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Follow Up: एनएसएस स्वयंसेवकों ने प्राकृतिक आपदाओं से बचने को लेकर चलाया जागरूकता अभियान

मोतिहारी। भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एबं खेल मंत्रालय के निर्देशानुसार स्वच्छ भारत मिशन के तहत मनाया जानेवाला स्वच्छता पखवारा का आज तीसरे दिन मोतिहारी के एलएनडी कॉलेज के राष्ट्रीय सेवा योजना एकाई के वालंटियर्स ने मोतिहारी के रघुनाथपुर गाँव मे प्राकृतिक आपदा से बचने के विषय में ग्रामीणों को जागरूक किये।                 कार्यक्रम पदाधिकारी प्रोफेसर दुर्गेश मणि तिवारी ने चक्रवात, बाढ़, सुखा, भूकंप बज्रपात और आंधी आदि के कारण प्राकृतिक आपदा हो सकती है। बिहार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले प्राकृतिक आपदाओं में बाढ़, आधी तूफान, बज्रपात, प्रमुख है। इसके अलावा आग लगना, भूकम्प आना, बीमारियों के अगर बात करे बिभिन्न तरहका अपरिचित बुखार होना आदि के बजह से ग्रामीण हमेशा परेशान रहते है एबं जागरूकता के कमी होने के कारण आर्थिक क्षति के साथ साथ जीवन हानि भी होता है। इसी बातो को ध्यान में रखते हुए आज हमारे एनएसएस वालंटियर्स डोर टू डोर एप्रोच के साथ साथ ग्रामीणों के साथ बैठक करते हुए उक्त बिषयों में जागरूक किये।                  प्राकृतिक आपदा बचाव विषय पर वहाँ उपस्थित लोगों को संब

स्थानीय विधायक सह कला संस्कृति मंत्री बिहार सरकार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा, पदाधिकारी को दिए आवश्यक निर्देश

मोतिहारी। आज मंत्री,कला-संस्कृति एवं युवा विभाग,बिहार सरकार द्वारा मोतिहारी विधानसभा क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया गया। बाढ़ प्रभावित गांवों में झिटकहिया, नौरंगिया, लखौरा, बरवा, कटहाँ, रामगढ़वा, रामसिंह छतौनी, टिकुलिया और बरदाहा पंचायत का भ्रमण किया गया। इस क्रम में उपस्थित पदाधिकारियों को मंत्री श्री कुमार ने आवश्यक निर्देश दिए। मोतिहारी विधानसभा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के इस परिभ्रमण में मंत्री श्री सिंह के साथ प्रकाश स्थाना,सदर अनुमंडलाधिकारी प्रियरंजन राजु, डीसीएलआर, अंचलाधिकारी मोतिहारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी मोतिहारी मनरेगा पीओ, ओमप्रकाश सिंह, गणेश सिंह, चंदेश्वर सहनी,चंदेश्वर प्रसाद के साथ उक्त पंचायतों के मुखियागण शामिल थे।

सत्ता और सिस्टम के चक्रव्यूह में फंस कर अर्जुन मर गया...

इस तस्वीर को देखिए और विचलित होइए...अगर हो सकते है तो. ये मुजफ्फरपुर के मीनापुर प्रखंड के शीतलपट्टी गांव का अर्जुन हैं. अब इस दुनिया में नहीं है. बाढ की पानी में मां की गोद से गिर कर बह गया. मछुआरों ने लाश निकाली. मैं इस तस्वीर को अपने डेस्क़टॉप पर संभाल कर रखूंगा. आप भी रखिए. इसलिए...कि जब हमारा चन्द्रयान चान्द को छूने जाएगा तो मैं ये तस्वीर निकाल कर उस यान में रख दूंगा. भगवान आसमान में रहते हैं न. ये तस्वीर जा कर पूछेगी भगवान से, मेरा कसूर क्या था? यही कि मैं गरीब का बेटा था. यही कि मैं सर्वाइवल ऑफ द फिट्टेस्ट थ्योरी पर खरा नहीं उतरता था. तो क्या मैं मार दिया जाऊंगा? मुझे जीने का हक नहीं है? अर्जुन मरा नहीं. उसे मारा गया है. दोषी कौन है? मैं जानता हूं. लेकिन, मैं कुछ नहीं कर सकता. मैं अकेला कर भी क्या सकता हूं. सिवाए, इसके कि दोषियों के खिलाफ मेरे दिल से सिर्फ बद्दुआ निकले. उनकी बर्बादी की बद्दुआ. ये बद्दुआ कि तबाह हो जाए तुम्हारी अट्टालिकाएं. बर्बाद हो जाए तुम्हारा साम्राज्य. टूट जाए तुम्हारे सुरक्षा की चारदिवारी, जो गरीबों की आंसुओं से तुमको बचाती है.  इस तस्वीर को तब-तब निकालूं