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बुद्ध पूर्णिमा

सभी मित्रों को बुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं। जिस समय ज्ञान का बोध हो जाएं, यही बोधिसत्व है । यह काल, स्थान,कुल-वंश आदि से परे है। ज्ञान का बोध संसार से मोहभंग होने पर ही हो यह भी आवश्यक नहीं है। क्योंकि इतिहास में ऐसे कई उदाहरण भरें पड़े हैं कि ईश्वर के प्रति उत्पन्न अकाट्य श्रद्धा, प्रेम व भाव की उत्पत्ति से भी मुक्ति संभव है।                        #मुक्ति_से_तात्पर्य_कभी_भी_व्यक्तिगत_जीवन_नहीं_है। अर्थात् व्यक्तिगत जीवन, मैं और मेरेपन के मोह से निकलकर समाज के अध्यात्मिक उत्थान के दिशा में कार्य​करना ही बोधिसत्व है। All the best wishes of Buddha Purnima to all friends. This is the Bodhisattva when the understanding of wisdom is realized. It is beyond period, place, total caste etc. It is not necessary even if the realization of knowledge is disillusionment with the world. Because in history many such examples have been filled that salvation is possible even from the creation of unshakable devotion, love and sense to God.               #freedom_system_out_out_bout_business_lif

बुद्ध पूर्णिमा

सभी मित्रों को बुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं। जिस समय ज्ञान का बोध हो जाएं, यही बोधिसत्व है । यह काल, स्थान,कुल-वंश आदि से परे है। ज्ञान का बोध संसार से मोहभंग होने पर ही हो यह भी आवश्यक नहीं है। क्योंकि इतिहास में ऐसे कई उदाहरण भरें पड़े हैं कि ईश्वर के प्रति उत्पन्न अकाट्य श्रद्धा, प्रेम व भाव की उत्पत्ति से भी मुक्ति संभव है।                        #मुक्ति_से_तात्पर्य_कभी_भी_व्यक्तिगत_जीवन_नहीं_है। अर्थात् व्यक्तिगत जीवन, मैं और मेरेपन के मोह से निकलकर समाज के अध्यात्मिक उत्थान के दिशा में कार्य​करना ही बोधिसत्व है।  नकुल_कुमार मोतिहारी, पूर्वी चंपारण बिहार 08083686563

ब्रम्हचर्य जीवन की ओर.......

ब्रम्हचर्य जीवन की ओर................ अमित जी मेरे गुरु भाई एवं मित्र हैं। अभी-अभी इनकी शादी हुई है और उसके पहले अंता उर्जा साधना करके लौटे हैं। बताते हैं कि शादी तो इनके शरीर की हुई है जो एक दिन गल जाने वाला है, मर जाने वाला है, श्मशान में जल जाने वाला है । मैं तो अनश्वर आत्मा हूं मेरा कुछ नहीं बिगड़ सकता है । मैं शरीर के पहले भी था और बाद में भी हूं। युद्ध के मैदान में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को यही बात समझा रहे हैं कि हे अर्जुन यह सारे के सारे योद्धा मेरे द्वारा पहले ही मारे जा चुके हैं बस तुम निमित्त मात्र बन जाओ और इन सब का वध करो। कभी-कभी हम लोग भी अज्ञानतावश अपने शरीर को ही मैं मान बैठते हैं कि मैं प्रधानमंत्री हूं, मैं इंजीनियर हूं, मैं डॉक्टर हूं, मैं फलाना हूं। लेकिन वास्तव में मैं एक अनश्वर आत्मा हूं यह जानना उपरोक्त सभी जनकारी से ज्यादा बेहतर है। जब हम यह जान लेते हैं कि मैं एक अनश्वर आत्मा हूं और अपने इस आत्मा का शरीर में उत्पत्ति का कारण जान लेते हैं कि किस उद्देश्य से हमें प्रकृति ने यहां भेजा है और उस पर काम करना चालू कर देते हैं तो फिर हमें किसी चीज की कोई आवश्यकता नहीं

ब्रह्मचर्य जीवन की ओर........... वासना, कल की कुरूपता में आज की सुन्दरता का ऐसा समावेश कर देती है जिसे समझने_वाला_योगी और भोगने_वाला_भोगी हो जाता है।

Written by Nakul Kumar 8083686563

After all, how long......? how many Hemraj, Sheesh will cut off on the outskirts. How long till the siren, Will celebrate martyrdom India's mother-in-law, And how much deer would be. How long the widows and children, There will be pain in the house-house. In the belated opinion, Let's believe in the two modi ji The killer is the neck of the Pakistanis, Cut off and show Modi. We are very quiet country, Now we can not live anymore. By saving money from dogs, Now we can not walk anymore. Naxalism or Terrorism, It has to be erased now. 56 inch chest concealed, Now the enemy will show up. They understand the language of the gun, No longer work from junking. 125 crore broken, So Modi is not your name. (Translated version of a Hindi poem written by Nakul Kumar)

मैं न आशिक हूं न ही चकोर बस आप हमारे मित्र हो, और इसी मित्र के प्रति मेरे मन में अनन्य प्रेम है। इसके अलावा कुछ भी नहीं। आपको अच्छा लगता है तो स्वीकार कीजिए अन्यथा अस्वीकार करने का आपको पूरा अधिकार है।............इस निश्चिंतता के साथ कि "नकुल कुमार" को बुरा नहीं लगेगा।

कवि:नकुल कुमार 08083686563

आखिर आश्वासन कब तक.......??? और कितने हेमराज, सरहद पर शीश कटाएंगे। गीदड़ कब तक सिंहो की, शहादत पर मौज मनाएंगे । भारत मां की आंचल का, और कितना हरण होगा। कब तक विधवा और बच्चों का, घर-घर में क्रंदन होगा । बिलख रही जनमानस में, विश्वास जगा दो मोदी जी। हत्यारे पाकिस्तानियों का गर्दन, काटकर दिखाओ मोदी जी।। बहुत रहे हम शांत देश, अब और नहीं रह सकते हम। कुत्तों से दामन बचाकर, अब और नहीं चल सकते हम। नक्सलवाद या आतंकवाद, इसे मिटाना होगा अब। 56 इंच का छुपा सीना, दुश्मन को दिखाना होगा अब। वे बंदूक की भाषा समझते हैं, जुमलेबाजी से अब काम नहीं। 125 करोड़ का भरोसा टूटा, तो मोदी तेरा नाम नहीं। And how many Hemraj, Sheesh will cut off on the outskirts. How long till the siren, Will celebrate martyrdom India's mother-in-law, And how much deer would be. How long the widows and children, There will be pain in the house-house. In the belated opinion, Let's believe in the two modi ji The killer is the neck of the Pakistanis, Cut off and show Modi. We are very quiet country, Now we can not live anymore.