दुनिया के कई देशों में गिरोह वाली सत्ता चलती रही है जिसमें कबीले एवं उसके सरदार की कहानियां हमें ज्यादा सुनने को मिलती है खासतौर से अरब जगत का इतिहास खंगाला जाए तो यह सारी चीजें ज्यादा है। जहां हर कबीले का एक सरदार होता है सरदार के एक इशारे पर कबीले के लोग मर मिटने को तैयार रहते हैं। और वह सरदार ही कबीले की सुरक्षा,भोजन-पानी, दिशा, ज्ञान विज्ञान आदि का मार्गदर्शक एवं व्यवस्थापक होता है।
यहां कबीलों के बीच भी प्रतिस्पर्धा होती है एवं उस प्रतिस्पर्धा का मूल धन क्षेत्र एवं स्त्रियां होती हैं एक कबीला दूसरे कबीले पर हमला सिर्फ इसलिए करता है ताकि वह उसके आर्थिक संसाधन एवं सुंदर स्त्रियों को प्राप्त कर सकें, इतिहास के बहुतेरे पन्नों में आप ने इन सभी बातों को पढ़ा होगा।
लेकिन जब भारत और पाकिस्तान के संदर्भ में इसकी विवेचना की जाए तो पाकिस्तान ने इस कबीर ले वाली मानसिकता को नीचता की हद तक जाकर निभाया है चाहे बात 1948 में पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर पर किए गए कबीलाई हमला एवं श्रीनगर में लूटपाट स्त्रियों के साथ बलात्कार अथवा 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के समय पाकिस्तानी आर्मी द्वारा बांग्लादेश में किए गए दो लाख नरसंहार एवं हजारों महिलाओं के साथ रेप इसकी बानगी को पुष्ट करते हैं पाकिस्तान अपने इस कायराना हरकत को अपने इतिहास से नहीं मिटा सकता।
अब भारत एवं जम्मू कश्मीर की परिस्थिति पर इस फोटो के संदर्भ में जब हम विचार करते हैं दो हम पाते हैं कि भारत जैसे जिम्मेदार एवं संप्रभु देश में आज तक किसी भी राष्ट्र पर हमला नहीं किया उसकी जमीन हड़पने की कोशिश नहीं की उसकी धन संपत्ति आदि पर बुरी नजर नहीं डाली हां दुश्मन की आंख निकाली है और यह कदम स्वागत योग्य है। लेकिन इन सबके बावजूद भारत के सैनिकों ने कभी भी अपनी मर्यादा का उल्लंघन नहीं किया है अपनी जान देकर देश की सुरक्षा की है यह सर्वविदित है।
आर्टिकल 370 के साथ ही जाने एवं जम्मू कश्मीर को दो भागों में बांटकर भारत में पूर्ण विलय के साथ ही सोशल मीडिया पर कश्मीरी बहनों की फोटो के साथ तरह-तरह के अनर्गल comment की बाढ़ सी आ गई थी उन लोगों यह ध्यान रखना चाहिए कि हम नाही अरब जगत के कबीले अथवा उसके सरदार हैं और ना ही पाकिस्तान की बलात्कारी आर्मी के पालतू जिहादी।
कश्मीरी बानो पर कमेंट करने से पहले हजार बार यह सोचना चाहिए कि हम वीर शिवाजी महाराणा प्रताप भगवान श्री राम श्री कृष्ण के वंशज हैं हमने स्त्रियों के मान सम्मान के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया है यहां तक कि कश्मीरी हाई बालों की सुरक्षा के लिए हमारे 40000 सिक्योरिटी फोर्सस ने अपनी कुर्बानी दी है। एवं हजारों कश्मीरी भाई बहन भी पीड़ित हुए हैं... तो जिस देश का इतिहास स्त्रियों को देवी का दर्जा देने वाला हो स्त्रियों के मान सम्मान इज्जत आबरू की सुरक्षा करने वाला हो एवं उनकी सुरक्षा के लिए अपना सर्वस्व निछावर करने वाला हो उस देश के एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते कम से कम इस तरह की शक्तियां एवं गैर जिम्मेदाराना कॉमेंट कतई नहीं करना चाहिए।
कश्मीर से 370 हटने का यह कतई मतलब नहीं है कि हमने कश्मीर कोई जीता है अथवा लूटा है बल्कि कश्मीर हमारा है क्या हमारा ही है हमारा ही रहेगा वहां के कश्मीरी भी हमारे ही हैं लेकिन कश्मीर के विलय के समय कुछ ऐसे प्रोविजंस लगाए गए थे जो कि उस समय की स्थिति के अनुसार सही थे लेकिन अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में पाकिस्तान की बदनियति एवं आतंकवाद को विदेश नीति के तौर पर प्रयोग किए जाने की नीति ने कश्मीर में अलगाववाद को हवा दिया एवं मासूम युवक-युवतियों को मानसिक रूप से भारत में रोटी बनाने की कोशिश की जिसमें वह नाकाम हुआ और इसकी बानगी आप सबके सामने है।
इसलिए मेरे भारतवर्ष के प्यारे भाई बहनों किसी भी कश्मीरी बहन की फोटो पोस्ट करके उस पर अनर्गल कमेंट ना करो क्योंकि वह हमारे अपने लोग हैं कश्मीर से 370 हटने के साथ ही कश्मीर में कश्मीरियत फिर से प्राकृतिक रूप से पुर्नर्जीवित होनी चाहिए।।
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