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मैं न आशिक हूं न ही चकोर बस आप हमारे मित्र हो, और इसी मित्र के प्रति मेरे मन में अनन्य प्रेम है। इसके अलावा कुछ भी नहीं। आपको अच्छा लगता है तो स्वीकार कीजिए अन्यथा अस्वीकार करने का आपको पूरा अधिकार है।............इस निश्चिंतता के साथ कि "नकुल कुमार" को बुरा नहीं लगेगा।

कवि:नकुल कुमार 08083686563

आखिर आश्वासन कब तक.......??? और कितने हेमराज, सरहद पर शीश कटाएंगे। गीदड़ कब तक सिंहो की, शहादत पर मौज मनाएंगे । भारत मां की आंचल का, और कितना हरण होगा। कब तक विधवा और बच्चों का, घर-घर में क्रंदन होगा । बिलख रही जनमानस में, विश्वास जगा दो मोदी जी। हत्यारे पाकिस्तानियों का गर्दन, काटकर दिखाओ मोदी जी।। बहुत रहे हम शांत देश, अब और नहीं रह सकते हम। कुत्तों से दामन बचाकर, अब और नहीं चल सकते हम। नक्सलवाद या आतंकवाद, इसे मिटाना होगा अब। 56 इंच का छुपा सीना, दुश्मन को दिखाना होगा अब। वे बंदूक की भाषा समझते हैं, जुमलेबाजी से अब काम नहीं। 125 करोड़ का भरोसा टूटा, तो मोदी तेरा नाम नहीं। And how many Hemraj, Sheesh will cut off on the outskirts. How long till the siren, Will celebrate martyrdom India's mother-in-law, And how much deer would be. How long the widows and children, There will be pain in the house-house. In the belated opinion, Let's believe in the two modi ji The killer is the neck of the Pakistanis, Cut off and show Modi. We are very quiet country, Now we can not live anymore.

आपके चेहरे पर ये खामोशी अच्छी नहीं लगती............सुना है आप हंसने के शौकीन हैं।

नकुल........ ब्रेकअप कर ले यार।।

ब्रेकअप कर ले यार, अब तो ब्रेकअप कर ले यार। रंग में भंग डालने आई , कुंवारों की सरकार। ब्रेकअप कर ले यार, अभी तो ब्रेक अप कर ले यार। अब झाड़ी के पीछे बैठकर , गप्पे नहीं लड़ाना जी। किसी पेड़ पर लव यू जानू, मैसेज ना छोड़ जाना जी। डार्लिंग डार्लिंग मेसेंजर पे कहना, WhatsApp पर करना प्यार। लो आ गई कुवारों की सरकार। अब तो ब्रेकअप कर ले यार अब तो ब्रेकअप कर ले यार।।

वाह पाण्डेय जी..........

कमाल हो गया, धमाल हो गया। मूंछ हुई काली, चेहरा लाल हो गया। वाह रे मेरे शिक्षक मित्र, ये कैसा हा ल हो गया।

पागलपन

मेरे पागलपन की चर्चा, सारे शहर में फैली है। पर इस पागलपन में भी, तुम्हें पहचानता हूं, यह ख़बर भी, सरेआम कर दो।। कुछ अफवाहें,जो तुमने फैलाई है, कुछ अपनी मिलाकर।चलो, अब उनका काम , तमाम कर दो।। मुझे मालूम न था, कोई मेरे पागलपन का, इतना मुरीद होगा। पहले अफवाहें फैलाएगा, और माफ़ी के बहाने, इतना करीब आएगा।। #नकुल_कुमार "आलोचक" मोतिहारी, पूर्वी चम्पारण बिहार #मो_08083686563 #मो_08789826276 #Nakul_Tuition_Center #Cashless_Education #बचपन_पढ़ाओ_आन्दोलन #Vision2020 #इक्कीसवीं_सदी_उज्जवल_भविष्य

राजेश कुमार सुमन........ शैक्षणिक क्रांति के सारथी।

कैसे अकेले एक शख्स ने 8 साल में खड़ी कर दी 'बीएसएस क्लब' सरकारी नौकरी की फौज़ भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई के विदेश मंत्रालय के पूर्व कर्मचारी राजेश कुमार सुमन. मूलत: समस्तीपुर,बिहार के रहने वाले राजेश कुमार सुमन को यह देखकर अच्छा नहीं लगता था कि बिहार के युवा पढ़ाई तो अच्छी करते हैं लेकिन प्रतियोगी परीक्षाओं में उनकी सफलता की दर काफी कम है. इसी विचार से प्रेरित होकर उन्होंने 8 साल पहले ‘बीएसएस’ नामक संस्था बनाकर युवा प्रतिभागियों की निशुल्क कोचिंग शुरू की और इन 8 सालों में उनकी संस्था ने सरकारी नौकरी की पूरी फ़ौज तैयार कर दी है. सुमन जब विदेश मंत्रालय में पोस्टेड थे जब कभी छुट्टी  में घर में आते थे, तो  युवाओं का हुजूम मिलने आते थे, जिससे परिचय का दायरा बढ़ा तो उन्हें समझ में आया कि इस राज्य में युवा लड़के लड़कियां पढ़ाई लिखाई में मेहनत करते हैं, लेकिन उनकी यह सारी मेहनत उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं के लायक नहीं बना पाती. सुमन सोच में पड़ जाते लेकिन रास्ता नहीं सूझता. फिर एक दिन उन्होंने तय कर लिया कि इन युवाओं के लिए कुछ न कुछ तो करना पड़ेगा. उनकी इसी सोच के चलते नौकरी छोड़कर ‘