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अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस पर,चंपा के पौधे का हुआ वितरण...

NTC News Media /  मधुबन www.ntcnewsmedia.com                       अंतराष्ट्रीय युवा दिवस  के अवसर पर  भामाशाह जनकल्याण संस्था  द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मोतिहारी के  मशहूर शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ संजीव रंजन एवं मशहूर स्त्री रोग विशेषज्ञ डा.रूपम कुमारी  के सौजन्य से उपस्थित जनसमूह के बीच "चंपा से चंपारण"अभियान के तहत पांच सौ चंपा का पौधा वितरण किया गया। इस समारोह मे "चंपा सीटी चंपारण"के ब्रांड एम्बेसडर  केबीसी विजेता सुशील   कुमार  एवं मोतिहारी के  टैक्स कंसल्टेंट मनोज कुमार   जायसवाल  ने भी शिरकत की।                         समारोह को संबोधित करते हुए डा.संजीव रंजन  उपस्थित जनसमूह विशेषकर के युवाओं से आह्वान किया की इस चंपा के पौधे को तो सभी लोग लगायें हीं,इसके अलावा हर साल हर ब्यक्ति कम से कम एक पौधा अवश्य लगायें,जिससे हमारा पर्यावरण सुरक्षित रहे एवं हम सबको ऑक्सीजन मिलती रहे।  वहीं दूसरी ओर डा.रूपम कुमारी ने कहा की हर खुशी के मौके पर पौधा गिफ्ट करें तथा इसके साथ ही ज्यादा से ज्यादा पौधा लगाने हेतु उपस्थित जनसमूह को प्रोत्साहित किया।                       करोड़पत

मेरे गांव का राम कुआ

मेरे गांव का राम कुआ टूटे हुए ढाणे का यह बूढ़ा कुआ केवल एक कुआ ही नहीं था पूरे गांव के प्यासे कण्ठों पर मीठे सागर की लहरों का रोजनामचा था नदी के ढावै से थोड़ी दूर ठंडे और मीठे जल का सदाव्रत रामझारा था। चड़स की सूंड से निकल कर पतले धोरे में बहते  पानी को देख थके राहगीर की प्यास भी अधरों तक आ जाती थी। घेर घुमेर नीम की ठंडी छाया में टहनियों से बंधे लूगड़ी के झूले में पाणत करती कमली के बच्चे के पास आ कर बुलबुल ,कबूतरी ,कमेड़ी कभी गौरैया गीत सुनाती थी कभी कभी चड़स हांकता अपनी धुन में आ कर सौनन्दा  भी "पंछीड़ा"तान सुनाता था। और पाणत करती कमली का रूप देख कोई बगुला दीवाना कीड़े खाना भी भूल जाता था कभी फुदकती कोई गिलहरी कभी पानी में छपकी मारती कभी दौड़कर कुए के ढोलों पर चढ़ जाती कभी झूले की डोरी चढ़ कर नन्हे धरती पुत्र का गोरा मुख देख इतराती यह देख कुआ भी खिलखिला कर हंस देता था बनास की सरसाई से गदराया रहता था कुए का तन मन चारों ओर स्यारण में महकती रहती थी भूरी मिट्टी से पानी के मिलन की सौंधी गंध और दरख्त दरख्त पंछी गाते रहते थे वैभव के छंद किन्तु आज ! आज तो बस सुनाई देता है बूढ़े कुए की जर्जर सू

