिले।     आडिशन में  प्रदेष के विभिन्न हिस्सों से आए करीब 40 प्रतिभागियों ने काफी उत्साह के साथ  भाग लिया। फनडन इंटरटेनमेन्ट के फाउंडर वाकिफ अमान ने कहा कि इस आडिशन के जरिए प्रदेष के प्रतिभाओं को अपना हुनर दिखाने का एक बढि़या मौका मिला है । युवा यदि इसे अपना कैरियर के रूप में लें तो इस फील्ड म

Our desires are a reflection of our morals: Zaira Wasim

Quran and the guidance of Allah’s messenger (PBUH) became the weighing factor in my decision making and reasoning and it has changed my approach to life and it’s meaning. Our desires are a reflection of our morals, our values are an externalization of our internal integrity. Similarly, our relationship with the Quran and Sunnah defines and sets the tone of our relationship with Allah and  our religion , our ambitions, purpose and the meaning of life. I carefully questioned the deepest sources of my ideas of success, meaning and the purpose of my life. The source code that governed and impacted my perceptions evolved into a different dimension. Success isn’t correlated with our biased, delusional and conventional shallow measures of life. Success is the accomplishment of the purpose of our creation. We have forgotten the purpose we were created for as we ignorantly continue to pass through our lives; deceiving our conscience. “And That the hearts of those who don’t believe in

पार्श्वगायन के क्षेत्र में खास पहचान बना चुके हैं अमर आनंद

खोल दे पंख मेरे, कहता है परिंदा, अभी और उड़ान बाकी है,         जमीं नहीं है मंजिल मेरी, अभी पूरा आसमान बाकी है,         लहरों की ख़ामोशी को समंदर की बेबसी मत समझ ऐ नादाँ, जितनी गहराई अन्दर है, बाहर उतना तूफ़ान बाकी हैं ।।        जाने माने पार्श्वगायक अमर आनंद ने पार्श्वगायन के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण पहचान बनायी है।उनकी ज़िन्दगी संघर्ष, चुनौतियों और कामयाबी का एक ऐसा सफ़रनामा है, जो अदम्य साहस का इतिहास बयां करता है। अमर आनंद ने अपने करियर के दौरान कई चुनौतियों का सामना किया और हर मोर्चे पर कामयाबी का परचम लहराया।                 महान साहित्यकार फनीश्वर नाथ रेणु की जन्मस्थली बिहार के अररिया जिले के रानीगंज थाना के लक्ष्मीपुर गीतवास गांव में वर्ष 1990 में जन्में अमर आनंद के पिता श्री जगदीश यादव जाने माने लोक कथाकार और गायक हैं। छह भाइयों में सबसे बड़े अमर आनंद को कला की शिक्षा विरासत में मिली। बचपन के दिनों से ही अमर आनंद का रूझान संगीत की ओर हो गया था। वह अक्सर स्कूल में होने वाले सांस्कृतिक कार्यकम में हिस्सा लिया करते जिसके लिये उन्हें काफी प्रशंसा मिला करती।   जिंदगी म