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मातृ पितृ पूजन दिवस..........

श्री योग वेदांत सेवा समिति मोतिहारी पूर्वी चंपारण बिहार के तत्वावधान में टाउन हॉल मोतिहारी के मैदान में मातृ पितृ पूजन दिवस का आयोजन किया गया।               इस कार्यक्रम में संत श्री आसाराम जी बापू की शिष्या साध्वी सुश्री रेखा बहन ने कहा कि 14 फरवरी के दिन जहां पश्चिमी सभ्यता के तथाकथित प्रेम दिवस वैलेंटाइन डे मना कर अपने उस देश का नाश करते हैं और कम उम्र में ही गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं । कई बच्चे-बच्चियां हताशा एवं निराशा के शिकार होकर आत्महत्या तक कर लेते हैं। इतना ही नहीं प्रेमिका को गिफ्ट देने के लिए जघन्य अपराध चोरी आदि तक करते हैं वहीं दूसरी ओर पूज्य संत श्री आशारामजी बापू के शिष्य 14 फरवरी के दिन वैलेंटाइन डे ना मना कर उसकी जगह मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाते हैं । जिसमें वह फूल, चंदन, अक्षत, मिष्ठान आदि से माता-पिता की पूजा करते हैं एवं उनके चरण स्पर्श करके माता-पिता के प्रति पवित्र देव भाव सेवा भाव जागृत करते हैं उसके बाद माता-पिता अपने बच्चों को गले से लगाकर उन्हें आशीर्वाद देते हैं।                  इस अवसर पर विभिन्न स्कूलों से आए गरीब डेढ़ सौ बच्चे-बच्चियों ने फूल,

📝नकुल कुमार की कलम से....📝 वैलेंटाइन क्यों... मातृ-पितृ पूजन दिवस क्यों नहीं ......🤔...???

                 शुरू से ही बसंत का महीना कवि और लेखकों की लेखनी का केंद्र बिंदु में रहा है। सभी ने अपने अपने अनुसार बसंत का जोरदार चित्रण किया है। किसी ने बसंत को प्रेम का महीना बताया है तो किसी ने पतझड़ का, तो किसी ने नए-नए पल्लव का ।। बसंत के महीने में खेतों में सरसों का पीलापन मानो धरती के हाथ पीले कर देने व मोहब्बत का सुखद एहसास दिलाता है। वही इस महीने में महाशिवरात्रि सरस्वती पूजा जैसे त्यौहार इसकी महत्ता को बढ़ाते हैं।  किंतु कुछ वर्षों से देखने को मिला है कि पश्चिम जगत में वैलेंटाइन डे के नाम पर अश्लीलता अपने चरम को छू गई है। जहां मोहब्बत के नाम पर एक दूसरे के शरीर को प्राप्त करने के लिए काम आतुर जोड़ें कहीं कोई कसर नहीं छोड़ते । घर बेचकर प्रेमिका को खुश करते हैं,माता-पिता का दिल दुखा कर खुश करते हैं ।किंतु इस खुशी के मायने कुछ नहीं है ।। इन्हीं सभी चिंताओं से वाकिफ हुए अहमदाबाद साबरमती तट पर बसने वाले संत श्री आसाराम जी बापू ।।उन्होंने अपने साधकों के बीच संकल्प किया कि उनके सारे साधक 14 फरवरी को मातृ पितृ पूजन दिवस मनाएंगे और पूरे 1 सप्ताह तक यह कार्यक्रम उनके सारे आश्रमों में

पकौड़ा योजना...से मोदी विरोधी होंगे पश्त.....लिंक खोलकर पूरा लेख पढ़िए.........

आपको क्या लगता है BJP इतना मूर्ख है जो इस महंगाई की स्थिति में भी बार-बार पकौड़े जैसे शब्दों पर जोर देकर जनमानस को गुस्सा दिलाएगी......🤔          बीजेपी के पोस्टर ब्वॉय व स्टार प्रचारक माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी का यह कहना कि बेरोजगार रहने से अच्छा है पकौड़ा बेचा जाएं। पकौड़ा बेचने को रोजगार से जोड़ना और वह भी उस स्थिति में जब देश में बेरोजगारी चरम पर है । पढ़े लिखे युवाओं की फौज रोजगार के लिए खड़ी है यहां तक की राजस्थान में स्थिति यह हो गई है कि एक छोटी सी पोस्ट के लिए पटवारी के पोस्ट के लिए हजारों पढ़े लिखे अच्छे-अच्छे डिग्रीधारियों की फौज का टूट पड़ना बेरोजगारी से उत्पन्न भयंकर स्थिति अथवा विभिषिका को उजागर करती है ।। और उस परिस्थिति में प्रधानमंत्री जी का यह पकौड़ा योजना जले पर नमक छिड़कने जैसा है साथ ही साथ BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी सदन में इस बात पर जोर दिया है कि बेरोजगार रहने से अच्छा है कि पकौड़ा बेचा जाए।। आइए उनकी इस बात का ऑपरेशन किया जाए और देखा जाए किसके भीतर क्या छुपा हुआ है......???🤔🤔🤔 मुझे लगता है कि यह सारी स्थितियां भविष्य में आने वाल

