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..........यादों में 2017...👌...👍...💐

पुराने साल में जो गिले-शिकवे थे, उन्हें भुला देना सनम।। नए साल में, मोहब्बत की नई दास्तान लिखने की, एक आरजू है हमारी।। बहुत लड़ाई झगड़े हम, मोहब्बत भी तो हमने हीं की थी।। कुछ बे...

.........अच्छा है।

बस  तनहाई में कुछ लिख लेता हूं...📝,कुछ गा लेता हूं...🎤 कुछ गुनगुना लेता हूं... जाने क्यों जमाना मुझे आशिक समझता है... प्यास बुझाए जो अधजल गगरी नकुल की, तेरी भरी गगरी से मेरी अधजल गगरी अच्छा है। दिल ये मेरा, गुस्ताखियाँ करता है बार-बार, मिलकर समझाना इसे, अभी यह बच्चा हैं। मुझे दिखाने के लिए तुम जो "फेयर & लवली" लगाते हो, सच कहूं तो तुम्हारा कालापन, फेयर & लवली के गोरेपन से अच्छा है👯 तुम जो बार बार मेसेंजर देखकर ऑफलाइन हो जाते हो , मेरे मैसेज के लिए तुम्हारा यूं बेचैन रहना अच्छा हैं। तुम्हें रूठने और मुझे मनाने🙏 की आदत है, फिर तो तुम्हारा रूठना💔 ही अच्छा है। तुम जो रूठकर दूर-दूर रहते हो मुझसे, ये दूरी नजदिकियों से अच्छा है। कवि: नकुल कुमार

Dharmendra KR singh Kanpur UP India

#तुम्हे_दो_रोटी_खिलाकर तुम्हे दो रोटी खिलाकर तुमसे बहुत कुछ ले गए हम. तुम्हारा झोपड़ा झोपड़ा ही रहा महलों के हो गए हम. नीयत साफ़ थी बरकत ने किवाड़ खटखटाये झुर्रीदार हांथों ने रखा ...

मोतिहारी के शायर जनाब रफी साहब

कलम से जादू बिखेरी है आपने, डर लगता हैआपके लिए कलम चलाने में।।            .मोतिहारी के जाने माने शायर #जनाब_रफी_साहब सिर्फ एक शायर ही नहीं बल्कि एक जिंदादिल  इंसान भी है। आप पे...

....उल्झन

उलझाने तो मकड़ी के जाल सी है, एक बार जो झाड़ू तुम उठाओ नकुल।।

......प्रधान सेवक के आंसू

फफक फफक कर, इतना रोना, जायज नहीं साहब।। कि जी एस टी के जमाने में , गील्सरीन मंहगा न करो।।

............होठों पर तेरी

सुर्ख होठों पर तेरी, जो लाली थी ।  वह लाली,                                                                   चुराई है किसने ।। हमने शामों-पहर, ख्वाबों में पाया हैं तुमको।  घर उसका जले,  जुदाई की साजिश की हैं जिसने ।। इक वफा तुम भी करो, इक वफा हम भी करें। आओ अब संग जीएं, आओ अब संग मरे।।