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Showing posts from February, 2018

मातृ पितृ पूजन दिवस..........

श्री योग वेदांत सेवा समिति मोतिहारी पूर्वी चंपारण बिहार के तत्वावधान में टाउन हॉल मोतिहारी के मैदान में मातृ पितृ पूजन दिवस का आयोजन किया गया।               इस कार्यक्रम में संत श्री आसाराम जी बापू की शिष्या साध्वी सुश्री रेखा बहन ने कहा कि 14 फरवरी के दिन जहां पश्चिमी सभ्यता के तथाकथित प्रेम दिवस वैलेंटाइन डे मना कर अपने उस देश का नाश करते हैं और कम उम्र में ही गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं । कई बच्चे-बच्चियां हताशा एवं निराशा के शिकार होकर आत्महत्या तक कर लेते हैं। इतना ही नहीं प्रेमिका को गिफ्ट देने के लिए जघन्य अपराध चोरी आदि तक करते हैं वहीं दूसरी ओर पूज्य संत श्री आशारामजी बापू के शिष्य 14 फरवरी के दिन वैलेंटाइन डे ना मना कर उसकी जगह मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाते हैं । जिसमें वह फूल, चंदन, अक्षत, मिष्ठान आदि से माता-पिता की पूजा करते हैं एवं उनके चरण स्पर्श करके माता-पिता के प्रति पवित्र देव भाव सेवा भाव जागृत करते हैं उसके बाद माता-पिता अपने बच्चों को गले से लगाकर उन्हें आशीर्वाद देते हैं।                  इस अवसर पर विभिन्न स्कूलों से आए गरीब डेढ़ सौ बच्चे-बच्चियों ने फूल,

📝नकुल कुमार की कलम से....📝 वैलेंटाइन क्यों... मातृ-पितृ पूजन दिवस क्यों नहीं ......🤔...???

                 शुरू से ही बसंत का महीना कवि और लेखकों की लेखनी का केंद्र बिंदु में रहा है। सभी ने अपने अपने अनुसार बसंत का जोरदार चित्रण किया है। किसी ने बसंत को प्रेम का महीना बताया है तो किसी ने पतझड़ का, तो किसी ने नए-नए पल्लव का ।। बसंत के महीने में खेतों में सरसों का पीलापन मानो धरती के हाथ पीले कर देने व मोहब्बत का सुखद एहसास दिलाता है। वही इस महीने में महाशिवरात्रि सरस्वती पूजा जैसे त्यौहार इसकी महत्ता को बढ़ाते हैं।  किंतु कुछ वर्षों से देखने को मिला है कि पश्चिम जगत में वैलेंटाइन डे के नाम पर अश्लीलता अपने चरम को छू गई है। जहां मोहब्बत के नाम पर एक दूसरे के शरीर को प्राप्त करने के लिए काम आतुर जोड़ें कहीं कोई कसर नहीं छोड़ते । घर बेचकर प्रेमिका को खुश करते हैं,माता-पिता का दिल दुखा कर खुश करते हैं ।किंतु इस खुशी के मायने कुछ नहीं है ।। इन्हीं सभी चिंताओं से वाकिफ हुए अहमदाबाद साबरमती तट पर बसने वाले संत श्री आसाराम जी बापू ।।उन्होंने अपने साधकों के बीच संकल्प किया कि उनके सारे साधक 14 फरवरी को मातृ पितृ पूजन दिवस मनाएंगे और पूरे 1 सप्ताह तक यह कार्यक्रम उनके सारे आश्रमों में

पकौड़ा योजना...से मोदी विरोधी होंगे पश्त.....लिंक खोलकर पूरा लेख पढ़िए.........

आपको क्या लगता है BJP इतना मूर्ख है जो इस महंगाई की स्थिति में भी बार-बार पकौड़े जैसे शब्दों पर जोर देकर जनमानस को गुस्सा दिलाएगी......🤔          बीजेपी के पोस्टर ब्वॉय व स्टार प्रचारक माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी का यह कहना कि बेरोजगार रहने से अच्छा है पकौड़ा बेचा जाएं। पकौड़ा बेचने को रोजगार से जोड़ना और वह भी उस स्थिति में जब देश में बेरोजगारी चरम पर है । पढ़े लिखे युवाओं की फौज रोजगार के लिए खड़ी है यहां तक की राजस्थान में स्थिति यह हो गई है कि एक छोटी सी पोस्ट के लिए पटवारी के पोस्ट के लिए हजारों पढ़े लिखे अच्छे-अच्छे डिग्रीधारियों की फौज का टूट पड़ना बेरोजगारी से उत्पन्न भयंकर स्थिति अथवा विभिषिका को उजागर करती है ।। और उस परिस्थिति में प्रधानमंत्री जी का यह पकौड़ा योजना जले पर नमक छिड़कने जैसा है साथ ही साथ BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी सदन में इस बात पर जोर दिया है कि बेरोजगार रहने से अच्छा है कि पकौड़ा बेचा जाए।। आइए उनकी इस बात का ऑपरेशन किया जाए और देखा जाए किसके भीतर क्या छुपा हुआ है......???🤔🤔🤔 मुझे लगता है कि यह सारी स्थितियां भविष्य में आने वाल