Rape is a mental illness

👉Rape is a mental illness Rape is a phenomenon occurring in the events occurring in our society, which is contaminated by the morale and violently influences the violent form of the gender, the same sex or the community. In which one side is prey to mental paralysis, the other suffers from the new condition stemming from that distortion. 👉 mental retardation Just imagine what might be the reason .... Will it not be called mental disorder and behind them all is just another reason. That is, porn videos seen on mobile. In which the females are born with the body and they are born of it, the deformity that wants to practice it, and it becomes pervasive and gives rise to incidents like rape. 👉Adultt It does not matter to being advertised that you got a license to watch Rape porn movies or girls got a license to rape them with rape. 👉 By the government Therefore, the government should go ahead in the direction of putting a complete curb on porn websites, as well as in cinemas, such porn

बलात्कार, एक मानसिक विकृति

                    हमारे समाज में आए दिन घटित होने वाली घटनाओं में बलात्कारभी एक ऐसी घटना है, जो दूषित मनोवृति से उपजती हैं एवं हिंसक रूप धारण करके अपने विपरीत लिंग, समान लिंग अथवा समुदाय को हिंसक रुप से प्रभावित करती है। जिसमें एक पक्ष मानसिक विकृति का शिकार होता है, तो दूसरा उस विकृति से उपजी नई स्थिति से पीड़ित होता है। 👉 मानसिक विकृति👈 जरा सोचिए कि आखिर क्या कारण हो सकते हैं....? क्या इसे मानसिक विकृति नहीं कही जाएगी और इन सब के पीछे सिर्फ और सिर्फ एक कारण है। वह है, मोबाइल पर देखी जाने वाली अश्लील वीडियोस। जिसमें महिलाओं के शरीर के साथ होते खिलवाड़ और उससे जन्म लेती है वह विकृति जो उस चीज को प्रेक्टिकली करना चाहती है और यह प्रेक्टिकली होना ही रेप जैसी घटनाओं को जन्म देती है।   👉एडल्ट👈 एडल्ट होने का यह कतई मायने नहीं है कि आपको रेप अश्लील फिल्में देखने का लाइसेंस मिल गया अथवा लड़कियों को छेड़ने उनके साथ बलात्कार करने का लाइसेंस मिल गया। 👉सरकार से👈 अतः सरकार को पोर्न वेबसाइटों पर पूरी तरह से अंकुश लगाया जाने, साथ ही साथ सिनेमाघरों में भी पार्ट टाइम चलने वाले इस तरह के अश्लील

संगम नगरी इलाहाबाद से नकुल कुमार लाइव

अपने अब तक के जीवन के सफर में मैंने बहुत से आध्यात्मिक महत्व के तीर्थाटन किए हैं एवम बहुत सारी नदियों को पहाड़ों से निकलते एवं झड़ते देखा है। लेकिन आज पहली बार मैंने गंगा यमुना को आपस में मिलते देखा ।              एक तरफ #यमुना की शांत धारा, तो दूसरी तरफ #गंगा की तूफानी धारा। मानो की यमुना को चुनौती दे रही हो कि मैं बड़ी की तूम बड़ी ।। और मैंने देखा यमुना की धारा नीचे की ओर घुसते जा रही थी और गंगा की धारा ऊपर से चढ़ती जा रही थी और फिर दोनों समाहित हो कर एक अन्य दिशा में बहने लगी। बिल्कुल अद्भुत नजारा था। #संगम नगरी #प्रयागराज, #इलाहाबाद का ।।                  और मुझे उस में स्नान करने का मौका मिला । मैंने सात डुबकी लगाई ।किंवदंतियों के अनुसार इससे सात जन्म के पाप धुल जाते हैं एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है । #कल_जया_एकादशी_है (27-28) एवं दशमी को गंगा में स्नान करके एकादशी करने से जन्म जन्म के पाप धुल जाते हैं एवं एवं देवता प्रसन्न रहते हैं । वह रीती रिवाज मैंने भी निभाई।। #एकादशी_मैं_भी_करता_हूं।।            माघ महीने का मेले का अंतिम पड़ाव चल रहा है 31 जनवरी तक माघ मेला चलेगा । निश्चित

मोतीझील मोतिहारी से Nakul Kumar लाइव

                     जी हां आप सही देख एवं पढ़ रहे हैं । जैसा कि पुलिस प्रशासन की तरफ से गायत्री मंदिर घाट के पास विसर्जन का व्यवस्था की गई थी। तो वही कुछ नाविक मदरसे के सामने अथवा अन्य जगहों से जान जोखिम में डालकर नाव पर मूर्ति विसर्जन करने लगे। इतना देखते ही बिहार पुलिस का जवान दौड़ पड़ा और तब तक नाविक नाव पर मूर्ति लेकर दरिया के बीचो-बीच पहुंच चुका था। पुलिस वाले ने उसे वॉर्निंग दी।इससे जान माल की क्षति हो सकती है ।                    खैर मूर्ति विसर्जन से मोती झील में बहुत ही ज्यादा कचरा पसर गया है । नगर परिषद के लिए यह सिरदर्द जैसा है, कि अब नए सिरे से मोती झील की साफ सफाई एवं कचरा को किस तरह से निकाला जाए ताकि फिर से मोतीझील मछलियों के लिए अच्छे आवास के रूप में प्राप्त हो सकें। हिंदू धर्म एवं मान्यताओं के अनुसार प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के साथ पूरे विधि विधान के साथ पूजन की जाती है एवं उसके बाद प्रतिमा का विसर्जन का विधान है । प्रतिमा को पानी या जल स्रोत में ही विसर्जन इसलिए किया जाता है क्योंकि प्रतिमाएं मिट्टी की बनी होती है और मिट्टी मिट्टी में समाहित हो जाएं जिससे जल प्रदूष