अपने अब तक के जीवन के सफर में मैंने बहुत से आध्यात्मिक महत्व के तीर्थाटन किए हैं एवम बहुत सारी नदियों को पहाड़ों से निकलते एवं झड़ते देखा है। लेकिन आज पहली बार मैंने गंगा यमुना को आपस में मिलते देखा । एक तरफ #यमुना की शांत धारा, तो दूसरी तरफ #गंगा की तूफानी धारा। मानो की यमुना को चुनौती दे रही हो कि मैं बड़ी की तूम बड़ी ।। और मैंने देखा यमुना की धारा नीचे की ओर घुसते जा रही थी और गंगा की धारा ऊपर से चढ़ती जा रही थी और फिर दोनों समाहित हो कर एक अन्य दिशा में बहने लगी। बिल्कुल अद्भुत नजारा था। #संगम नगरी #प्रयागराज, #इलाहाबाद का ।। और मुझे उस में स्नान करने का मौका मिला । मैंने सात डुबकी लगाई ।किंवदंतियों के अनुसार इससे सात जन्म के पाप धुल जाते हैं एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है । #कल_जया_एकादशी_है (27-28) एवं दशमी को गंगा में स्नान करके एकादशी करने से जन्म जन्म के पाप धुल जाते हैं एवं एवं देवता प्रसन्न रहते हैं । वह रीती रिवाज...
क्योंकि सच एक मुद्दा हैं