इधर आप दिल जलाते हो, और उधर भाभी की रोटियां जल जाती है।। इधर आप दिल लगाते हो , और उधर भाभी का दिल टूट जाता है।। वह सज-धजकर आपका इंतजार करती है, और एक आप हो, जो उन्हें बेकरार किए रहते हो. दिन रात मेहनत करके, जो खुद को मालामाल करते हो. एक बार भी भाभी का, क्यों नहीं ख्याल करते हो. दरवाजे के आड़ से,. निहारती है आपको, सिसकते हुए,दौड़कर बिछावन पर गिरती है. तकिए को पकड़ कर, संभालती हैं खुद को. उनके होठों की लाली में भी, मूक इंतजार रहता है. उनका मन और यौवन, इस कदर बेकरार रहता है . अब बस भी करो भैया, घर समय पर आओ ना . बेकरार भाभी पर, प्यार खूब बरसाओ ना. क्योंकि अब दरवाजे पर भाभी, बेलन लेकर किसी का इंतजार करती है । तभी दरवाजे पर पीटती है, कभी उसी से प्यार करती है। सिर रखकर दरवाजे पर,न जाने किसका इंतजार करती है। एक बार सोचा था, क्यों ना पूछ ही लूं कि , बेलन का प्यार किस पर बरसने वाला है ।।. लेकिन हिम्मत नहीं हुई, कहीं वह प्यार तत्क्षण........मुझ पर ना बरस जाए ।।..
क्योंकि सच एक मुद्दा हैं