मशहूर सोशल साइट Whatsapp आजकल बदलाव के दौर से गुजर रहा है लेकिन बदलाव करते करते WhatsApp में कब लोकतंत्र का गला घोट दिया शायद ही उसे इसका आभास हो....???
मालूम हो कि WhatsApp में ग्रुप में बहुतायत अनवांटेड मैसेज को नियंत्रित करने के लिए उद्देश्य से सेटिंग में बदलाव किया है जिसके तहत पूरे ग्रुप में सिर्फ एडमिन ही मैसेज भेज सकता है एवं उस पर सकारात्मक अथवा नकारात्मक प्रतिक्रिया दे सकता है इसके अलावा ग्रुप के अन्य सदस्य केवल उस मैसेज को पढ़ भर ही सकते हैं इसके अलावा उस पर अच्छी या बुरी किसी भी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दे सकते हैंममममममममचणमणमणमक्षक्ष
WhatsApp फालतू एवं अविश्वसनीय सूचनाओं का सबसे बड़ा सोशल साइट बन गया था जिससे अन्य सोशल साइट की तुलना में WhatsApp की किरकिरी होने लणमणणणगी थी इतना ही नहीं यह विभिन्न तरह के अफवाह एवं झूठी सूचना के क्षणिक प्रचार धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का एक माध्यम भर बन गया था जिसका सकारात्मक प्रभाव के साथ साथ नकारात्मक प्रभाव भी था यही कारण है कि WhatsApp को सेटिंग में इस तरह का बदलाव करने पड़े ताकि ग्रुप को एडमिन अपने तरीके से सकारात्मक ढंग से नियंत्रित कर सके।
📝संविधानिक स्वतंत्रता:-📝
.......................................
आईए अब हम आपको बताते हैं भारतीय संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के विषय में क्या कहा गया...?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 (1 )(क ) के अंतर्गत प्रत्येक भारतीय नागरिक को वाणी एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक मौलिक अधिकार के रूप में प्राप्त है वाक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अर्थ है शब्दों लेखों मुद्रण चिन्हों या किसी अन्य प्रकार से अपने विचारों को व्यक्त करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में किसी व्यक्ति के विचारों को किसी ऐसे मामले से अभिव्यक्ति करना सम्मिलित है जिससे वह दूसरों तक उसे संप्रेषित कर सके इस प्रकार इसमें संकेत तो अंकुरण हो या ऐसे ही अन्य क्रियाओं द्वारा किसी व्यक्ति के विचारों की अभिव्यक्ति सम्मिलित है।
जानकारों का कहना है कि WhatsApp ने ऐसे ऑप्शन लाकर कहीं ना कहीं WhatsApp ग्रुप के लोकतंत्र को खत्म कर दिया है अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगा दिया है क्योंकि जहां सिर्फ एडमिन को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता रहे एवं अन्य लोग केवल एडमिन की अभिव्यक्ति को ही सुने और ना चाहकर भी उसके मैसेज को उसके वीडियोस को देखने के लिए मजबूर किए जाएं तो इस परिस्थिति में इसे और लोकतांत्रिक ना कहा जाए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश ना कहा जाए तो और क्या कहा जा सकता है
👍साकारात्मक पक्ष:-
दूसरी तरफ देखा जाए तो इस अभिव्यक्ति का बहुत सारे लोगों ने नाजायज फायदा उठाना शुरू कर दिया था सुबह से लेकर रात तक जितने फालतू मैसेज होते थे सारे के सारे WhatsApp ग्रुप पर शेयर कर दिए जाते थे यहां तक की किसी की शादी से लेकर किसे मरण तक की वीडियोस शेयर कर दिया तुझे इतना ही नहीं अश्लील सामग्री लड़कियों की फोटोस वीडियोस आदि शेयर करने का प्रचलन इतना बढ़ गया था कि इस पर अंकुश लगाना आवश्यक था।
