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बैठक संपन्न

मोतिहारी। बैठक में विभिन्न बातों पर हुई चर्चा रिपोर्टर अफ़ज़ल आलम, संपादक: नकुल कुमार Nakul Media House WhatsApp 8083686563 मोतिहारी। रास्ट्रीय मानवधिकार एवं सामाजिक न्याय आयोग की एक बैठक जिला मुख्यालय के एकक सभागार में आयोजित की गई।जिसकी अध्यक्षता तसनीम ज्या जबकि संचालन कमरे आजम ने की। जिसमें जिले के सभी प्रखण्ड के प्रखण्ड अध्यक्ष सहित जिला के सभी प्रकोष्ठ के सदस्य उपस्थित हुए। बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने अपनी अपनी परिचय सहित अपनी अपनी बातों को भी रखा। आयोग के जिला अध्यक्ष तसनीम ज्या ने बताया कि इस बैठक में विभिन्न एजेंडों पर चर्चा हुई जिसमें मुख्य एजेंड यह रहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय आयोग द्वारा एक जिला सम्मेलन किया जाए । और इस जिला सम्मेलन कराने के लिए जिला के सभी सदस्यों ने हामी भरी। जो अगले साल फरवरी या मार्च में आयोजित होगी। और इस बैठक में जिले के अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने का आहवान भी क्या गया है। दूसरी बात यह कि इस बैठक में और भी कुछ  मुद्दों पर विशेष बल दिया गया। जिसमें महिला उत्पीड़न, गैर कानूनी काम,मानव तस्करी, साम्प्रदायिक हिंसा, एफ आई आर दर्ज नही करना

....... मोरी देवी मईया

#पत्थरों_में_खो_गईं_मोरी_देवी_मईया । सुना हैँ... पहले बोलती थी, कभी खुद, कभी किसी के शरीर मेँ आकर। पर......पर अब तो जैसे खामोश रहने लगी हैं, मोरी देवी मईया। कई बार गया, कभी पान-बताशा, तो कभी नारियल-ईलायची लेकर,     लेकिन हर बार खामोश रही मोरी देवी मईया। कितना मै रोया सिरपटक-पटक, अपने आँशुओं से उनके चरणों को धोया, एक बार भी न देखी, मोरी देवी मईया। मै दुबारा गया, मैट्रिक,इण्टर, डिप्लोमा की डिग्री लेकर, कुछ कह भी न पाई, मोरी देवी मईया। तभी अचानक... अचानक एक आवाज मेरे चारो ओर गुँजने लगी। मै...मै उस तरफ तेजी से दौड़ा, उधर एक वृद्दा(बुढी औरत) मिली। मैनें उसके चरण पकड़े और पूछा. कि कहाँ गई,मोरी देवी भईया...? कपकपाते स्वर में, उस वृद्दा ने कहा... "कहाँ ढूँढते हो, इन बेज़ान पत्थरो में, ...अब बेटियों में बसती हैं,     तेरी देवी मईया।" ...लेखक:- नकुल कुमार मोतिहारी,पुर्वी चम्पारण बिहार,845401 (भारत) WhatsApp 08083686563

बिहार पुलिस बहाली

नकुल कुमार/मोतिहारी Whatsapp:-8083686563                 मोतिहारी के गांधी मैदान में आजकल युवाओं की अच्छी खासी भीड़ देखी जा सकती है। यह भीड़ मेला देखने वालों की नहीं है,किसी कार्यक्रम में शरीक होने वालों कि नहीं है, नेताओं का भाषण सुनने वालों की नहीं है,बल्कि मातृभूमि की सेवा के लिए खुद को समर्पित करने वाले युवाओं की है।                 यह वही युवा है जो कभी भगत सिंह बन कर मातृभूमि की सेवा की है,तो कभी सूली पर चढ़ कर मातृभूमि की सेवा की है। कभी आजादी के दीवानों की टोली सड़कों पर निकलती थी पर आजकल गांधी मैदान में बिहार पुलिस में बहाली को लेकर फिजिकल की तैयारी करने वाले युवाओं की टोली है। यह युवा हाई जंप, लॉन्ग जंप, गोला फेंकना,रस्सी कूदना एवं दौड़ लगाने की प्रैक्टिस कर रहे हैं।                                      मालूम हो कि बिहार पुलिस में कांस्टेबल की बहाली निकली हुई है। जिसमें पहले रिटेन एग्जाम इन जाएगी एवं उसके बाद शारीरिक दक्षता की कसौटी पर अभ्यार्थियों को परखा जाएगा। वे सभी अभ्यर्थी जो इन दोनों मापदंडों पर खरे पाए जाएंगे उन्हें चयनित किया जाएगा।।

क्या तीसरी आंख सुरक्षित है....?

