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डॉ दीनबंधु तिवारी जी

मेरे गुरु जी,            मार्गदर्शक,                संस्कृत के मनीषी,                        शिक्षा व संस्कृति के प्रतिबिंब,                                                ...

Good Morning

प्याज

सब्ज़ी बनाने के लिए रखा तो ये जान भी ले सकता है कृपया ज्यादा से ज्यादा शेयर करे 501820      सन 1919 में फ्लू से चार करोड़ लोग मारे जा चुके थे तब एक डॉक्टर कई किसानों से उनके घर इस प्रत्याशा ...

प्रेम

प्रेम में वासना का कोई स्थान नहीं है लेकिन यक्ष प्रश्न है कि क्या आज प्रेम है क्या समाज में प्रेम का इस्थान रह गया है और इसका सबसे ज्वलंत उत्तर यही है कि आज शरीर के प्रति परस्...

दलित बेटी का दम: मेरिटधारियों को पछाड़ रिया सिंह बनीं पीएचडी प्रवेश परीक्षा टॉपर

दलित बेटी का दम: मेरिटधारियों को पछाड़ रिया सिंह बनीं पीएचडी प्रवेश परीक्षा टॉपर Created By :  नेशनल दस्तक ब्यूरो  Date :  2017-05-10  Time : 16:45:32 PM  नई दिल्ली।  पिछले कुछ समय में देश में एक बड़ा बदलाव देखन...

दलित बेटी का दम: मेरिटधारियों को पछाड़ रिया सिंह बनीं पीएचडी प्रवेश परीक्षा टॉपर

दलित बेटी का दम: मेरिटधारियों को पछाड़ रिया सिंह बनीं पीएचडी प्रवेश परीक्षा टॉपर Created By :  नेशनल दस्तक ब्यूरो  Date :  2017-05-10  Time : 16:45:32 PM  नई दिल्ली।  पिछले कुछ समय में देश में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। सवर्णों का एकाधिकार माने जाने वाले बड़े शिक्षण कोर्सों और शिक्षण संस्थानों में दलित वर्ग के लोग टॉप कर रहे हैं, वो भी सवर्णों को पछाड़कर। कुछ दिनों पहले आईआईटी-जेईई की मेंस परीक्षा में दलित छात्र कल्पित वीरवाल ने 360 में से 360 नंबर लाकर पूरे देश को आश्चर्यचकित कर दिया था। अब ऐसा ही किया है गाजियाबाद की दलित छात्रा रिया सिंह ने।  रिया सिंह ने टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस मुंबई के पीएचडी प्रवेश परीक्षा में मेरिटधारियों को पछाड़कर पहला स्थान प्राप्त किया है। वह अपना रिसर्च महिला अध्ययन में करेंगी। आप भी जानिए रिया सिंह की कहानी उन्हीं की जुबानी कि कैसे उन्होंने देश के संस्थानों में जातिगत भेदभाव को झेलते हुए मेरिट धारियों को पछाड़कर सफलता हासिल की... "मेरी शुरुआती शिक्षा दिल्ली-ग़ज़ियाबाद के इलाके में हुई। ग्रेजुएशन के लिए ...

दलितों पर अत्याचार.......आखिर कब तक...???

नकुल कुमार/मोतिहारी 08083686563                 महाड़ आंदोलन के प्रणेता, दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों की आवाज को बुलंद करने वाले, सदी के महानायक, महान विचारक, महान राजनीतिज्ञ एवं महान वकील श्री बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को शत् शत् नमन।                     भीमराव अंबेडकर ना सिर्फ राजनेता थे बल्कि वे एक समाज प्रतिष्ठित, जन जन के नेता थे। राजनेता सिर्फ एक पार्टी के होकर रह जाते हैं। लेकिन बाबा साहब भीमराव अंबेडकर एक पार्टी के नहीं, एक समूह के नहीं बल्कि दबे-कुचलों, पिछडो़ एवं सामाजिक रूप से शोषित वर्गों के मसीहा थे।                      जिस समय भारत में जात-पात, छुआ-छूत, ऊंच-नीच आदि भावना के आधार पर समाजिक ​रूप से बंटा हुआ था। भारत आजाद तो हो चुका था लेकिन समाज का एक वर्ग अब भी तथाकथित बड़जात्या वर्ग के आधीन रहकर मानसिक, शारीर...