पुलिस को कई बार ऐसे मामले देखने को मिले थे जिसमें WhatsApp पर झूठी दंगे फसाद की वीडियो शेयर कर के कृत्रिम तरीके से क्षेत्र में दंगे फसाद की स्थिति तनाव की स्थिति उत्पन्न कर दी जाती थी जिसका राजनीतिक लाभ वालों को तो लाभ मिल जाता था किंतु बीच में जनता पीसकर रह जाती थी।
पिछले दिनों WhatsApp पर बच्चा चोर कि अब झूठी अफवाह फैलाई गई जिसके कारण 5 लोगों की जान चली गई इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 15 लोगों को हिरासत में लिया तो दूसरी ओर इस तरह की कई घटनाएं देखने को मिली थी जिसमें WhatsApp पर झूठी अफवाह फैला कर, गलत तरह से वीडियो को बनाकर ,फोटो को एडिट करके, वीडियो को एडिट करके WhatsApp के माध्यम से कृत्रिम तरीके से झूठी अफवाह फैला कर समाज में तनाव की स्थिति, लड़ाई झगड़े की स्थिति उत्पन्न की गई, जिसके कारण WhatsApp को ऐसा फीचर लाना पड़ा। Whatsapp द्वारा लाए गए सेटिंग में इस तरह के परिवर्तन से पूरी तरह से क्यों नहीं किंतु बहुत हद तक अफवाह एवं धार्मिक उन्माद के मैसेजों पर अंकुश लगाने में सहायता मिलेगी।
मनमोहन सरकार में भी एक बार सोशल साइट के माध्यम से ही अफवाह फैला कर नॉर्थ ईस्ट के छात्रों का साउथ इंडिया से पलायन करने पर मजबूर कर दिया गया था जिसके लिंक बाद में पाकिस्तान से जुड़े मिले ।।
इस परिस्थिति में WhatsApp के इस फीचर से ऐसी अफवाह भरे मैसेजों को रोकने में सहायता मिलेगी।
🌴पहले से मौजूद फीचर🌴
-----------------------------------
📝Broadcast Message:-
--------------------------------------
WhatsApp में पहले से ही ब्रॉडकास्टिंग मैसेजेस का ऑप्शन मौजूद है जिसके द्वारा कोई भी व्यक्ति एक साथ ढेर सारे लोगों को एक ही मैसेज एक ही बार में भेज सकता है और अलग-अलग लोग उस पर अपनी प्रतिक्रिया भी दे सकते हैं यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया Whatsapp द्वारा पहले से ही दी जा रही है
किंतु Only Admin जैसे ऑप्शन लाकर WhatsApp ने जिस प्रकार से ग्रुप को एक तरफा मैसेजिंग व्यवस्था बना दिया है उससे कहीं ना कहीं लोगों के प्रतिक्रियात्मक विचार अर्थात उनकी अभिव्यक्ति का हनन हो रहा है निश्चित रूप से दो चार दस लोगों के कारण सभी को इस तरह की स्थिति से गुजरना पड़ रहा है
एक बार फिर से WhatsApp को ऐसी व्यवस्था पर विचार करनी चाहिए और सेटिंग में इस तरह का परिवर्तन होना चाहिए कि जहां कहीं से भी किसी भी तरह का विवादित वीडियो या कुछ भी डाला जाए तो उस पर स्पैम ऑप्शन जरूर रहे ताकि वीडियो नकरात्मक होने की स्थिति में लोग अपनी नकारात्मक प्रतिक्रिया दें और उस व्यक्ति को ब्लॉक किया जा सके जैसा की Facebook आदि में ऑप्शन दिया गया है।
लेखक :नकुल कुमार
📞8083686563
🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴
नोट:-
यह लेखक के अपने निजी अनुभव एवं लोगों की प्रतिक्रिया पर दिए गए विचार हैं यदि आप इससे सहमत या असहमत हो तो कमेंट बॉक्स में अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें । आपके बहुमूल्य प्रतिक्रिया का स्वागत है।।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴
Comments