नकुल कुमार साह/मोतिहारी #क्या_तीसरी_आंख_सुरक्षित_है...?                      यूं तो मोतिहारी शहर के चौक चौराहों पर तीसरी आंख का पहरा है किन्तु यक्ष प्रश्न यह है कि क्या इन पहरेदारों के आंखों की सेहत व सुरक्षा का ख्याल किया गया है....?                     जी हां नीचे के फोटो में आप देख सकते हैं कि किस तरह से सीसीटीवी कैमरे के मूल से एक तार निकल रही है। जो कि नीचे लगे एक बॉक्स में जाती है। इसके द्वारा इंटरनेट के माध्यम से कैमरे के द्वारा ली गई फोटो वीडियो आदि अपने कंट्रोल रुम को भेजी जाती है।                     जरा सोचिए अगर अपराधी किसी बड़ी साजिश के तहत किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने वाले हो और उससे पहले इस वायर को ही काट देंगे तो क्या कंट्रोल रूम तक कोई फोटो या वीडियो पहुंच पाएगा...? उसके बाद प्रशासन लापरवाही का रोना रोएगा। लेकिन...........तब तक घटना हो चुकी होगी। #अब_प्रश्न_उठता_है_कि_समस्या_का_समाधान_क्या_है...?          #समाधान: यदि सभी तार जो लटकते हुए नजर आ रहे हैं इनको लोहे के पाइप के माध्यम से लाकर सीधा बस के अंदर डाला जाता इस परिस्थिति में ऐसी किसी भी संभावना से बचा जा सकता था

स्वच्छ भारत अभियान फेल

हल्का होने के चक्कर में, फंस गए देखो महामना ।। स्वच्छ भारत अभियान में, करने को था किया मना।। नियति यह बिहार की, कमी गठबंधन सरकार की। कागज पर खूब काम हुएं, अख़बारों में नाम हुएं। ज़मीनी हक़ीक़त कोसों दूर, अंततः महामना हुएं मजबूर।। नकुल कुमार साह युवा आलोचक In light of the lighter, Look trapped In the Swachh Bharat Abhiyan, To do was forbidden .. Destiny It's Bihar, The lack of coalition government. Work a lot on paper, Name in the newspapers So far the earth's reality, Finally, be forced to become pregnant .. Nakul Kumar Sah Young critic

इश्क का पत्थर

इश्क का पत्थर, जो फेंकती हों तुम। कसम से बार बार, उठाने को जी चाहता है।। तुम्हारी अदाएं इतनी मदहोश है, कि बार बार तुम्हारी गली में, आने को जी चाहता है।। "नकुल कुमार साह"

शमशान की कमी से जूझता मोतिहारी

#नकुल_कुमार /मोतिहारी 8083686563 #शमशान_घाट_की_कमी_से_जूझता_मोतिहारी:- #क्या_मोतिहारी_में_मुस्लिम_कब्रगाहों_की_तरह_हिंदुओं_के_लिए_भी_श्मशानघाट_नहीं_होना_चाहिए....? नीचे के चित्र में दिल्ली श्मशान घाट को दिखाया गया है। पटना में भी श्मशान घाट है लेकिन दिल्ली का यह श्मशानघाट कुछ ज्यादा अच्छा है क्योंकि इसमें पर्यावरण को भी तरजीह दी गई है       मोतिहारी शहर जो कि #केंद्रीय_कृषि_मंत्री_राधा_मोहन_सिंह का संसदीय क्षेत्र है । लगभग 10 लाख जनसंख्या है इस जिले की। यहां से आईएएस-आईपीएस एवं करोड़पति सुशील कुमार निकले हैं । मोती झील जैसी सुंदर सरोवर है लेकिन श्मशानघाट नहीं है श्मशानघाट की कमी के कारण लोग यहां वहां लाश जला देते हैं या फिर शहर से दूर ले जाकर कहीं जंगल या खेत किनारे जलाते हैं यह दुखद है । #नगर_परिषद_मोतिहारी को भी इस विषय पर सोचना चाहिए ताकि हिंदू समाज के लोग शवों को एक ही स्थान पर मोक्ष दिला सके।