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Showing posts from January, 2019

घर आँगन की गुलजार.....

बिटिया रात की रानी दिन की बहार होती है घर आँगन की गुलजार तो कभी मनुहार भी होती है दो कूल का जीवन इससे दीप्तिमान हो जाती है प्रेम पगे रिश्ते भी इसमें मधुर मुस्कान सजाती है कहीं जन्म लेती है और--- कहीं घरौंदा बसाती हैं सृष्टि को विस्तृत करने में ईश्वर का हाथ बटातीं हैं एक जगह "पगड़ी" सजातीं दूसरे "पगड़ी" बचाती है जीवन के आपाधापी में 'खुद' न जाने कहाँ खो जाती है।।" सभी बेटियों की समर्पित

घर आँगन की गुलजार.....

बिटिया रात की रानी दिन की बहार होती है घर आँगन की गुलजार तो कभी मनुहार भी होती है दो कूल का जीवन इससे दीप्तिमान हो जाती है प्रेम पगे रिश्ते भी इसमें मधुर मुस्कान सजाती है कहीं जन्म लेती है और--- कहीं घरौंदा बसाती हैं सृष्टि को विस्तृत करने में ईश्वर का हाथ बटातीं हैं एक जगह "पगड़ी" सजातीं दूसरे "पगड़ी" बचाती है जीवन के आपाधापी में 'खुद' न जाने कहाँ खो जाती है।।" सभी बेटियों की समर्पित

कुन्डली छन्द

जग के बडे़ रजबाडे़,                       क्या राखेंगे मान, जैसा कि संत अखाडे़,                    वैभव करत प्रदान। वैभव करत प्रदान,                 धार्मिक  निष्ठा लाके , कर अनुभव संप्रीति,              बिषमता हिय की ढाके, कहत 'भ्रमर' कविराय,                 भाव आये नहिं आड़े, चाहे जितने रूप,                धरें जग के रजवाड़े।। विजय नारायण अग्रवाल 'भ्रमर' रायबरेली 22 जनवरी 2019

कुन्डली छन्द

जग के बडे़ रजबाडे़,                       क्या राखेंगे मान, जैसा कि संत अखाडे़,                    वैभव करत प्रदान। वैभव करत प्रदान,                 धार्मिक  निष्ठा लाके , कर अनुभव संप्रीति,              बिषमता हिय की ढाके, कहत 'भ्रमर' कविराय,                 भाव आये नहिं आड़े, चाहे जितने रूप,                धरें जग के रजवाड़े।। विजय नारायण अग्रवाल 'भ्रमर' रायबरेली 22 जनवरी 2019