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Showing posts from June 29, 2018

एक वर्षीय प्यार का हजार वर्षीय इजहार

यह कहानी बड़ा ही दिलचस्प है ध्यान से पढ़िएगा बीच में कट मत कीजिएगा वरना ज्ञान अधूरा रह जाएगा कहां गया है अधूरा ज्ञान अधूरी शिक्षा की निशानी है और यह संकट में डालने वाली है तो आप संकट में मत पढ़िएगा आज आप को सुनाएंगे एक ऐसे योद्धा की कहानी जिसने प्रेम भी किया और उसका इजहार भी किया जिसके 1 वर्षीय प्यार का प्रीमियम हजार वर्षीय हो चुका है जिसने अपने शादीशुदा जीवन का सिर्फ एक पर्सेंट ही पार किया क्या कि उसने हजारों-हजार बसंत की इबादत लिख डाली कि उसने हजारों-हजार बसंत की मोहब्बत की आजमाइश एक ही बार में पूरी कर डाली। 🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿 🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿   यह कहानी है समस्तीपुर रोसरा के ही रहने वाले गंगाधर महतो के पुत्र सीआईएसएफ के जवान सुभाष कुशवाहा की। सुभाष कुशवाहा ने 3 वर्ष पूर्व अपनी कड़ी लगन और मेहनत के बूते CISF का एग्जाम क्वालीफाई किया  लेकिन जॉब में जाने के बाद भी सुभाष कुशवाहा के मन में अपने क्षेत्र अपने समाज अपने राष्ट्र वह एवं पर्यावरण संरक्षण से सदा ही लगाव बना रहा. 🌴🌿🌴🌿🌴🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌴🌴 🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿

बेटी का दर्द.....जाने कोई-कोई....😢😢😢

👸👸👸👸👸👸👸👸👸👸👸👸👸👸👸👸👸 इतनी गरीबी ना देना कि, पलूं किसी के आंगन में।। 👀👀👀👀👀👀👀👀👀 रोऊ गिड्गिडाऊ या भूखे सो जाऊं, अपने मां के आंचल में।। 👀👀👀👀👀👀👀👀👀👀 बचपन क्यों मैं खो रही हूं, क्या कहूं क्यों मैं रो रही हूं ।। 👀👀👀👀👀👀👀👀👀 मां का आंचल भाई का तकरार, बचपन की मस्ती ढेर सारा प्यार।। 👣👣👣👣👣👣👣👣👣👣 ना जाने क्यों खो रही हूं क्या कहूं क्यों मैं रो रही हूं।। 💅💅💅💅💅💅💅💅💅💅💅➕🚆 उम्मीद तो नहीं, पर आंखों में सपने हैं ।। 👁👁👁👁👁👁👁👁👁👁👁👁👁 कोई तो मेरे परिवार को समझाइएगा, मेरे दिल का हाल बतलायेगा।। 💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓 एक न एक दिन कोई आएगा । और मुझे यहां से ले जाएगा ।। गरीबी के जंजीर को तोड़ पाऊंगी , हौसले का पंख फैला उड़ जाऊंगी । ✊✊✊✊✊✊✊✊✊✊ जाऊंगी कि उन्मुक्त गगन में, रह पाऊंगी अपने घर में ।। 🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴 📝युवा कवि विक्रम सागर 📝आप पढ़ रहे हैं NTC CLUB MEDIA ब्लॉगर  और मैं हूं  NAKUL KUMAR 📞8083686563📝ntcclubmedia@gmail.com ✍www.ntcclubmedia.com Videos के लिए आप हमारे YouTube चैनल NTC CLUB MEDIA  के इस लिंक पर👇

हिलोरे मेरे मन की : धर्मेंद्र

बस दिल और दिमाग का खेल है ज़िंदगी बड़ी उछल कूद करते हैं ये काबू में रखिये बाबू! इन्ही से मेल इन्ही से बेमेल है जिंदगी. बस दिल और दिमाग का खेल है ज़िंदगी. खुशी और डर का मसौदा तैयार करती तमाम दुनियावी चकाचौंध में उलझती बनती-बिगड़ती और संवरती रेलम पेल है जिंदगी, बस दिल और दिमाग का खेल है ज़िंदगी लाग-डाट लाग-डाट करते, सब आगे बढ़े खींच तान, खींच तान नाश ले, विनाश ले, पढ़े कढ़े खूब बढ़े मन की भयी तो झेल नहीं तो अझेल है जिंदगी, बस दिल और दिमाग का खेल है ज़िंदगी.jg मशवरा मुफ़्त में देने की आदी है दुनिया कीमतें तो तवज्जो तंय करती है खुद अमल करें न करें फ़क़त एक सलाह हम भी दे दिए लिपट लिपट चढ़ती बेल है जिंदगी, बस दिल और दिमाग का खेल है ज़िंदगी। आपकी तरह ही हमने भी जी कर देख ही रहे हैं. सार तो यही निकला "बस दिल और दिमाग का खेल है ज़िंदगी" 📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝Jgd जयहिन्द सत्यमेव जयते 7860501111 Dharmendra KR Singh SAHWES www.facebook.com/hilormeremanki 🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴 🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿 🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿 🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿

