मोतिहारी/नकुल कुमार मोतिहारी। आज जनवादी लेखक संघ के तत्वावधान में होली विजन पब्लिक स्कूल मोतिहारी में महान उपन्यासकार और कालजयी हिंदी लेखक मुंशी प्रेमचंद का 139वाॅ जन्मदिन मनाया गया। गोष्ठी में उपस्थित जनवादी लेखक संघ के विद्वानों एवं उपस्थित अतिथियों के द्वारा मुंशी प्रेमचंद के जीवन उनकी कालजयी रचनाओं पर अपने विचार प्रकट किए गए।। प्रेमचंद्र जनसमस्याओं को लेकर लिखते थे उनकी रचना का प्रतिपाद्य विषय, दुसह गरीबी, प्रताड़ना, भेदभाव और सांप्रदायिक सद्भाव की रक्षक थी। उनकी लिखी पुस्तक 'सोजे वतन' को ब्रिटिश साम्राज्य ने जप्त किया और उसे जला दिया था ताकि ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध स्वतंत्रता की लड़ाई को बल ना मिले। प्रेमचंद का पहला नाम धनपतराय था उन्हें विवश होकर अपना नाम धनपतराय से प्रेमचंद रखना पड़ा। बीसवीं सदी के लोक संपर्क से जुड़े हुए सबसे बड़े लेखक के लेखन में जनता से गहरा जुड़ाव, उन्हें मैक्सिमम गोर्की एवं टॉलस्टॉय जैसे रचनाकारों के समकक्ष खड़ा करता है। आज भी उनकी रचनाओं की प्रासंगिकता है और उनके विचार आने वाली पीढ़ियों को दिशा-निर्देशित करती रहेगी।। गोष्ट
क्योंकि सच एक मुद्दा हैं