इंसान अपना वहम, क्यूं इतना बढ़ा रहा है। अपना ही अपनों को, सरेआम सता रहा है।। जन्में थे इंसान पर, किसी ने हिन्दू बना दिया, किसी ने मुस्लिम बना दिया। मोहब्बत का पैगाम था बांटना, पर इन मज़हबी ठेकेदारों ने, बट-बट कर जीना सीखा दिया। रोता है यह दिल ऐ नकुल, चलो, किसी ऐसे जहां में।। जहां न जात हो, न धर्म हो, न फर्क हो इंसान में।। #नकुल कुमार 08083686563