नकुल कुमार/मोतिहारी 08083686563 शायद ही कोई मिले, फिर मां जैसी। दु:खी रहकर, जिसने हमें हंसना सिखाया। गंदगी में सना मैं बैठा, उसने मुझे गोद उठाया। बार बार पुचकारा उसने, हे भगवान, तुने कैसी मां बनाया।
क्योंकि सच एक मुद्दा हैं
क्योंकि सच एक मुद्दा हैं