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निकाली गई प्रभात फेरी

आयुष एसोसिएशन द्वारा आज सुबह मोतिहारी में प्रभात फेरी निकाली गई जिसका थीम था सत्याग्रह से शिक्षा ग्रहण किया इस रैली में मोतिहारी के गणमान्य लोगों ने लोगों ने हिस्सा लिया इस रैली के माध्यम से मोतिहारी में जनमानस के बीच जागरूकता फैलाई गई कि जिस तरह से हमने सत्याग्रह अपनाकर अंग्रेजी साम्राज्य को समाप्त किया उसी प्रकार से हमें सत्याग्रह अपनाकर कूड़ा कचरा और गंदगी से अपने शहर को बचाना है वह स्वच्छता के संकल्प को दोहराना है इसके साथ ही साथ बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ की झांकी भी प्रस्तुत की गई इस रैली में मोतिहारी के विभिन्न क्षेत्रों से आए हुए नेता बुद्धिजीवी शामिल हुए साथ ही साथ इस प्रभात फेरी में घोड़े हाथी आदित्य जी द्वारा मोतिहारी की जनता को स्वच्छता व शिक्षा का संदेश देने की भरपूर कोशिश की गई उसके बाद यह रैली मोतिहारी की गांधी संग्रहालय में जाकर समाप्त हुई गांधी संग्रहालय मोतिहारी पूर्वी चंपारण से नकुल कुमार

रात की गहराई में.........भाग-02

रात की गहराई में, मुझे बुलाया करतीे हो । खुद ऑफलाइन होकर, गहरी नींद में सो जातीे हो। जब इतना ही तड़पाना था, तो क्या मैसेज सिर्फ बहाना था, यह कैसी हमदर्दी थी, यह कैसा हो जाना था...? मुझे जगाकर अरे ओ प्रीतम, जब खुद ही सो जाना था।। यू तीव्रनिद्रा में जाकर, जाने कहां खो जातीे हो। मैं मारा मारा फिरता हूं, फिर भी तुम नहीं आती हो।। जाने कहां रह जातीे हो, जाने कहां खो जातीे हो।। मैं प्रेमनगर से आया हूं, कुछ संदेशा लाया हूं।। कभी अपने सपनों की दुनियां में, मुझको भी बुलाओ ना। क्यों अकेले तड़पती हो, अब मेरे संग रास रचाओ ना।।

रात की गहराई में........भाग-01

यह रात बहुत ही गहरा है इस पर कहां किसी का पहरा है आप शब्दों से रात को झूठलाते हो, देखो कभी इसकी गहराई में , इसके सिर  भी एक सेहरा है मोहब्बत की तन्हाई में , अंधेरे को यह पीता है दिन भर अकेला ये, तन्हा तन्हा जीता है यह रात बहुत ही गहरा है इस पर कहां किसी का पहरा है रात रात भर तीतर कलरव करते रहते हैं एक दूसरे से मिलने को तड़पते रहते हैं नदी भी कल कल करती है समंदर की ओर दौड़ती है एक बिस्तर पर दो जोड़े एक दूसरे में मिट जाते हैं सन्नाटे को चीरकर हर आह को पी जाते हैं। यह रात बहुत ही गहरा है इसपर कहां किसी का पहरा है मेरे शब्दों पर ना गौर करो तनहाई में जग कर ना भोर करो मेरे शब्द जो तुम को आहत करते हैं कहीं जो तू रूठ ना जाओ, बस इसी भाव से डरते हैं अब ज्यादा ना इंतजार करो यूं मुझे ना बेकरार करो इस रात का श्रृंगार करो यह रात बहुत ही गहरा है इस पर कहां किसी के पहरा है

Hariom sir .... ..a lesson of life

कल मेरी मुलाकात हमारे हमारे मैट्रिक जीवन के सोशल विज्ञान के शिक्षक हरिओम सर से हुईv सोशल विज्ञान के बहुत बड़े जानकार व अच्छे शिक्षक हैं सामाजिक विज्ञान में इतिहास नागरिक भूगोल से कॉल मी मनोविज्ञान आदि को इतनी अच्छी ढंग से सर पढ़ाते हैं कि आप पता भी नहीं चलेगा कितना पढ़े और सब कुछ समझ में आ जाएगा बोर फील नहीं होंगे हां मैट्रिक के दिनों में जब हम लोग पढ़ते थे तब बड़ा मजा आता था 2008 बैच के सभी स्टूडेंट सर को काफी मिस करते हैं सर का व्यवहार ही इतना अच्छा था और है भी कि अनुकरणीय है आजकल सर सरकारी स्कूल के शिक्षक हो गए हैं और आज भी बच्चों को अपने ज्ञान अनुभव से लाभान्वित कर रहे हैं निश्चित रूप से ज्ञान सीमा से परे है उसकी शिक्षा देना एक शिक्षक का कर्तव्य सर आप बखूबी निभा रहे है मेरी हरिओम सर से मुलाकात नाइंथ क्लास में हुई थी नए-नए हरिओम सर आए थे और हमेशा गर्दन पर बटन लगाया रहते थे हम लोग को बड़ा अजीब लगता था मन में जितनी जिज्ञासा थी जितने प्रश्न थे उन सब का समाधान हरिओम सर के माध्यम से हुआ इतिहास जानने की मेरी बहुत ज्यादा जिज्ञासा थी भूगोल के बारे में बहुत सारी जानकारियां जो कि मेरे मन में

