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दलित बेटी का दम: मेरिटधारियों को पछाड़ रिया सिंह बनीं पीएचडी प्रवेश परीक्षा टॉपर

दलित बेटी का दम: मेरिटधारियों को पछाड़ रिया सिंह बनीं पीएचडी प्रवेश परीक्षा टॉपर Created By :  नेशनल दस्तक ब्यूरो  Date :  2017-05-10  Time : 16:45:32 PM  नई दिल्ली।  पिछले कुछ समय में देश में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। सवर्णों का एकाधिकार माने जाने वाले बड़े शिक्षण कोर्सों और शिक्षण संस्थानों में दलित वर्ग के लोग टॉप कर रहे हैं, वो भी सवर्णों को पछाड़कर। कुछ दिनों पहले आईआईटी-जेईई की मेंस परीक्षा में दलित छात्र कल्पित वीरवाल ने 360 में से 360 नंबर लाकर पूरे देश को आश्चर्यचकित कर दिया था। अब ऐसा ही किया है गाजियाबाद की दलित छात्रा रिया सिंह ने।  रिया सिंह ने टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस मुंबई के पीएचडी प्रवेश परीक्षा में मेरिटधारियों को पछाड़कर पहला स्थान प्राप्त किया है। वह अपना रिसर्च महिला अध्ययन में करेंगी। आप भी जानिए रिया सिंह की कहानी उन्हीं की जुबानी कि कैसे उन्होंने देश के संस्थानों में जातिगत भेदभाव को झेलते हुए मेरिट धारियों को पछाड़कर सफलता हासिल की... "मेरी शुरुआती शिक्षा दिल्ली-ग़ज़ियाबाद के इलाके में हुई। ग्रेजुएशन के लिए मैंने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी

दलित बेटी का दम: मेरिटधारियों को पछाड़ रिया सिंह बनीं पीएचडी प्रवेश परीक्षा टॉपर

दलित बेटी का दम: मेरिटधारियों को पछाड़ रिया सिंह बनीं पीएचडी प्रवेश परीक्षा टॉपर Created By :  नेशनल दस्तक ब्यूरो  Date :  2017-05-10  Time : 16:45:32 PM  नई दिल्ली।  पिछले कुछ समय में देश में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। सवर्णों का एकाधिकार माने जाने वाले बड़े शिक्षण कोर्सों और शिक्षण संस्थानों में दलित वर्ग के लोग टॉप कर रहे हैं, वो भी सवर्णों को पछाड़कर। कुछ दिनों पहले आईआईटी-जेईई की मेंस परीक्षा में दलित छात्र कल्पित वीरवाल ने 360 में से 360 नंबर लाकर पूरे देश को आश्चर्यचकित कर दिया था। अब ऐसा ही किया है गाजियाबाद की दलित छात्रा रिया सिंह ने।  रिया सिंह ने टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस मुंबई के पीएचडी प्रवेश परीक्षा में मेरिटधारियों को पछाड़कर पहला स्थान प्राप्त किया है। वह अपना रिसर्च महिला अध्ययन में करेंगी। आप भी जानिए रिया सिंह की कहानी उन्हीं की जुबानी कि कैसे उन्होंने देश के संस्थानों में जातिगत भेदभाव को झेलते हुए मेरिट धारियों को पछाड़कर सफलता हासिल की... "मेरी शुरुआती शिक्षा दिल्ली-ग़ज़ियाबाद के इलाके में हुई। ग्रेजुएशन के लिए मैंने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी

दलितों पर अत्याचार.......आखिर कब तक...???

नकुल कुमार/मोतिहारी 08083686563                 महाड़ आंदोलन के प्रणेता, दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों की आवाज को बुलंद करने वाले, सदी के महानायक, महान विचारक, महान राजनीतिज्ञ एवं महान वकील श्री बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को शत् शत् नमन।                     भीमराव अंबेडकर ना सिर्फ राजनेता थे बल्कि वे एक समाज प्रतिष्ठित, जन जन के नेता थे। राजनेता सिर्फ एक पार्टी के होकर रह जाते हैं। लेकिन बाबा साहब भीमराव अंबेडकर एक पार्टी के नहीं, एक समूह के नहीं बल्कि दबे-कुचलों, पिछडो़ एवं सामाजिक रूप से शोषित वर्गों के मसीहा थे।                      जिस समय भारत में जात-पात, छुआ-छूत, ऊंच-नीच आदि भावना के आधार पर समाजिक ​रूप से बंटा हुआ था। भारत आजाद तो हो चुका था लेकिन समाज का एक वर्ग अब भी तथाकथित बड़जात्या वर्ग के आधीन रहकर मानसिक, शारीरिक व सामाजिक यातना झेल रहा था। समाज के जिस वर्ग को छोटी जाति का कहके समाज के सभी अधिकारों से वंचित रखा गया था। जिन्हें सड़क पर चलने का अधिकार नहीं था, जिन्हें बराबरी का अधिकार नहीं था जिन्हें अच्छा खाने, अच्छा पहनने, उठने-बैठने व संपत्ति का अधिकार नहीं था। वैसे समय में

How long should the oppressed.....???

