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नकुल कुमार 08.04.2017pm

बस यूं ही,
एलबम निहार रहा था।
कुछ पुराने, कुछ नए दोस्तों को,
वर्तमान में पुकार रहा था ।

मंद-मंद ठंड़ी-ठंड़ी हवा चल रही थी,
मन में सरगर्मियां बढ़ रही थी।।

अकेला बेचैन सा हो गया था,
न जाने कहां खो गया था ।

मन के दरवाजे पर,
कोई बार बार दस्तक दे रहा था।

सहसा मैं उस ओर मुड़ा,
जहां तड़प,
दर्द व सांत्वना के सिवा,
कुछ भी न था।

#कवि_हृदय_की_मंदाकिनी

#तू_चांद_ही_रह_मै_चकोर_सही

#नकुल_कुमार
वक्त-रात का तीसरा पहर
08789826276
08083686563


#By_Google_translator:-

Just like that The album was admiring.

Some old, some new friends
Currently calling out,

Slow-blown cold-cold wind was blowing,

Aggravation was growing in mind ..
The lonely one had become restless,

Did not know where it was lost.
At the door of the mind,

Some were knocking repeatedly  Usually I turned towards that,

Where the curse, Except for pain and consolation,
There was nothing.........

#Nakul_kumar
Third time of the night
08789826276
08083686563

#Poet_heart_melodic

#You_remain_the_moon_i_am_Ptarmigan

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