Skip to main content

Posts

Showing posts with the label poet: Nakul Kumar Motihari 8083686563

मुझे बेकरार न करना........नकुल कुमार साह की कलम से

मैं प्रेम पत्र नहीं लिख सकता, इसका इंतजार न करना । दिल में जो राज हो, उसे राज ना करना । कुछ लिखना, भूल से ही सही,मेरे वास्ते, जल्द भेजना , मुझे बेकरार न करना । भूल से ही सही, हमने यदि कुछ पूछ लिया हो तुम से, प्रण्य बंधक उन बातों का,  दिल से आन न करना। मेरे स्नेह का बंधन, तुमसे ही बंधा है, याद रखना, इससे कभी इन्कार न करना। और जो करती हो तुम, रातों में इंतजार हमारा। और इधर भी मन ढ़ूंढ़ता है, सोशल साइट्स का इंबाक्स सारा। और जब आधी रात में, इतने प्यार से, गुड नाईट कहती हो, नींद के आगोश में, जाकर मेरा जिया जलाती हो, कसम से तुम्हारी ये आदत, मुझे पूरी रात सोने नहीं देती हैं। तुम्हारा कलमकार आशिक #नकुल कुमार contact for advertisment and more Nakul Kumar 8083686563

तुम्हारे प्यार में

अभी तलक बदला नहीं मैं तुम्हारे इंतजार में.. कहीं तुम बदल जाओगी गोरी मेरे निश्चल प्यार में

कभी सोचा ना था.......???

कभी सोचा न था, ऐसा दिन भी आएगा। लड़के गे और बेटियों संग बलात्कार, किया जाएगा । भाउकता बेची जाएगी, मूर्ख प्रेरक बन जाएगा । उत्तेजना चरम छू जाएगी, समाजिकता धरी रह जाएगी । नाजुक तन परोसा जाएगा , कपड़ा, तन चढ़ने को तरस जाएगा । बेटी अपनी हो जाएगी, घर-घर बहू जलाई जाएगी । मर्द नपुंसक हो जाएगा और , कम्प्यूटर बच्चा जनाएगा । तब राह गुजरती महिला को, घूर-घूर कर देखा जाएगा । तब लाल किले की प्राचीर से , एक मर्द दहाड़ लगाएगा । बेटी बचाओ का नारा , जोर शोर से लगाएगा । तब शर्मिन्दा होगा यह देश , जब घर-घर शौचालय हो , का आग्रह कर जाएगा । धन्यवाद।।

तेरे बिना......... बदलाव अधुरा

अभी तलक बदला नहीं मैं, बस तुम्हारे इंतज़ार में। कभी जो तुम बदल जाओगी, हमारे निश्छल प्यार में।। कहीं मैं योगी बन जाऊं, बन योगन,संग रास रचाना। प्रीत का रंग गाढ़ा हो इतना, रोम रोम में कुछ यूं बस जाना।।...... ... ... Right now, I do not change the palm, Just waiting for you. Any time you change, In our absolute love .. Somewhere I can become a Yogi, Becoming Yoga, Creating Ras Preet color is so thick, Something went wrong in Rome Rome ........ ...

पहले इंसान बनो...............

इंसान अपना वहम, क्यूं इतना बढ़ा रहा है। अपना ही अपनों को, सरेआम सता रहा है।। जन्में थे इंसान पर, किसी ने हिन्दू बना दिया, किसी ने मुस्लिम बना दिया। मोहब्बत का पैगाम था बांटना, पर इन मज़हबी ठेकेदारों ने, बट-बट कर जीना सीखा दिया। रोता है यह दिल ऐ नकुल, चलो, किसी ऐसे जहां में।। जहां​ न जात हो, न धर्म हो, न फर्क हो इंसान में।। #नकुल कुमार 08083686563

