शुक्रवार को संध्या का दिन मोतिहारी के लिए काफी खास रहा क्योंकि इस दिन बिहार के दूसरे डिजिटल लाइब्रेरी का उद्घाटन ब्रावो फार्मा के सीएमडी एवं एनआरआई उद्योगपति राकेश पांडे के कर कमलों से किया गया।
लाइब्रेरी उद्घाटन के उक्तमौके मौके पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए श्री पांडे ने कहा कि यही दुनिया में आप शिक्षा का दान कर सकते हैं, तालीम दे सकते हैं तो इससे बड़ा नेक काम इस दुनिया में और कुछ नहीं हो सकता है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य शिक्षा और रोजगार इन 3 क्षेत्रों मैं काम करना चाहता हूँ । लाइब्रेरी के डिजटालाइजेशन पर अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि धीरे धीरे सब कुछ डिजिटल होते जा रहा है इसलिए अब लोग सारी किताबें खरीदने से बेहतर है कि इंटरनेट के माध्यम से विभिन्न किताबों को अपने मोबाइल में डाउनलोड करके रखें एवं अपने आवश्यकतानुसार उसका उपयोग अपने ज्ञान/इल्म को बढ़ाने में कर सकेंगे।।
युवा पीढ़ी की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि 18 से 25 वर्ष के युवा काफी रेडिकलाइज हो चुके हैं एवं इस पीढ़ी को संभालने के लिए लाइब्रेरी जैसी संस्थाओं को होना बहुत ही जरूरी है क्योंकि एक सशक्त समाज का निर्माण हम तभी कर सकते हैं जब हम उन्हें शिक्षित कर सकें।
उर्दू लाइब्रेरी के सचिव साजिद राजा ने कहा की
20 बरस से बंद पड़ी उर्दू लाइब्रेरी एक नए फ्लेवर में सामने आई है और इसका पूरा का पूरा क्रेडिट राकेश पांडे सर को जाता है। यार लाइब्रेरी आज के युवा पीढ़ी की आवश्यकता एवं आकांक्षा के अनुरूप बना है। यह पूछे जाने पर कि क्या राकेश पांडे चंपारण में आधुनिक शैक्षणिक क्रांति के जनक होंगे पर श्री रजा ने कहा कि बिल्कुल जिस तरह से राकेश पांडे सर शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान दे रहे हैं।
मालूम हो कि उर्दू लाइब्रेरी की स्थापना 1920 में की गई एवं तब से आज तक इस लाइब्रेरी ने अपने इस लंबे वक्त में कई उतार-चढ़ाव देखे। एक समय तो ऐसा भी आया जब लाइब्रेरी बंद कर दी गई। लेकिन वक्त की अंगड़ाई के साथ एक बार फिर से लाइब्रेरी अपनी रंगत में आ गई है।
इस मौके पर नगर परिषद के पूर्व सभापति प्रकाश अस्थाना पूर्व उपसभापति मोहिबुल हक शायर तंजील अहमद सहित भारी संख्या में युवाओं ने हिस्सा लिया।
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