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दुख के कपड़े चेंज करूँगा : गुलरेज शहजाद

NTC CLUB MEDIA / 02 JULY 2018  फैला रखी है क़ुदरत ने मंज़र की दोशीज़ा चादर बूढ़ी धरती इस मौसम में अपनी जवानी काट रही है तोहफ़े में बूढी धरती को मंज़र क्या खुशरंग मिले हैं सागर तट पर पाम खड़ा है मौज में अपनी बांहें खोले और ज़मीं पर नर्म-मुलायम सब्ज़ा की क़ालीन बिछी है गुलमोहर के अंगारों पर अपनी आंखें सेंक रहा हूँ दरिया की अंगड़ाई मन में टूट रही है पेड़ों ने पौधों ने अपना सूखा लिबास उतार दिया है हर मंज़र धोया-मांजा है जैसे सब कुछ नया नया है नये कंवारे इस मौसम में मन से मायूसी की पपड़ी अलग करूँगा खुरच-खुरच के उम्मीदों की चाक पे चढ़ के नया बनूँगा दुख के कपड़े चेंज करूँगा                         ००० © गुलरेज़ शहज़ाद 📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝 📝आप पढ़ रहे हैं NTC CLUB MEDIA ब्लॉगर और मैं हूं  NAKUL KUMAR 📞8083686563📝ntcclubmedia@gmail.com✍www.ntcclubmedia.com http://nakulkumar8083686563.blogspot.com http://ntcnewsmedia.blogspot.com 📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝 .................................................................................. 🎥🎥🎥🎥🎥🎥🎥🎥🎥🎥🎥🎥🎥🎥🎥🎥🎥 👉Vide

असफलता से निकलने की भी ट्रेनिंग होनी चाहिए...

🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃 🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃                       एक लड़का था.  बहुत ब्रिलियंट था. सारी जिंदगी फर्स्ट आया. साइंस  में हमेशा 100% स्कोर किया. अब ऐसे लड़के आम तौर पर इंजिनियर बनने चले जाते हैं, सो उसका भी सिलेक्शन हो गया IIT चेन्नई  में.  वहां से B Tech किया और वहां से आगे पढने अमेरिका चला गया. वहां से आगे की पढ़ाई पूरी की. M.Tech वगैरा कुछ किया होगा फिर उसने यूनिवर्सिटी ऑफ़ केलिफ़ोर्निआ से MBA किया.  . अब इतना पढने के बाद तो वहां अच्छी नौकरी मिल ही जाती है. सुनते हैं कि वहां भी हमेशा टॉप ही किया. वहीं नौकरी करने लगा. बताया जाता है कि 5 बेडरूम का घर था उसके पास. शादी यहाँ चेन्नई की ही एक बेहद खूबसूरत लड़की से हुई थी. बताते हैं कि ससुर साहब भी कोई बड़े आदमी ही थे, कई किलो सोना दिया उन्होंने अपनी लड़की को दहेज़ में. . अब हमारे यहाँ आजकल के हिन्दुस्तान में इस से आदर्श जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती. एक आदमी और क्या मांग सकता है अपने जीवन में? पढ़ लिख के इंजिनियर बन गए, अमेरिका में सेटल हो गए, मोटी तनख्वाह की नौकरी, बीवी बच्चे, सुख ही सुख, इसके बाद

शुक्र है शिक्षक हूँ मैं

🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴 🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴 "शुक्र है शिक्षक हूँ" नेता नहीं, एक्टर नहीं, रिश्वत खोर नहीं, शुक्र है शिक्षक हूँ , कुछ और नही... न मैं स्पाइसजेट में घूमने वाला गरीब हूँ, न मैं किसी पार्टी के करीब हूँ... कभी राष्ट्रीयता की बहस में मैं पड़ता नहीं... मैं जन धन का लूटेरा या टैक्स चोर नहीं, शुक्र.है शिक्षक हूँ कुछ और नहीं... 🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴 🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴 न मेरे पास मंच पर चिल्लाने का वक्त है , न मेरा कोई दोस्त अफज़ल , याकूब का भक्त है... न मुझे देश में देश से आज़ादी का अरमान है, न मुझे 2 - 4 पोथे पढ़ लेने का गुमान है.. मेरी मौत पर गन्दी राजनीति नहीं, कोई शोर नही, शुक्र है शिक्षक हूँ, कुछ और नही ... 🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴 🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴 मेरे पास मैडल नही वापस लौटाने को, नक़ली आँसू भी नही बेवजह बहाने को... न झूठे वादे हैं, न वादा खिलाफी है, कुछ देर चैन से सो लूँ इतना ही काफी है... बेशक खामोश हूँ, मगर कमज़ोर नही, शुक्र है शिक्षक हूँ कुछ और नही... 🌴🌴🌴🌴🌴

