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आपके चेहरे पर ये खामोशी अच्छी नहीं लगती............सुना है आप हंसने के शौकीन हैं।

नकुल........ ब्रेकअप कर ले यार।।

ब्रेकअप कर ले यार, अब तो ब्रेकअप कर ले यार। रंग में भंग डालने आई , कुंवारों की सरकार। ब्रेकअप कर ले यार, अभी तो ब्रेक अप कर ले यार। अब झाड़ी के पीछे बैठकर , गप्पे नहीं लड़ाना जी। किसी पेड़ पर लव यू जानू, मैसेज ना छोड़ जाना जी। डार्लिंग डार्लिंग मेसेंजर पे कहना, WhatsApp पर करना प्यार। लो आ गई कुवारों की सरकार। अब तो ब्रेकअप कर ले यार अब तो ब्रेकअप कर ले यार।।

वाह पाण्डेय जी..........

कमाल हो गया, धमाल हो गया। मूंछ हुई काली, चेहरा लाल हो गया। वाह रे मेरे शिक्षक मित्र, ये कैसा हा ल हो गया।

पागलपन

मेरे पागलपन की चर्चा, सारे शहर में फैली है। पर इस पागलपन में भी, तुम्हें पहचानता हूं, यह ख़बर भी, सरेआम कर दो।। कुछ अफवाहें,जो तुमने फैलाई है, कुछ अपनी मिलाकर।चलो, अब उनका काम , तमाम कर दो।। मुझे मालूम न था, कोई मेरे पागलपन का, इतना मुरीद होगा। पहले अफवाहें फैलाएगा, और माफ़ी के बहाने, इतना करीब आएगा।। #नकुल_कुमार "आलोचक" मोतिहारी, पूर्वी चम्पारण बिहार #मो_08083686563 #मो_08789826276 #Nakul_Tuition_Center #Cashless_Education #बचपन_पढ़ाओ_आन्दोलन #Vision2020 #इक्कीसवीं_सदी_उज्जवल_भविष्य

राजेश कुमार सुमन........ शैक्षणिक क्रांति के सारथी।

कैसे अकेले एक शख्स ने 8 साल में खड़ी कर दी 'बीएसएस क्लब' सरकारी नौकरी की फौज़ भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई के विदेश मंत्रालय के पूर्व कर्मचारी राजेश कुमार सुमन. मूलत: समस्तीपुर,बिहार के रहने वाले राजेश कुमार सुमन को यह देखकर अच्छा नहीं लगता था कि बिहार के युवा पढ़ाई तो अच्छी करते हैं लेकिन प्रतियोगी परीक्षाओं में उनकी सफलता की दर काफी कम है. इसी विचार से प्रेरित होकर उन्होंने 8 साल पहले ‘बीएसएस’ नामक संस्था बनाकर युवा प्रतिभागियों की निशुल्क कोचिंग शुरू की और इन 8 सालों में उनकी संस्था ने सरकारी नौकरी की पूरी फ़ौज तैयार कर दी है. सुमन जब विदेश मंत्रालय में पोस्टेड थे जब कभी छुट्टी  में घर में आते थे, तो  युवाओं का हुजूम मिलने आते थे, जिससे परिचय का दायरा बढ़ा तो उन्हें समझ में आया कि इस राज्य में युवा लड़के लड़कियां पढ़ाई लिखाई में मेहनत करते हैं, लेकिन उनकी यह सारी मेहनत उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं के लायक नहीं बना पाती. सुमन सोच में पड़ जाते लेकिन रास्ता नहीं सूझता. फिर एक दिन उन्होंने तय कर लिया कि इन युवाओं के लिए कुछ न कुछ तो करना पड़ेगा. उनकी इसी सोच के चलते नौकरी छोड़कर ‘

नकुल का................. समर्पण

हमसे समर्पण की चाह रखने वाले, ये तो बता, तेरा क्या है समर्पण ? हमसे अर्पण की चाह रखने वाले, ये तो बता तेरा क्या है अर्पण ? तन भी समर्पित, मन भी समर्पित, अब तो बता, मैं क्या करूं अर्पण । लोभ भी तेरा है, भोग भी तेरा है, इस लोभ का क्यों न, तुम करते हो अर्पण । हमसे समर्पण की चाह रखने वाले, ये तो बता, तेरा क्या है समर्पण ? तनाव में सोता हूं, तन्हाई में खोता हूं, तनाव का कैसे, कर दूं मैं तर्पण। मजबूर सिपाही, हमको न समझो; गर, किया है हमने, खुद को समर्पण । हमसे समर्पण की चाह रखने वाले, ये तो बता, तेरा क्या है समर्पण ? गुणवान सार्थी हूं , रणभूमि का; अब बन जाओ, इस रण के अर्जुन; बांटो न दिल को, बंट जाओगे इक दिन, दरबारी बढ़ाएंगे, कुछ ऐसे धड़कन । हमसे समर्पण की चाह रखने वाले, ये तो बता, तेरा क्या है समर्पण ? #नकुल_कुमार (युवा आलोचक ) 8083686563 08789826276

शब्द

      शब्द........... शब्दों संग, शब्दों में खोने लगा हूं। आखिर मैं तेरा, होने लगा हूं। मेरी कविता में, शब्दों की मोती है तू। मेरे ख्वाबों की बाहों में, सोती है तू। कई शब्द, बेशब्द हुए, अनाथ पड़े हैं। कुछ गर्व से, कुछ निर्लज्ज खड़े हैं । किसकी लज्जा मैं, किससे छुपाऊं। क्यों न नया, कोई शब्द बनाऊं ।         Words........... With words I started losing. After all, I have started to be. In my poem, You are the pearl of words In the arms of my dreams, You are sleeping Many words, of course, Orphaned. Some pride, some Are shameless standing. Whose disgrace I am, Whom to hide Why not new, Make a word #nakul_kumar "critic" Motihari, Eastern Champaran Bihar 845401 # Mobile_8083686563, 8789826276 # Childhood_readings_and movement #बचपन_पढ़ाओ_आन्दोलन #Cashless_Education # Vision2020 #Khwab_ek_nai_Duniya_Ki