चंपा से चंपारण के नायक करोड़पति सुशील कुमार

NAKUL KUMAR NAKUL KUMAR is a freelance reporter. Now a days he is working with NTC CLUB MEDIA . He is completed Honours in Journalism & Mass Communication. He has five yerars Exp. in JOURNALISM. SUBSCRIBE www.ntcnewsmedia.com Home चंपा से चंपारण के नायक करोड़पति सुशील कुमार Wednesday, June 27, 2018 किसी ने ठीक ही कहा है आसमान में सुराग क्यों नहीं हो सकता एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो चंपा से चंपारण वृक्षारोपण अभियान चलाकर जिस तरह से करोड़पति सुशील कुमार ने चंपा के पौधे से चंपारण के गौरवशाली इतिहास को पुनर्जीवित किया है इसकी कितनी भी तारीफ की जाए कम है मालूम हो कि 3 महीना पहले करोड़पति सुशील कुमार ने यह सपना भी नहीं देखा होगा कि उनका यह अभियान इतना विस्तृत रूप धारण कर लेगा और इसे इतना बड़ा जनसमर्थन हासिल होगा लगभग 3 महीना पहले सुशील कुमार के पिता ने अपने नए जमीन पर एक चंपा का पौधा लगाया था इसे देखकर सुशील कुमार के मन में जिज्ञासा हुई कि चंपा का पौधा हमारे ही दरवाजे पर क्यों सब के दरवाजे पर क्यों नहीं काफी सोच विचार के बाद सुशील कुमार इस निर्णय पर नहीं पहुंच पा रहे थे कि आखिर इसकी

चंपा से चंपारण के नायक करोड़पति सुशील कुमार

NAKUL KUMAR NAKUL KUMAR is a freelance reporter. Now a days he is working with NTC CLUB MEDIA . He is completed Honours in Journalism & Mass Communication. He has five yerars Exp. in JOURNALISM. SUBSCRIBE www.ntcnewsmedia.com Home चंपा से चंपारण के नायक करोड़पति सुशील कुमार Wednesday, June 27, 2018 किसी ने ठीक ही कहा है आसमान में सुराग क्यों नहीं हो सकता एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो चंपा से चंपारण वृक्षारोपण अभियान चलाकर जिस तरह से करोड़पति सुशील कुमार ने चंपा के पौधे से चंपारण के गौरवशाली इतिहास को पुनर्जीवित किया है इसकी कितनी भी तारीफ की जाए कम है मालूम हो कि 3 महीना पहले करोड़पति सुशील कुमार ने यह सपना भी नहीं देखा होगा कि उनका यह अभियान इतना विस्तृत रूप धारण कर लेगा और इसे इतना बड़ा जनसमर्थन हासिल होगा लगभग 3 महीना पहले सुशील कुमार के पिता ने अपने नए जमीन पर एक चंपा का पौधा लगाया था इसे देखकर सुशील कुमार के मन में जिज्ञासा हुई कि चंपा का पौधा हमारे ही दरवाजे पर क्यों सब के दरवाजे पर क्यों नहीं काफी सोच विचार के बाद सुशील कुमार इस निर्णय पर नहीं पहुंच पा रहे थे कि आ

कविता

दोहा:--- बद अच्छा बदनाम बुरा,            'भ्रमर' किसे समझाय। बिना तेल दीपक बुझे,               दोष वायु पर जाय।। 2 ज्ञान बहत है सड़क पर,              धरहु ध्यान चहुँ ओर। मन को दीखत सभी कुछ,                   जुँ चाहे तु बटोर।। मुक्तक:--- जब  कामना   हृदय   की,                    बलभद्र  होती  है, तब   वासना  बिषय  के,                      सन्सर्ग  बोती  है, पर 'भ्रमर' उसको नही,                 इस  बात  का  पता, कि साधना में साध्य की,              अभिव्यक्ति सोती है।।                            या कि   धारणा  अनुरक्त  की,                  छल्ले  पिरोती है।।                      या कि अस्मिता भवतत्व की,                 परिपक्व जोती है।।                       या                 कि  धर्मिता अमरत्व  के,                पल्लव संजोती  है।।                         या कि कल्पना सेआत्म की,              अणुशक्ति खोती है।। रचयिता प्रेषक:--- विजय नारायण अग्रवाल 'भ्रमर'vtttt .vnbhrmar2244@gmail.com  रायबरेलीउ०प्र०29 जून 2018 📝आप पढ़ रहे हैं NTC CLUB MEDIA ब्लॉगर और