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प्यार साश्वत है पर............ भरोसे का कत्ल न करें युवा पीढ़ी

प्रेम किसी और से, विवाह किसी और से और उसके बाद छल-कपट, अविश्वास और................हत्या।                    यह हमारे बदलते समाज का विकृत रूप है जहां लड़की एवं लड़कियां चाहते जहां लड़के लड़कियां चाहते किसी और को है और शादी किसी और से हो जाती है अथवा परिवार के द्वारा कराई जाती है। एक तरफ माता पिता अपनी जिम्मेदारी निभा लेते हैं तो वही

भरोसे का कत्ल

महिला ने प्रेमी संग मिलकर पति को मार डाला Mon 24-Apr-2017 07:41:00 - पत्नी ने आशिक संग मिलकर पति को ईट से कूच डाला - पांच साल का बेटा बना पापा की हत्या का गवाह - कैंट एरिया के विशुनपुरवा मोहल्ला की घटना सुन हर कोई रह गया अवाक - हत्या को एक्सीडेंट का रूप देने की रची थी साजिश - रात में गश्त पर निकली निकली पुलिस को देख भागे आरोपी तो दौड़ाकर पकड़ा GORAKHPUR: कहते हैं प्रेम त्याग और बलिदान का नाम है तो शादी सात जन्मों का बंधन। लेकिन रविवार को जब इन दोनों ही रिश्तों को कलंकित करने वाली घटना सामने आई तो हर कोई हैरान रह गया। घटना ही कुछ ऐसी घटी। शहर के कैंट एरिया के विशुनपुरवा मोहल्ले में महिला ने प्रेमी के साथ मिलकर पति का ही खून कर डाला। यहां तक कि अपने पांच साल के मासूम बेटे की भी परवाह नहीं की जो घटना के वक्त वहीं मौजूद था। योजना थी कि हत्या के बाद इसे एक्सीडेंट का रूप दे दिया जाए लेकिन शनिवार की रात गश्त पर निकली पुलिस अपनी ड्यूटी कर गई और रिश्तों को दागदार करने वाले बेनकाब हो गए। पुलिस ने हत्या के आरोप में पुलिस ने महिला, उसके ब्वायफ्रेंड और दो अन्य को गिरफ्तार कर ि1लया है। पुलिस गश्ती क

तुम्हारा कलमकार आशिक .........…. नकुल कुमार

मैं प्रेम पत्र नहीं लिख सकता, इसका इंतजार न करना । दिल में जो राज हो, उसे राज ना करना । कुछ लिखना, भूल से ही सही,मेरे वास्ते, जल्द भेजना , मुझे बेकरार न करना । भूल से ही सही, हमने यदि कुछ पूछ लिया हो तुम से, प्रण्य बंधक उन बातों का, दिल से आन न करना। मेरे स्नेह का बंधन, तुमसे ही बंधा है, याद रखना, इससे कभी इन्कार न करना। और जो करती हो तुम, रातों में इंतजार हमारा। और इधर भी मन ढ़ूंढ़ता है, सोशल साइट्स का इंबाक्स सारा। और जब आधी रात में, इतने प्यार से, गुड नाईट कहती हो, नींद के आगोश में, जाकर मेरा जिया जलाती हो, कसम से तुम्हारी ये आदत, मुझे पूरी रात सोने नहीं देती हैं। तुम्हारा कलमकार आशिक #नकुल कुमार

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Nakul

हारिए न हिम्मत~~~~~ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य

तुम्हें अपने मन को सदा कार्य में लगाए रखना होगा। इसे बेकार न रहने दो। जीवन को गंभीरता के साथ बिताओ। तुम्हारे सामने आत्म उन्नति का महान कार्य है और पास में थोड़ा समय है। यदि अपने को असावधानी के साथ भटकने दोगे तो तुम्हें शोक करना होगा और इस से भी बुरी स्थिति को प्राप्त होगे। धैर्य और आशा रखो तो शीघ्र ही जीवन की समस्त स्थिति का सामना करने की योग्यता तुम में आ जाएगी। अपने बल पर खड़े होओ। यदि आवश्यक आवश्यक हो तो समस्त संसार को चुनौती दे दो। परिणाम में तुम्हारी हानि नहीं हो सकती। तुम केवल सबसे महान से संतुष्ट रहो। दूसरे भौतिक धन की खोज करते हैं और तुम अंतकरण के धन को ढूंढो।

हारिए न हिम्मत~~ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य

           जो लोग आध्यात्मिक चिंतन से विमुख होकर केवल लोकोपकारी कार्य में लगे रहते हैं वह अपनी ही सफलता पर अथवा सद्गुणों पर मोहित हो जाते हैं, वह अपने आप को लोक सेवक के रूप में देखने लगते हैं। ऐसी अवस्था में वह आशा करते हैं कि सब लोग उनके कार्यों की प्रशंसा करें उनका कहां माने। उनका बढ़ा हुआ अभिमान उन्हें अनेक लोगों का शत्रु बना देता है, इससे उनकी लोकसेवा उन्हें वास्तविक लोकसेवक न बनाकर लोक विनाश का रूप धारण कर लेती है और अनेक लोगों का शत्रु बना देता है।            आध्यात्मिक चिंतन के बिना मनुष्य में विनीत भाव नहीं आता और ना ही उसमें अपने आप को सुधारने की छमता रह जाती है। वह भूलो पर भूल करता चला जाता है और इस प्रकार अपने जीवन को विकल बना देता है। * पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य। *

Nakul............Beautiful hai she

आपने आप में, खूबसूरती की महल हो आप , जो​ न कह पाऊं, वह ग़ज़ल हो आप।।