दोहा:--- बद अच्छा बदनाम बुरा, 'भ्रमर' किसे समझाय। बिना तेल दीपक बुझे, दोष वायु पर जाय।। 2 ज्ञान बहत है सड़क पर, धरहु ध्यान चहुँ ओर। मन को दीखत सभी कुछ, जुँ चाहे तु बटोर।। मुक्तक:--- जब कामना हृदय की, बलभद्र होती है, तब वासना बिषय के, सन्सर्ग बोती है, पर 'भ्रमर' उसको नही, इस बात...
क्योंकि सच एक मुद्दा हैं