मेरे गांव का राम कुआ

मेरे गांव का राम कुआ टूटे हुए ढाणे का यह बूढ़ा कुआ केवल एक कुआ ही नहीं था पूरे गांव के प्यासे कण्ठों पर मीठे सागर की लहरों का रोजनामचा था नदी के ढावै से थोड़ी दूर ठंडे और मीठे जल का सदाव्रत रामझारा था। चड़स की सूंड से निकल कर पतले धोरे में बहते  पानी को देख थके राहगीर की प्यास भी अधरों तक आ जाती थी। घेर घुमेर नीम की ठंडी छाया में टहनियों से बंधे लूगड़ी के झूले में पाणत करती कमली के बच्चे के पास आ कर बुलबुल ,कबूतरी ,कमेड़ी कभी गौरैया गीत सुनाती थी कभी कभी चड़स हांकता अपनी धुन में आ कर सौनन्दा  भी "पंछीड़ा"तान सुनाता था। और पाणत करती कमली का रूप देख कोई बगुला दीवाना कीड़े खाना भी भूल जाता था कभी फुदकती कोई गिलहरी कभी पानी में छपकी मारती कभी दौड़कर कुए के ढोलों पर चढ़ जाती कभी झूले की डोरी चढ़ कर नन्हे धरती पुत्र का गोरा मुख देख इतराती यह देख कुआ भी खिलखिला कर हंस देता था बनास की सरसाई से गदराया रहता था कुए का तन मन चारों ओर स्यारण में महकती रहती थी भूरी मिट्टी से पानी के मिलन की सौंधी गंध और दरख्त दरख्त पंछी गाते रहते थे वैभव के छंद किन्तु आज !

तेरा आना ...तेरा जाना

NTC NEWS MEDIA /Motihari तेरा आना , जैसे सावन में रिमझिम बारिश । जैसे ठंडी में दोपहर की धूप जैसे गर्मी में शीतल छाया की सुकून जैसे पूरी हुई हो सदियों की ख्वाहिश तेरा आना जैसे बादलों के बीच से गुजरना । जैसे चांदनी रात में कही दूर हो अपना आशियां जैसे समुन्दर की लहरों के साथ हो आजमाईश। जैसे सारे दिल के अरमानो का फिर से खिल उठना । तेरा आना जैसे वो चंदन की महक जैसे वो ठंडी हवा का झोंका । जैसे वो धीमी धीमी सी गुलाबों की खुशबू जैसे सुबह सुबह कोयल की हो आवाज़ जैसे मीठी मीठी सी धुन पे छिड़ी हो सरगम साज। जैसे समुन्द्र में मिली हो मोती जैसे ऋषी की साधना , और तानसेेन का संगीत जैसे किसी डूबते को मिला हो ऑक्सीजन मरते मरते मिल गया हो नया जीवन। और जब वही इंसान जाता है, तो .... तेरा  जाना जैसे सपनों का टूट जाना। एहसासों का सुख जाना। ख़ुदा का रूठ जाना। अरमानों का लूट जाना । तेरा जाना जैसे सूखे हुए पत्ते, बिना सुगंध के फूल न जाने कौन सी हुई हमसे भूल । किसी गुनाह की होगी सजा जिसमे ऊपर वाले कि भी होगी रजा। तेरा जाना , जैसे बिन सावन के तरसता हो मोर यादों में आके कोई मचा रहा हो शोर अपने होने का दिखा रहा हो ज

तेरा आना ...तेरा जाना

NTC NEWS MEDIA /Motihari तेरा आना , जैसे सावन में रिमझिम बारिश । जैसे ठंडी में दोपहर की धूप जैसे गर्मी में शीतल छाया की सुकून जैसे पूरी हुई हो सदियों की ख्वाहिश तेरा आना जैसे बादलों के बीच से गुजरना । जैसे चांदनी रात में कही दूर हो अपना आशियां जैसे समुन्दर की लहरों के साथ हो आजमाईश। जैसे सारे दिल के अरमानो का फिर से खिल उठना । तेरा आना जैसे वो चंदन की महक जैसे वो ठंडी हवा का झोंका । जैसे वो धीमी धीमी सी गुलाबों की खुशबू जैसे सुबह सुबह कोयल की हो आवाज़ जैसे मीठी मीठी सी धुन पे छिड़ी हो सरगम साज। जैसे समुन्द्र में मिली हो मोती जैसे ऋषी की साधना , और तानसेेन का संगीत जैसे किसी डूबते को मिला हो ऑक्सीजन मरते मरते मिल गया हो नया जीवन। और जब वही इंसान जाता है, तो .... तेरा  जाना जैसे सपनों का टूट जाना। एहसासों का सुख जाना। ख़ुदा का रूठ जाना। अरमानों का लूट जाना । तेरा जाना जैसे सूखे हुए पत्ते, बिना सुगंध के फूल न जाने कौन सी हुई हमसे भूल । किसी गुनाह की होगी सजा जिसमे ऊपर वाले कि भी होगी रजा। तेरा जाना , जैसे बिन सावन के तरसता हो मोर यादों में आके कोई मचा र

