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Showing posts from April 26, 2018

रात की गहराई में...... भाग-3

बड़ी दूर दूर से रहते हो, मुझसे कुछ नहीं कहते हो। छोटे से शब्द से, मुझे उत्तेजित कर जाते हो, कहो ना अरे ओ प्रीतम, तुम कैसे रह पाते हो ।। रात रात भर जगकर, मैसेंजर निहारा करता हूं , तुम्हें ऑफलाइन देखकर, बस तुम्हें पुकारा करता हूं।। एक आस कभी दे जाते हो, निराश भी कर जाते हो। कभी बातें करते हो, कभी बातें बनाते हो। और फिर निशब्द से हो जाते हो, अरे ओ प्रीतम बता दो ना, तन्हा कैसे रह पाते हो।। 💐तुम्हारा💐 नकुल कुमार NTC CLUB MEDIA "क्योंकि सच एक मुद्दा है"