श्रीरामचरितमानस

श्रीरामचरितमानस के अरण्यकांड में जब शूर्पणखा लक्ष्मण द्वारा नाक, कान काटे जाने के बाद रावण के पास जाती है, तब वह रावण को बताती है कि किन 6 को कभी छोटा यानी कमजोर नहीं समझना चाहिए। आज हम आपको उन्हीं 6 के बारे में बता रहे हैं- 📒📒📒📒📒📒📒📒📒📒📒📒📒📒📒📒📒 🌷 रिपु रुज पावक पाप प्रभु अहि गनिअ न छोट करि।      अस कहि बिबिध बिलाप करि लागी रोदन करन।। 📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝                  अर्थात- शत्रु, रोग, अग्नि, पाप, स्वामी और सर्प को छोटा नहीं समझना चाहिए। ऐसा कहकर शूर्पणखा अनेक प्रकार से विलाप करके रोने लगी। 🌍शत्रु यानी दुश्मन🌍 दुश्मन भले ही कितना भी छोटा क्यों न हो, लेकिन उससे हमेशा सावधान रहना चाहिए। कई बार छोटे दुश्मन भी इतना बड़ा नुकसान कर देते हैं, जिसके कारण बाद में पछताना पड़ता है। 🌍रोग यानी बीमारी🌍 *छोटी से छोटी बीमारी को भी कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सर्दी, जुकाम या बुखार आदि भले ही साधारण लगते हो, लेकिन जब यह बढ़ जाते हैं तो शरीर को खोखला कर देते हैं। 🔥 अग्नि आग का सबसे छोटा रूप एक चिंगारी होती है, लेकिन जब यह विकराल रूप ले लेती है तो इस पर नियंत्रण पाना

श्रीरामचरितमानस

श्रीरामचरितमानस के अरण्यकांड में जब शूर्पणखा लक्ष्मण द्वारा नाक, कान काटे जाने के बाद रावण के पास जाती है, तब वह रावण को बताती है कि किन 6 को कभी छोटा यानी कमजोर नहीं समझना चाहिए। आज हम आपको उन्हीं 6 के बारे में बता रहे हैं- 📒📒📒📒📒📒📒📒📒📒📒📒📒📒📒📒📒 🌷 रिपु रुज पावक पाप प्रभु अहि गनिअ न छोट करि।      अस कहि बिबिध बिलाप करि लागी रोदन करन।। 📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝                  अर्थात- शत्रु, रोग, अग्नि, पाप, स्वामी और सर्प को छोटा नहीं समझना चाहिए। ऐसा कहकर शूर्पणखा अनेक प्रकार से विलाप करके रोने लगी। 🌍शत्रु यानी दुश्मन🌍 दुश्मन भले ही कितना भी छोटा क्यों न हो, लेकिन उससे हमेशा सावधान रहना चाहिए। कई बार छोटे दुश्मन भी इतना बड़ा नुकसान कर देते हैं, जिसके कारण बाद में पछताना पड़ता है। 🌍रोग यानी बीमारी🌍 *छोटी से छोटी बीमारी को भी कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सर्दी, जुकाम या बुखार आदि भले ही साधारण लगते हो, लेकिन जब यह बढ़ जाते हैं तो शरीर को खोखला कर देते हैं। 🔥 अग्नि आग का सबसे छोटा रूप एक चिंगारी होती है, लेकिन जब यह विकराल रूप ले लेती है तो इस पर नि

🌞 आज का हिन्दू पंचांग 🌞दिनांक 02 जुलाई 2018🌞

⛅ दिन - सोमवार ⛅ विक्रम संवत - 2075 (गुजरात. 2074) ⛅ शक संवत -1940 ⛅ अयन - दक्षिणायन ⛅ ऋतु - वर्षा ⛅ मास - आषाढ़ ⛅ गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार मास - ज्येष्ठ ⛅ पक्ष - कृष्ण ⛅ तिथि - चतुर्थी रात्रि 08:20 तक तत्पश्चात पंचमी ⛅ नक्षत्र - धनिष्ठा रात्रि 12:36 तक तत्पश्चात शतभिषा ⛅ योग - प्रीति पूर्ण रात्रि तक ⛅ राहुकाल - सुबह 07:44 से सुबह 09:23 तक ⛅ सूर्योदय - 06:02 ⛅ सूर्यास्त - 19:23 ⛅ दिशाशूल - पूर्व दिशा में ⛅ व्रत पर्व विवरण - 💥 विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)                🌷 वर्षा स्नान 🌷 ☔ बारिश के पानी में स्नान करने से बुढ़ापे  में लकवा, संधिपात (जोडों का दर्द) आदि की तकलीफें आती हैं l लेकिन धूप निकलती हो, उस समय वर्षा में स्नान करना अमृत स्नान माना गया है l        

🌞 आज का हिन्दू पंचांग 🌞दिनांक 02 जुलाई 2018🌞

⛅ दिन - सोमवार ⛅ विक्रम संवत - 2075 (गुजरात. 2074) ⛅ शक संवत -1940 ⛅ अयन - दक्षिणायन ⛅ ऋतु - वर्षा ⛅ मास - आषाढ़ ⛅ गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार मास - ज्येष्ठ ⛅ पक्ष - कृष्ण ⛅ तिथि - चतुर्थी रात्रि 08:20 तक तत्पश्चात पंचमी ⛅ नक्षत्र - धनिष्ठा रात्रि 12:36 तक तत्पश्चात शतभिषा ⛅ योग - प्रीति पूर्ण रात्रि तक ⛅ राहुकाल - सुबह 07:44 से सुबह 09:23 तक ⛅ सूर्योदय - 06:02 ⛅ सूर्यास्त - 19:23 ⛅ दिशाशूल - पूर्व दिशा में ⛅ व्रत पर्व विवरण - 💥 विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)                🌷 वर्षा स्नान 🌷 ☔ बारिश के पानी में स्नान करने से बुढ़ापे  में लकवा, संधिपात (जोडों का दर्द) आदि की तकलीफें आती हैं l लेकिन धूप निकलती हो, उस समय वर्षा में स्नान करना अमृत स्नान माना गया है l