श्री योग वेदांत सेवा समिति मोतिहारी पूर्वी चंपारण बिहार के तत्वावधान में टाउन हॉल मोतिहारी के मैदान में मातृ पितृ पूजन दिवस का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में संत श्री आसाराम जी बापू की शिष्या साध्वी सुश्री रेखा बहन ने कहा कि 14 फरवरी के दिन जहां पश्चिमी सभ्यता के तथाकथित प्रेम दिवस वैलेंटाइन डे मना कर अपने उस देश का नाश करते हैं और कम उम्र में ही गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं । कई बच्चे-बच्चियां हताशा एवं निराशा के शिकार होकर आत्महत्या तक कर लेते हैं। इतना ही नहीं प्रेमिका को गिफ्ट देने के लिए जघन्य अपराध चोरी आदि तक करते हैं वहीं दूसरी ओर पूज्य संत श्री आशारामजी बापू के शिष्य 14 फरवरी के दिन वैलेंटाइन डे ना मना कर उसकी जगह मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाते हैं । जिसमें वह फूल, चंदन, अक्षत, मिष्ठान आदि से माता-पिता की पूजा करते हैं एवं उनके चरण स्पर्श करके माता-पिता के प्रति पवित्र देव भाव सेवा भाव जागृत करते हैं उसके बाद माता-पिता अपने बच्चों को गले से लगाकर उन्हें आशीर्वाद देते हैं।
इस अवसर पर विभिन्न स्कूलों से आए गरीब डेढ़ सौ बच्चे-बच्चियों ने फूल,माला,चंदन,मिष्ठान, अक्षत लगाकर अपने माता-पिता की पूजा की। तत्पश्चात माता पिता ने अपने बच्चों को गले से लगाकर उन्हें ओजस्वी तेजस्वी बनने का आशीर्वाद दिया।।
इस कार्यक्रम में बच्चें-बच्चियों के माता-पिता के अलावा सैकड़ों की संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। आयोजक श्री योग वेदांत सेवा समिति की तरफ से अध्यक्ष कौशल किशोर सिंह, चंद्र भूषण वर्मा, रामलाल प्रसाद, राजेश कुमार, नकुल कुमार, बृजेश प्रसाद, दिलीप प्रसाद, शशिभूषण प्रसाद, अच्छेलाल शाह, सुधीर कुमार, अरुणाकर कुमार, अनिल कुमार,रूपेश मुन्ना कुमार राहुल कुमार एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
विद्या निकेतन के प्राचार्य डॉ दीनबंधु तिवारी जी का छात्रों के नाम संदेश..... स्वतंत्रता दिवस पूर्व संध्या विशेष
NTC NEWS MEDIA/MOTIHARI मोतिहारी मैं हिंदी माध्यम स्कूलों में विद्या निकेतन एक सर्वश्रेष्ठ शैक्षणिक संस्थान के रूप में स्वयं को वर्षों से स्थापित किए हुए हैं और इसका सारा श्रेय इस विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर दीनबंधु तिवारी जी को जाता है जिन्होंने 72 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर छात्रों के नाम संदेश प्रेषित किया है सर कहते हैं कि..... " 72वे स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर मुझे यही कहना है कि आज के छात्र देश के भावी कर्णधार नागरिक बनेंगे उन्हें अपनी रुचि के अनुसार विषयों का चुनाव कर पूरे लगन एवं मनोयोग से अध्ययन करना चाहिए जिससे हमारा देश का चतुर्दिक विकास हो आर्थिक वैज्ञानिक या टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हमारा देश अन्य सभी देशों से आगे बढ़े यह किसी एक आदमी के करने से संभव नहीं होगा बल्कि हम सभी की सहभागिता से संभव है । हम छात्रों को यही सुझाव देना चाहेंगे कि वह अपने मस्तिष्क को रिसर्च की तरफ प्रेरित करें परंपरागत शिक्षा से अलग हटकर व्यवसायिक शिक्षा की तरफ अपनी कदम बढ़ाए देश में बेरोजगारी दूर करने हेतु रोजगार उन्मुक्त शिक्षा की तरफ वह सब लोग प्रवृत्त हो हम किसी को भी वैज्
Comments