जिस देश में किसी के द्वारा अपना प्रोफेशन (ऐक्टिंग) छोड़ देने या किसी के सिंदूर लगा लेने जैसे मुद्दों पर राष्ट्रीय स्तर की बहस छिड़ जाती हो, उस देश में मूर्खों, मानसिक रूप से अपाहिजों और अंधों की कितनी बंपर तादाद है, आप खुद ही समझ सकते हैं...! अरे, छोड़ने वाले तो प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक की कुर्सी तक को ठुकरा दिये, हर साल देश में जाने कितने युवा आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, प्रोफेसर समेत बड़े पदों पर बैठे पत्रकार...जैसे तमाम पदों को ठुकरा देते हैं! हर साल जाने कितने लोग अपनी करोड़ों की संपत्ति दान दे देते हैं, कुछ तो अपनी अरबों की संपत्ति दान करके सत्य को जीने निकल पड़ते हैं, मेरे पास उन सबके ढेरों उदाहरण हैं...! इन सब स्थितियों में एक अज्ञान लड़की, जिसे कल तक कोई जानता भी नहीं था, वह मात्र एक लाइन की बात कहकर ( मैं अल्लाह के वास्ते...) रातों-रात्र पब्लिसिटी की रानी हो जाती है, आप यह देश कितने मूर्ख़ों से भरा पड़ा है...! उस लड़की को पता था कि वह अपनी पूरी करियर में इतनी पब्लिसिटी न बटोर पाती, इसलिए उसने अपनी कौम के मूर्खों और देश के मूढ़ों की बेतहासा भीड़ का जबरदस्त इस्तेमाल
क्योंकि सच एक मुद्दा हैं