Nakul Kumar / Motihari 08083686563                 Shanti Naman, the pioneer of the Maharad movement, who has elevated the voice of dalits, backward and tribal people, the great leader of the century, great thinker, great politician and great lawyer, Shri Baba Saheb Bhimrao Ambedkar.                     Bhimrao Ambedkar was not only a politician, but he was a society reputed, leader of the masses. Politicians remain left with just one party. But Baba Saheb Bhimrao Ambedkar was not a party but a messiah of a group, but a messenger of the backward and socially exploited classes.                      At the time when India was divided socially on the basis of caste, touch-touch, high-low, etc. India had been free, but a section of society was still facing mental, physical and social torture under the so called Barjatya class. The class of society which was called a small caste was denied to all the rights of the society. Those who did not have the right to walk on the road, who did not h

बुद्ध पूर्णिमा

सभी मित्रों को बुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं। जिस समय ज्ञान का बोध हो जाएं, यही बोधिसत्व है । यह काल, स्थान,कुल-वंश आदि से परे है। ज्ञान का बोध संसार से मोहभंग होने पर ही हो यह भी आवश्यक नहीं है। क्योंकि इतिहास में ऐसे कई उदाहरण भरें पड़े हैं कि ईश्वर के प्रति उत्पन्न अकाट्य श्रद्धा, प्रेम व भाव की उत्पत्ति से भी मुक्ति संभव है।                        #मुक्ति_से_तात्पर्य_कभी_भी_व्यक्तिगत_जीवन_नहीं_है। अर्थात् व्यक्तिगत जीवन, मैं और मेरेपन के मोह से निकलकर समाज के अध्यात्मिक उत्थान के दिशा में कार्य​करना ही बोधिसत्व है। All the best wishes of Buddha Purnima to all friends. This is the Bodhisattva when the understanding of wisdom is realized. It is beyond period, place, total caste etc. It is not necessary even if the realization of knowledge is disillusionment with the world. Because in history many such examples have been filled that salvation is possible even from the creation of unshakable devotion, love and sense to God.               #freedom_system_out_out_bout_business_lif

बुद्ध पूर्णिमा

सभी मित्रों को बुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं। जिस समय ज्ञान का बोध हो जाएं, यही बोधिसत्व है । यह काल, स्थान,कुल-वंश आदि से परे है। ज्ञान का बोध संसार से मोहभंग होने पर ही हो यह भी आवश्यक नहीं है। क्योंकि इतिहास में ऐसे कई उदाहरण भरें पड़े हैं कि ईश्वर के प्रति उत्पन्न अकाट्य श्रद्धा, प्रेम व भाव की उत्पत्ति से भी मुक्ति संभव है।                        #मुक्ति_से_तात्पर्य_कभी_भी_व्यक्तिगत_जीवन_नहीं_है। अर्थात् व्यक्तिगत जीवन, मैं और मेरेपन के मोह से निकलकर समाज के अध्यात्मिक उत्थान के दिशा में कार्य​करना ही बोधिसत्व है।  नकुल_कुमार मोतिहारी, पूर्वी चंपारण बिहार 08083686563

ब्रम्हचर्य जीवन की ओर.......

ब्रम्हचर्य जीवन की ओर................ अमित जी मेरे गुरु भाई एवं मित्र हैं। अभी-अभी इनकी शादी हुई है और उसके पहले अंता उर्जा साधना करके लौटे हैं। बताते हैं कि शादी तो इनके शरीर की हुई है जो एक दिन गल जाने वाला है, मर जाने वाला है, श्मशान में जल जाने वाला है । मैं तो अनश्वर आत्मा हूं मेरा कुछ नहीं बिगड़ सकता है । मैं शरीर के पहले भी था और बाद में भी हूं। युद्ध के मैदान में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को यही बात समझा रहे हैं कि हे अर्जुन यह सारे के सारे योद्धा मेरे द्वारा पहले ही मारे जा चुके हैं बस तुम निमित्त मात्र बन जाओ और इन सब का वध करो। कभी-कभी हम लोग भी अज्ञानतावश अपने शरीर को ही मैं मान बैठते हैं कि मैं प्रधानमंत्री हूं, मैं इंजीनियर हूं, मैं डॉक्टर हूं, मैं फलाना हूं। लेकिन वास्तव में मैं एक अनश्वर आत्मा हूं यह जानना उपरोक्त सभी जनकारी से ज्यादा बेहतर है। जब हम यह जान लेते हैं कि मैं एक अनश्वर आत्मा हूं और अपने इस आत्मा का शरीर में उत्पत्ति का कारण जान लेते हैं कि किस उद्देश्य से हमें प्रकृति ने यहां भेजा है और उस पर काम करना चालू कर देते हैं तो फिर हमें किसी चीज की कोई आवश्यकता नहीं