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Reporting by Nakul Kumar

मोतिहारी .                                          नकुल कुमार  17.04.2017                                    08083686563                 नगर परिषद मोतिहारी का चुनाव निकट ही है और विभिन्न संभावित प्रतिनिधियों एवं उनके समर्थकों के बीच वाक युद्ध शुरु हो चुका है जहां एक और वर्तमान प्रत्याशी का कहना है कि वर्तमान प्रत्याशी पूजा गुप्ता का कहना है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में अपने वार्ड नंबर 9 के लिए जितना काम किया है उतना इसके पूर्व कभी भी किसी वार्ड पार्षद ने नहीं किया. वर्तमान वार्ड पार्षद श्रीमति पूजा गुप्ता ने कहा कि मैंने अपने वार्ड नम्बर 09 में नाली बनवाया, बिजली की व्यवस्था की, स्वच्छ पानी की व्यवस्था की, अपने वार्ड के गरीब गुरुवे गरीब लोगों को वृद्धा पेंशन दिलवाया, राशन कार्ड दिलवाया ,मिट्टी तेल योजना का लाभ दिलवाया, एवं विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उनके लाभ के लिए एवं अपने वार्ड की उन्नति के लिए मैं सदा सर्वदा कार्य करती रही। जब भी वार्ड के लोगों ने मुझे याद किया, मैंने​ तत्क्षण उनके समस्याओं का समाधान ही नहीं की वरन उनके पास जाकर उनसे मिली एवं व्यक्तिगत रूप से जितना हो सकता था, व

इंतजार में........नकुल कुमार

कई पक्ष बीत गए, मुझे तुम्हारा इंतजार रहा। तुम हमें कब याद किए, हमारा प्यार तो प्यार रहा। यौवन का रूप मलिन हुआ, चन्दा का वही आकार रहा। अॉखों का दीप्ति चली गई, कभी पतझड़, कभी बहार रहा। तुम सोए रहे सघन नीड़ में, दस्तक होता बारंबार रहा।।

भीमराव आंबेडकर/14.04.2017

 नकुल कुमार/मोतिहारी 08083686563                  महाड़ आंदोलन के प्रणेता, दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों की आवाज को बुलंद करने वाले, सदी के महानायक, महान विचारक, महान राजनीतिज्ञ एवं महान वकील श्री बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती पर उन्हें शत् शत् नमन।                 भीमराव अंबेडकर ना सिर्फ राजनेता थे बल्कि वे एक समाज प्रतिष्ठित, जन जन के नेता थे। राजनेता सिर्फ एक पार्टी के होकर रह जाते हैं। लेकिन बाबा साहब भीमराव अंबेडकर एक पार्टी के नहीं, एक समूह के नहीं बल्कि दबे-कुचलों, पिछडो़ एवं सामाजिक रूप से शोषित वर्गों के मसीहा थे।                 जिस समय भारत में जात-पात, छुआ-छूत, ऊंच-नीच आदि भावना के आधार पर समाजिक ​रूप से बंटा हुआ था। भारत आजाद तो हो चुका था लेकिन समाज का एक वर्ग अब भी तथाकथित बड़जात्या वर्ग के आधीन रहकर मानसिक, शारीरिक व सामाजिक यातना झेल रहा था। समाज के जिस वर्ग को छोटी जाति का कहके समाज के सभी अधिकारों से वंचित रखा गया था। जिन्हें सड़क पर चलने का अधिकार नहीं था, जिन्हें बराबरी का अधिकार नहीं था जिन्हें अच्छा खाने, अच्छा पहनने, उठने-बैठने व संपत्ति का अधिकार नहीं था। वैस