डॉ दीनबंधु तिवारी जी

मेरे गुरु जी,            मार्गदर्शक,                संस्कृत के मनीषी,                        शिक्षा व संस्कृति के प्रतिबिंब,                                                  विचारों के सागर,                                       संरचनात्मक शक्तियों के उत्सर्जक, परम् आदरणीय #डॉ_दीनबंधु_तिवारी जी के विषय में कुछ भी लिखना सूरज को दीपक दिखाने जैसा है, समुंदर के अंतर में छुपे खजाने को बताने जैसा है। लेकिन फिर भी उनके प्रति मेरे मन में जो अटूट श्रद्धा, विश्वास एवं प्रेम है इसी के वश होकर आज मैं आपका फोटो डालने का साहस जुटा पाया हूं। निश्चित रूप से मेरा बचपन आपके मार्गदर्शन में प्रस्फुटित हुआ, बढ़ा एवं सामाजिक सरोकार के रूप में आज चरणबद्ध तरीके से विकसित हो रहा है। मेरे मन में विचारों की जो क्रांति है, शब्दों का जो संसार है उसमें काफी हद तक आपके प्यार और स्नेह की परछाई है।                         साहित्य के प्रति मेरे मन में जो प्रेम है। उसका प्रस्फुटन #विद्या_निकेतन के साहित्यिक वातावरण में आप श्रीमान के श्रेष्ठ मार्गदर्शन का ही प्रतिफल है। आपके विचारों में जो समत्व भाव है, जो सारगर्भिक्ता ह

Good Morning

बुद्ध पूर्णिमा

सभी मित्रों को बुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं। जिस समय ज्ञान का बोध हो जाएं, यही बोधिसत्व है । यह काल, स्थान,कुल-वंश आदि से परे है। ज्ञान का बोध संसार से मोहभंग होने पर ही हो यह भी आवश्यक नहीं है। क्योंकि इतिहास में ऐसे कई उदाहरण भरें पड़े हैं कि ईश्वर के प्रति उत्पन्न अकाट्य श्रद्धा, प्रेम व भाव की उत्पत्ति से भी मुक्ति संभव है।                        #मुक्ति_से_तात्पर्य_कभी_भी_व्यक्तिगत_जीवन_नहीं_है। अर्थात् व्यक्तिगत जीवन, मैं और मेरेपन के मोह से निकलकर समाज के अध्यात्मिक उत्थान के दिशा में कार्य​करना ही बोधिसत्व है। All the best wishes of Buddha Purnima to all friends. This is the Bodhisattva when the understanding of wisdom is realized. It is beyond period, place, total caste etc. It is not necessary even if the realization of knowledge is disillusionment with the world. Because in history many such examples have been filled that salvation is possible even from the creation of unshakable devotion, love and sense to God.               #freedom_system_out_out_bout_business_lif

बुद्ध पूर्णिमा

सभी मित्रों को बुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं। जिस समय ज्ञान का बोध हो जाएं, यही बोधिसत्व है । यह काल, स्थान,कुल-वंश आदि से परे है। ज्ञान का बोध संसार से मोहभंग होने पर ही हो यह भी आवश्यक नहीं है। क्योंकि इतिहास में ऐसे कई उदाहरण भरें पड़े हैं कि ईश्वर के प्रति उत्पन्न अकाट्य श्रद्धा, प्रेम व भाव की उत्पत्ति से भी मुक्ति संभव है।                        #मुक्ति_से_तात्पर्य_कभी_भी_व्यक्तिगत_जीवन_नहीं_है। अर्थात् व्यक्तिगत जीवन, मैं और मेरेपन के मोह से निकलकर समाज के अध्यात्मिक उत्थान के दिशा में कार्य​करना ही बोधिसत्व है।  नकुल_कुमार मोतिहारी, पूर्वी चंपारण बिहार 08083686563

Written by Nakul Kumar 8083686563

After all, how long......? how many Hemraj, Sheesh will cut off on the outskirts. How long till the siren, Will celebrate martyrdom India's mother-in-law, And how much deer would be. How long the widows and children, There will be pain in the house-house. In the belated opinion, Let's believe in the two modi ji The killer is the neck of the Pakistanis, Cut off and show Modi. We are very quiet country, Now we can not live anymore. By saving money from dogs, Now we can not walk anymore. Naxalism or Terrorism, It has to be erased now. 56 inch chest concealed, Now the enemy will show up. They understand the language of the gun, No longer work from junking. 125 crore broken, So Modi is not your name. (Translated version of a Hindi poem written by Nakul Kumar)