सभी मित्रों को बुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं।
जिस समय ज्ञान का बोध हो जाएं, यही बोधिसत्व है । यह काल, स्थान,कुल-वंश आदि से परे है। ज्ञान का बोध संसार से मोहभंग होने पर ही हो यह भी आवश्यक नहीं है। क्योंकि इतिहास में ऐसे कई उदाहरण भरें पड़े हैं कि ईश्वर के प्रति उत्पन्न अकाट्य श्रद्धा, प्रेम व भाव की उत्पत्ति से भी मुक्ति संभव है।
#मुक्ति_से_तात्पर्य_कभी_भी_व्यक्तिगत_जीवन_नहीं_है। अर्थात् व्यक्तिगत जीवन, मैं और मेरेपन के मोह से निकलकर समाज के अध्यात्मिक उत्थान के दिशा में कार्यकरना ही बोधिसत्व है।
नकुल_कुमार
मोतिहारी, पूर्वी चंपारण बिहार
08083686563
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