श्री सिंह नें बताया कि अभी तक हमारे हिन्दू संस्कृति में बेटी के शादी से पूर्व फलदान कार्यक्रम में होने वाले दमाद का पांच प्रकार का फल देने की परम्परा रही है।वो फल हमारी बेटी को नसीब नहीं हो पाता है।इसलिए पांच प्रकार का फल देने के साथ-साथ 51 फलदार पौधा दिया है,जिससे आने वाले 5 साल में उस पेड़ से फल फलेगा तो हमारी बेटी,दमाद और नाती-नतिनी भी एक साथ बैठकर फल खायेंगे और इससे हमारा पर्यावरण संरक्षण भी होगा।
पौधा पाकर अभिभूत दूल्हा आयुष्मान कुमार अमरेश अतिथियों और ग्रामवासियों के साथ-साथ पूर्व से तैयार खेतों में जाकर पौधरोपण किया।पौधरोपण से पूर्व "सेल्फी विथ ट्री" मुहीम के संस्थापक पौधा वाले गुरू जी ट्रीमैन राजेश कुमार सुमन नें उपस्थित अतिथियों और ग्रामवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि हरेक बेटी के पिता को फलदान कार्यक्रम में फल देने के साथ-साथ पाँच प्रकार फलदार पौधा भी भेंट करने की परम्परा बनाना चाहिए।
इसके अलावे तमाम अतिथियों से भारत माता को पर्यावरण प्रदूषण रूपी समस्या से आजाद कराने के लिए जन्मदिन व शादी के सालगिरह पर भी केक काटने के बजाय पौधारोपण कर इको फ्रेंडली जन्मदिन व शादी के सालगिरह मनाने के लिए अपील किया।शादी के समय वरमाला के बाद वर-वधू के द्वारा फलदार पौधरोपण की परम्परा शुरू किया जाना चाहिए।इस दौरान नितेश चौरसिया,साहित्यकार चांद मुसाफिर,फिल्म अभिनेता अमिय कश्यप सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे।
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