मेरे गुरु जी,
मार्गदर्शक,
संस्कृत के मनीषी,
शिक्षा व संस्कृति के प्रतिबिंब,
विचारों के सागर,
संरचनात्मक शक्तियों के उत्सर्जक,
परम् आदरणीय #डॉ_दीनबंधु_तिवारी जी के विषय में कुछ भी लिखना सूरज को दीपक दिखाने जैसा है, समुंदर के अंतर में छुपे खजाने को बताने जैसा है। लेकिन फिर भी उनके प्रति मेरे मन में जो अटूट श्रद्धा, विश्वास एवं प्रेम है इसी के वश होकर आज मैं आपका फोटो डालने का साहस जुटा पाया हूं। निश्चित रूप से मेरा बचपन आपके मार्गदर्शन में प्रस्फुटित हुआ, बढ़ा एवं सामाजिक सरोकार के रूप में आज चरणबद्ध तरीके से विकसित हो रहा है। मेरे मन में विचारों की जो क्रांति है, शब्दों का जो संसार है उसमें काफी हद तक आपके प्यार और स्नेह की परछाई है।
साहित्य के प्रति मेरे मन में जो प्रेम है। उसका प्रस्फुटन #विद्या_निकेतन के साहित्यिक वातावरण में आप श्रीमान के श्रेष्ठ मार्गदर्शन का ही प्रतिफल है। आपके विचारों में जो समत्व भाव है, जो सारगर्भिक्ता है, जो अपनेपन की की तीक्ष्णता है एवं मेरे लिए जो दुलार है उसकी विवेचना कर पाना मेरे लिए संभव नहीं
है।
हे विचार क्रांति के नायक, मोतिहारी में ज्ञान, बुद्धि एवं कौशल केन्द्र के रूप में विद्या निकेतन संस्थान के संस्थापक, संस्कृत के जुगनू को सूर्य के रूप में प्रकाशित करने वाले श्रेष्ठ विद्वान आपको बारंबार प्रणाम है।
विद्या निकेतन के प्राचार्य डॉ दीनबंधु तिवारी जी का छात्रों के नाम संदेश..... स्वतंत्रता दिवस पूर्व संध्या विशेष
NTC NEWS MEDIA/MOTIHARI मोतिहारी मैं हिंदी माध्यम स्कूलों में विद्या निकेतन एक सर्वश्रेष्ठ शैक्षणिक संस्थान के रूप में स्वयं को वर्षों से स्थापित किए हुए हैं और इसका सारा श्रेय इस विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर दीनबंधु तिवारी जी को जाता है जिन्होंने 72 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर छात्रों के नाम संदेश प्रेषित किया है सर कहते हैं कि..... " 72वे स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर मुझे यही कहना है कि आज के छात्र देश के भावी कर्णधार नागरिक बनेंगे उन्हें अपनी रुचि के अनुसार विषयों का चुनाव कर पूरे लगन एवं मनोयोग से अध्ययन करना चाहिए जिससे हमारा देश का चतुर्दिक विकास हो आर्थिक वैज्ञानिक या टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हमारा देश अन्य सभी देशों से आगे बढ़े यह किसी एक आदमी के करने से संभव नहीं होगा बल्कि हम सभी की सहभागिता से संभव है । हम छात्रों को यही सुझाव देना चाहेंगे कि वह अपने मस्तिष्क को रिसर्च की तरफ प्रेरित करें परंपरागत शिक्षा से अलग हटकर व्यवसायिक शिक्षा की तरफ अपनी कदम बढ़ाए देश में बेरोजगारी दूर करने हेतु रोजगार उन्मुक्त शिक्षा की तरफ वह सब लोग प्रवृत्त हो हम किसी को भी वैज्
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