आकस्मिक निधन पर शोक सभा का आयोजन

NTC NEWS MEDIA /Motihari                   अमन क्लीनिक, बैंक रोड के प्रांगण मे, जदयू किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव सह पैक्स अध्यक्ष मठलोहीयार प्रशांत कुशवाहा के आकस्मिक निधन पर शोक सभा का आयोजन किया गया । उनका निधन युवा अवस्था मे ही हार्ट अटैक से हो गया, जिसके कारन सभी उपस्थित लोगों ने गहरी सम्वेदना व्यक्त किया । शोक सभा का आयोजन डॉO दीपक कुमार के अध्यक्षता मे हुआ । डॉO दीपक कुमार ने सभा को सम्बोधित करते हुये कहा की प्रशांत कुशवाहा हंसमुख, मिलनसार , एवं सकारत्मक छवि के होनहार व्यक्ति थे उनके निधन से समाज मे उनकी कमी खलेगी । शोक सभा मे सभी व्यक्ति दो मिनट का मौन धारण किये एवं श्रधांजलि अर्पित किया ॥ शोक सभा मे डॉO दीपक कुमार, ईO मुन्ना कुमार, कुशवाहा जागरण के सम्पादक तेजनारायन सिंह कुशवाहा, मनोज कुमार जयसवाल,विभूति भूषण,  भगीरथ प्रसाद, डॉO जितेंद्र कुशवाहा, नरेश कुमार यादव, अनिल कुमार सिंह, अंगेश कुमार, कौशल कुमार , अजय यादव, आलोक कुमार, चंद्रभूषण कुमार मौर्य, लालजी श्रीवास्तव, राजकुमार महतो, पानालाल महतो, रामबाबू प्रसाद यादव, मुन्ना कुमार, दिनेश सिंह कुशवाहा आदि गणमान्य लोग उपस्थि

आकस्मिक निधन पर शोक सभा का आयोजन

NTC NEWS MEDIA /Motihari                   अमन क्लीनिक, बैंक रोड के प्रांगण मे, जदयू किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव सह पैक्स अध्यक्ष मठलोहीयार प्रशांत कुशवाहा के आकस्मिक निधन पर शोक सभा का आयोजन किया गया । उनका निधन युवा अवस्था मे ही हार्ट अटैक से हो गया, जिसके कारन सभी उपस्थित लोगों ने गहरी सम्वेदना व्यक्त किया । शोक सभा का आयोजन डॉO दीपक कुमार के अध्यक्षता मे हुआ । डॉO दीपक कुमार ने सभा को सम्बोधित करते हुये कहा की प्रशांत कुशवाहा हंसमुख, मिलनसार , एवं सकारत्मक छवि के होनहार व्यक्ति थे उनके निधन से समाज मे उनकी कमी खलेगी । शोक सभा मे सभी व्यक्ति दो मिनट का मौन धारण किये एवं श्रधांजलि अर्पित किया ॥ शोक सभा मे डॉO दीपक कुमार, ईO मुन्ना कुमार, कुशवाहा जागरण के सम्पादक तेजनारायन सिंह कुशवाहा, मनोज कुमार जयसवाल,विभूति भूषण,  भगीरथ प्रसाद, डॉO जितेंद्र कुशवाहा, नरेश कुमार यादव, अनिल कुमार सिंह, अंगेश कुमार, कौशल कुमार , अजय यादव, आलोक कुमार, चंद्रभूषण कुमार मौर्य, लालजी श्रीवास्तव, राजकुमार महतो, पानालाल महतो, रामबाबू प्रसाद यादव, मुन्ना कुमार, दिनेश सिंह कुशवाहा आदि गणमान्य लोग उपस