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Showing posts from July 20, 2018

पत्रकार से नाखुश: आजाद पांडे

⚡⚡NTC CLUB MEDIA/GORAKHPUR ⚡⚡ गोरखपुर के प्रख्यात समाजसेवी एवं स्माइल रोटी बैंक के फाउंडर आजाद पांडे ने अपने ऊपर लगे तमाम आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए अपने Facebook पोस्ट पर अपने विषय में एक लंबी चौड़ी पोस्ट लिखी जिसमें उन्होंने अपने परिवार का स्टेटस अपने एक्सीडेंट की बातें उसके बाद जीवन बदलने की बातें एवं अपना जीवन समाज के निचले तबके के बच्चों के विकास के निमित्त समर्पित करने भीख मांगने की प्रथा पर अंकुश लगाने बच्चों में बढ़ रही नशाखोरी आदि को रोकने एवं शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षा मुहैया कराने के निमित्त स्माइल रोटी बैंक की स्थापना एवं उद्देश्य आदि विस्तार से लि खी है ।                      अब हम आपको बताते हैं की घटना क्या है .... आजाद पांडे अपनी पोस्ट में लिखते हैं कि किसी पत्रकार ने 2 चार   मिनट के एक वीडियो के माध्यम से स्माइल रोटी बैंक को नकारात्मक रूप से प्रचारित-प्रसारित किया एवं आजाद पांडे की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है आइए सबसे पहले पढ़ते हैं कि आजाद पांडे ने अपने Facebook वाल पर क्या लिखा हैं......? 🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴

तुम मुझे कपड़ा दो मैं तुम्हें झोला दूंगा....

NTC CLUB MEDIA /MOTIHARI प्लास्टिक से बचने की अपील जैसा कि आप जानते हैं कि चंपारण शुरू से ही क्रांति की भूमि रही है चंपारण ने जिस क्रांति को जिस आंदोलन को जिस मुद्दे को मुखरता से उठाया है वह मुद्दा पूरी दुनिया में खड़ा भी हुआ है और उससे समाज लाभान्वित हुआ है चाहे वह आदिकवि वाल्मीकि का शुभ हो चाहे वह गांधी का युग हो चाहे वह वर्तमान में मोतीझील आंदोलन के जनक अंसार उल हक का आंदोलन हो चाहे चंपा से चंपारण के नायक करोड़पति सुशील कुमार का आंदोलन हो या वर्तमान में मोतिहारी के युवा  शोधार्थी अभिषेक रंजन  तथा केशव जी का प्लास्टिक से पर्यावरण को बचाने का आंदोलन हो  मोतिहारी के दो लाल अभिषेक रंजन एवं केशव कृष्णा ने मिलकर एक नया अभियान चलाया है जिसके अंतर्गत मोतिहारी के लोगों से अपील करेंगे कि वे प्लास्टिक के थैले का उपयोग ना करें एवं अधिक से अधिक कपड़ा से बने  बैग उपयोग करें  इस कार्यक्रम का आगाज करते हुए अभिषेक रंजन ने कहा कि जैसा कि हम जानते हैं कि प्लास्टिक हमारे वातावरण के लिए बहुत ही हानिकारक है क्योंकि प्लास्टिक नश्वरता है निकलता है लेकिन यह हमारे मृदा को जल जल को एवं खुले में जलाने के बाद व

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जबरदस्ती गले मिल हंसी के पात्र बने हैं राहुल गांधी

NTC CLUB MEDIA / Lok Sabha अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान एक वाक्य ऐसा भी हुआ कि जिस समय राहुल गांधी अविश्वास प्रस्ताव पर अपने विचार रख रहे थे एवं अपने प्रश्नों से सरकार को घेर रहे थे उसी क्षण राहुल गांधी ने छुआछूत की भावना का जिक्र करते हुए कहा कि आज भी छुआछूत होता रहा है उसके बाद अचानक से राहुल गांधी अपनी सीट से उठकर मोदी से गले मिलने चलें गए इतना ही नहीं Rahul Gandhi  प्रधानमंत्री जी के सामने जाकर उनसे उठने का आग्रह किया जब प्रधानमंत्री जीने का आग्रह स्वीकार नहीं किया तब राहुल गांधी ने  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बैठे बैठे हुए जबरदस्ती गले मिल कर लौटने लगे तभी प्रधानमंत्री ने उन्हें बुलाया और हाथ मिलाकर उनके काम में कुछ कहा । इतना ही नहीं राहुल गांधी जब लौटकर अपनी सीट पर आएं दोनों ने आंखों से कुछ इशारा किया प्रधानमंत्री जी के पास जाना जाकर उनसे इस तरह से गले मिलना एवं लौट के आना आने के बाद आने के बाद आंखें चमकाना यह बात यह पूरी घटना स्पीकर  सुमित्रा महाजन गुजरात को नागवार गुजरा उन्होंने तुरंत ही इस पर राहुल गांधी को डांट लगाई स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि मोदी से सदन क