आज गांधी रोए होंगे

10.04.2017मोतिहारी #नकुल_कुमार 08789826276 #आज_गांधी_रोएं_होंगे                           चम्पारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष पर पूरे भारत में खासतौर से बिहार में जिस तरह से जगह-जगह शताब्दी वर्ष कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे हैं एवं उस पर हजारों लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। सरकार चाहती तो वास्तविक सत्याग्रह किसानों की कर्ज माफी करके मनाती, सरकार चाहती तो वास्तविक सत्याग्रह चीनी मील  किसानों के बकाया वापस करके या वापस करवाकर मनाती लेकिन ऐसा नहीं हुआ क्योंकि हमें दिखाने की ज्यादा और वास्तविक रुप में जमीन पर काम करने की कम आदत है ।                          आज गांधी की आत्मा बिलख-बिलखकर रोती होगी जब उन्होंने किसानों को आत्मदाह करते देखा होगा। आज मोतिहारी की भूमि क्रंदन कर रही है क्योंकि इसी भूमि ने ऐसे रणबांकुरे पैदा किए जिन्होंने गांधी जी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर वास्तविक सत्याग्रह को अंजाम दिया था और किसानों की समस्याएं दूर हुई थी अंतर इतना था कि उस समय अंग्रेजी शासन व्यवस्था थी और आज हमारी देसी शासन व्यवस्था है। हमारा अपना संविधान है जो हमें सबसे बड़े लोकतंत्र होने का गौरव प्रदान करता है

सन ऑफ मल्लाह मुकेश साहनी की रैली लाइव

नकुल कुमार/मोतिहारी NTC CLUB MEDIA "क्योंकि सच एक मुद्दा है" #मोतिहारी के टाउन हॉल में आज #निशाद समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष व #सन_ऑफ_मल्लाह #मुकेश_साहनी की जबरदस्त #मोटरसाईकल_रैली हुई। चकिया चीनी मिल से शुरु हुई यह मोटरसाइकिल रैली मोतिहारी के टाउन हॉल में पहुंचकर सभा में तब्दील हो गई ।इस रैली का मुख्य उद्देश्य यही था कि पिछले लोकसभा चुनाव में जब #नरेंद्र_मोदी मोतिहारी आए हुए थे तो उन्होंने वादा किया था कि अगली बार जब मोतिहारी आऊंगा #मोतिहारी_चीनी_मिल_से_बने_चीनी_का_ही_चाय पियूंगा, उनकी इसी बातों को #याद_दिलाते_हुए सन ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी ने तालियां बटोरी ।।             कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण सन ऑफ मल्लाह मुकेश साहनी स्वयंथे किन्तु कार्यक्रम में ड्रोन एक अलग ही उत्साह पैदा कर रहा था। मुकेश साहनी ने अपने भाषण के दौरान इशारों ही इशारों में कहा कि यदि अक्टूबर तक सरकार ने बिहार के मल्लाहों को आरक्षण नहीं दिया तो अक्टूबर 2018 तक #मल्लाह_समाज की #अपनी_एक_राजनीतिक_पार्टी होगी तथा मल्लाह समाज उसी पार्टी के साथ गठबंधन करेगा जो मल्लाह समाज के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक हितों का ख्याल

धूमधाम से मनाया गया आसाराम बापू का जन्मदिन

आज मोतिहारी के चांदमारी चौक पर श्री योग वेदांत सेवा समिति के तत्वधान में शरबत सेवा, भजन कीर्तन एवं भंडारे का आयोजन किया गया मौका था पूज्य संत श्री आसाराम जी बापू के बिरासनी अवतरण दिवस का मालूम हो कि आज ही के दिन सिंध प्रांत वर्तमान पाकिस्तान में आसाराम बापू काजल धूमल के घर में 1937 में हुआ था बचपन से ही आसुमल का मन पूजा पाठ आदि में लगने लगा तमाम व्यणणवधानों के बीच आसुमल अध्यात्म के प्रति इतना समर्पित हो गए कि उन्होंने अपना घर बार तक छोड़कर लीलाशाह बापू के शरणागत हो गए 27 वर्ष की आयु में मुंबई के वर्जिन पुरी जी के जंगल में उनको आत्मसाक्षात्कार हुआ एवं सांसारिक भ्रांतियां टूटी आत्मसाक्षात्कार के बाद में घूम-घूमकर पूरे भारत में अध्याय आध्यात्मिक संदेश देने लगे एवं लोगों को आत्म साक्षात्कार की शिक्षा देने लगे इसी क्रम में उन्होंने 1972 ईस्वी मे अहमदाबाद के मोटेरा में आश्रम की न्यू दिल्ली जहां पर लोगों का सत्संग साधना ध्यान भजन कीर्तन आदि के माध्यम से आत्म स्थान हो सके वर्तमान समय में देश विदेश की न्यू दिल्ली जहां पर लोगों का सत्संग साधना ध्यान भजन कीर्तन आदि के माध्यम से आत्म स्थान हो सके