पुराने साल में जो गिले-शिकवे थे, उन्हें भुला देना सनम।। नए साल में, मोहब्बत की नई दास्तान लिखने की, एक आरजू है हमारी।। बहुत लड़ाई झगड़े हम, मोहब्बत भी तो हमने हीं की थी।। कुछ बेरुखी तुम्हारी, कुछ रुसवाइयां हमारी। अब उन्हें भुला दो सनम।। मोहब्बत की नई दास्तान लिखने की, एक आरजू है हमारी। तुम्हारा बेमतलब का मैसेज करना, और मेरा भी शायराना जवाब देना, तुम्हारी ओर इशारा करके, कविता की पंक्तियां बनाना , और उन पंक्तियों में तुम्हारा चित्रण करना। शायद तुम्हें पसंद भी था ना भी। उन शिकवे शिकायतों को भुलाकर, अब मुस्कुराओ सनम ।। मोहब्बत की नई दास्तान लिखने की, एक आरजू है हमारी।। 💐तुम्हारा💐 📝कवि हृदय: नकुल कुमार 📱8083686563
क्योंकि सच एक मुद्दा हैं