प्लास्टिक से बचने की अपील

NTC CLUB MEDIA /MOTIHARI प्लास्टिक से बचने की अपील जैसा कि आप जानते हैं कि चंपारण शुरू से ही क्रांति की भूमि रही है चंपारण ने जिस क्रांति को जिस आंदोलन को जिस मुद्दे को मुखरता से उठाया है वह मुद्दा पूरी दुनिया में खड़ा भी हुआ है और उससे समाज लाभान्वित हुआ है चाहे वह आदिकवि वाल्मीकि का शुभ हो चाहे वह गांधी का युग हो चाहे वह वर्तमान में मोतीझील आंदोलन के जनक अंसार उल हक का आंदोलन हो चाहे चंपा से चंपारण के नायक करोड़पति सुशील कुमार का आंदोलन हो या वर्तमान में मोतिहारी के युवा  शोधार्थी अभिषेक रंजन  तथा केशव जी का प्लास्टिक से पर्यावरण को बचाने का आंदोलन हो  मोतिहारी के दो लाल अभिषेक रंजन एवं केशव कृष्णा ने मिलकर एक नया अभियान चलाया है जिसके अंतर्गत मोतिहारी के लोगों से अपील करेंगे कि वे प्लास्टिक के थैले का उपयोग ना करें एवं अधिक से अधिक कपड़ा से बने  बैग उपयोग करें  इस कार्यक्रम का आगाज करते हुए अभिषेक रंजन ने कहा कि जैसा कि हम जानते हैं कि प्लास्टिक हमारे वातावरण के लिए बहुत ही हानिकारक है क्योंकि प्लास्टिक नश्वरता है निकलता है लेकिन यह हमारे मृदा को जल जल को एवं खुले में जलाने के बाद व

नाहीं अइलें पियवा विदेश से ....मधुबाला सिन्हा

बरस बरस सखी बदरा सतावेला कि नाहीं अइलें पियवा विदेश से $$ भींजेला धानी चुनर ,भींजेला देहिया कि सौतिन भईल ब सिंगार रे$$$ खनकेला हरियर चूड़ी,लहके टिकुलवा हो कब अइहें पियवा हमार हो$$$ गरज गरज बिजुरी,हमके डरावे ला हो कि कब ले लगइहें पिया अंग रे$$$ नईहर के सखिया सहेली ना सोहाली कि ससुरा में भईल मन थोर रे$$$ अब ना सताव पिया,गरजे बदरिया हो कि रुनझुन करेला पायल मोर रे$$$   मधुबाला सिन्हा 19/07/2018

विषमता

              --: विषमता :--- छाई हुयी विषमता,                 अज्ञान के किनारे। दिखता नही सहारा,               निष्ठा किसे पुकारे।। ममता की छॉव देखी,                 मन बोल उठा मेरा, कोई तो यहॉ अपना,                करता है आ बसेरा, पूछूँ मैं बात उससे,                क्यूँ अन्धकार फैला, क्या आस्था डिगी औ,                   बोधत्व है कसैला, या कामना मथानी,     निर्दय का रूप धारे--दिखता लेकिन वहॉ से उत्तर,               कोई मिला न मन को पर चेतना की खातिर,              बल तौल रहा गुण को कानों में गूंज आई,                  तू मौन रहना सीखे हरपल बिषय को लेकर,                  न वासना पे खीजे, यौवन की विभव उषमा,     अशलीलता संवांरे---दिखता पर इस चरन पे मेरा,                        स्नेह घट गया, देखी जो उसकी सूरत,                       संदेह छट गया, उसने हृदय को मोहा ,                    दे कान्ति के दिये, संकीर्णता नही थी,                सुख शान्ति के लिये, अवधारणा ही मेरी,   उसको नही बिचारे,---दिखता जब साधना ने समझी,                       एैसी मनो दशा, तो नम्र हो ऋणी को,