नकुल कुमार मोतिहारी

बतख मियां के गांधी ! महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह के सौ साल पूरे होने पर बापू अभी चर्चा में हैं। मैं थोड़ी सी चर्चा उस शख्स की करना चाहता हूं जो अगर न होता तो न गांधी नहीं होते और न भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास वैसा होता जैसा हम जानते हैं। वे शख्स थे चंपारण के ही बतख मियां। बात 1917 की है जब दक्षिण अफ्रीका से लौटने के बाद चंपारण के किसान और स्वतंत्रता सेनानी राजकुमार शुक्ल के आमंत्रण पर गांधी डॉ राजेन्द्र प्रसाद तथा अन्य लोगों के साथ अंग्रेजों के हाथों नीलहे किसानों की दुर्दशा का ज़ायज़ा लेने चंपारण आए थे। चंपारण प्रवास के दौरान जनता का अपार समर्थन उन्हें मिलने लगा था। लोगों के आंदोलित होने से जिले में विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होने की आशंका थी। वार्ता के उद्देश्य से नील के खेतों के तत्कालीन अंग्रेज मैनेजर इरविन ने मोतिहारी में उन्हें रात्रिभोज पर आमंत्रित किया। तब बतख मियां इरविन के रसोईया हुआ करते थे। इरविन ने गांधी की हत्या के लिए बतख मियां को जहर मिला दूध का गिलास देने का आदेश दिया। निलहे किसानों की दुर्दशा से व्यथित बतख मियां बतख मियां को गांधी में उम्मीद की किरण नज़

मां जैसी......

नकुल कुमार/मोतिहारी 08083686563 शायद ही कोई मिले, फिर मां जैसी। दु:खी रहकर, जिसने हमें हंसना सिखाया। गंदगी में सना मैं बैठा, उसने मुझे गोद उठाया। बार बार पुचकारा उसने, हे भगवान, तुने कैसी मां बनाया।

बचपन पढ़ाओ आन्दोलन

मोतिहारी/बंजरिया नकुल कुमार/08083686563            ज्योत से ज्योत जगाते चलो, ज्ञान की गंगा बहाते चलो। पुराने जमाने के गाने के तर्ज पर आज सिंघिया सागर गांव में शौक्षणिक जागृति का कार्यक्रम मूर्त रूप ले रहा है। वर्तमान परिवेश में कोई एक मिनट समय भी दूसरे के लिए नहीं निकाल पाता है। दूसरी ओर पत्रकारिता के छात्र नकुल कुमार शैक्षणिक जागृति के लिए " बचपन पढ़ाओं आन्दोलन" चला रहें हैं। वे बचपन पढ़ाओं आन्दोलन के माध्यम से बंजरिया प्रखंड के सिंघिया सागर गांव के वार्ड नं 02 में लगभग 20 बच्चों को नि: शुल्क शिक्षा दे रहें हैं। उनका सपना है कि वे  महात्मा गांधी के सपनों के अनुरूप अपने पूरे प्रखंड में इसी तरह की नि: शुल्क शिक्षण व्यवस्था लागू करके पूरे प्रखंड से अशिक्षा रूपी अंधियारे को दूर करके महात्मा गांधी के सपनों को पूरा करेंगे। इसके लिए उन्होंने बचपन पढ़ाओं आन्दोलन नाम के तहत शैक्षणिक कार्यक्रम का शुभारंभ किया है।                  महात्मा गांधी के चम्पारण सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष के अवसर पर इस तरह के शैक्षणिक कार्यक्रम की शुरुआत न सिर्फ समाज के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक संदेश है

मोतिहारी अभेद किले में तब्दील.

11.04.2017 Nakul Kumar/Motihari                     चंद लोगों की खुरापात और दहशत में मोतिहारी मोतिहारी चीनी मिल में गन्ना किसानों का आंदोलन इतना रौद्र रूप धारण करेगा यह किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था यदि प्रशासन अपने स्तर से चुस्त-दुरुस्त न होता तो शायद कई जाने जाती मालूम हो कि किसान कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे थे जो सोमवार को दो किसानों के आत्मदाह के साथ ही रौद्र रूप धारण कर लिया। जिन दो किसानों ने आत्मदाह की कोशिश की थी उनमें से एक नरेश श्रीवास्तव ने अहले सुबह ही दम तोड़ दिया। पुलिस का कहना है कि कुछ असामाजिक तत्व आंदोलन में शामिल थे जिन्होंने मौके का फायदा उठा कर अराजक स्थिति उत्पन्न कर दी। घटना को लेकर पुलिस ने पांच संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए प्रशासन ने​ मोतिहारीे जिले के संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था की है। शहर के चौक चौराहों पर पुलिस बल तैनात किया गया है।खास तौर पर घटना स्थल के आसपास के इलाकों में सुरक्षा की व्यवस्था काफी शख्त है। साथ ही पुलिस सिविल ड्रेस में असामाजिक तत्वों पर नजर