बरस बरस सखी बदरा सतावेला कि
नाहीं अइलें पियवा विदेश से $$
भींजेला धानी चुनर ,भींजेला देहिया कि
सौतिन भईल ब सिंगार रे$$$
खनकेला हरियर चूड़ी,लहके टिकुलवा हो
कब अइहें पियवा हमार हो$$$
गरज गरज बिजुरी,हमके डरावे ला हो
कि कब ले लगइहें पिया अंग रे$$$
नईहर के सखिया सहेली ना सोहाली कि
ससुरा में भईल मन थोर रे$$$
अब ना सताव पिया,गरजे बदरिया हो
कि रुनझुन करेला पायल मोर रे$$$
मधुबाला सिन्हा
19/07/2018
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