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बेतिया मैनाटांड़ रोड में कुरान घर एकेडमी के पास सड़क में पड़ी दरार

बेतिया: शबा अख्तर पुरानी सड़क का टूटना पच सकता है किंतु नई सड़क में दरार कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है । जिसे जबरदस्ती नहीं पचाया जा सकता हैं। घटना बेतिया मैनाटार रोड़ की है । जहां कुरान घर एकेडमी के पास एक पुल का निर्माण हुआ है और उससे लगी सड़क में दरार पड़नी शुरू हो गई है यहां तक कि पुल के पास बहुत सारा हिस्सा टूटकर गिर गया है  जो किसी भी वक्त हादसे का कारण बन सकता है। राहगीरों का कहना है कि यह रोड अभी-अभी बनकर तैयार हुआ है किंतु मानसून की पहली बारिश में ही इस में दरार पड़ने लगी है। सड़क  के किनारे का हिस्सा  मेन सड़क से टूटकर अलग होने लगा है साथ ही साथ पुल के पास बहुत सारा ही से टूट कर गिर गया है इससे किसी वक्त बड़ी दुर्घटना हो सकती है ।  वीडियो देखने के लिए इस लिंक पर जाइए https://youtu.be/tXflCy0C1Tc सबसे बड़ा सवाल यह है कि यदि इंजीनियर ने मिटटी भराई की जांच सही ढंग से की तो फिर सड़क में दरार कैसे पड़ गई कहीं ना कहीं इसके निर्माण में लापरवाही बरती गई है जिसका खामियाजा वहां के लोगों को भुगतना पड़ रहा है । अब प्रश्न उठता है कि प्रशासन के कान में जूं कब रें गता है और कब इ

प्रिय....यूं न बेकरार करो..........👨‍❤‍💋‍👨👩‍❤‍💋‍👩💑.👄🌷.🌷.🌷🌷

बड़ी तनहाई में यह रात गुजरती है अब रात में ही मिलने को जी चाहता है।। इस मोहब्बत का न निकले कभी भी जनाजा, तेरे संग जीने मरने को जी चाहता है।। यह नयन कजरे की धार चाहता है , यह धड़कन गजरे की मार चाहता है ।। तुम बिन हर वक्त उल्फत में बिताई है हमने , अब यह तन मन तुम्हारा प्यार चाहता है।। जब तुम जुदा जुदा से रहते थे, मुझसे कुछ नहीं कहते थे।। बेकरार हमारी रातें थी, तुम मैसेंजर पर भी नहीं आती थी।। हम तड़प तड़प कर जीते थे, घूंट जहर का पीते थे।। इस रात को ना बेकरार करो, आओ मुझसे प्यार करो।। 🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴 कवि व पत्रकार :- नकुल कुमार 📞8083686563 🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴 During shooting... Aditya Gupta with costar 🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴 contact for advertisment and more Nakul Kumar 8083686563 🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴 Actor: Aditya Gupta 🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴 🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴 🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴

प्यार से

कुछ न पाओगे तलवार से जीत लो  तुम हमे प्यार से लग रहा था कि बीमार हूँ मिल  गया  चैन दीदार से तुम  न  इतना ,पराया करो जो लगे,ले लो अधिकार से खेल  चलता  रहे  उम्र  भर जीत  से  तो  कभी  हार से जिंदगी अब लगे बोझ सी यार अपनो के व्यव्हार से     श्रीमती रजनी टाटस्कर             भोपाल (म.प्र.)

मदरसों में लागू होगा ड्रेस कोड, बच्चे नहीं पहनेंगे कुर्ता पायजामा

                                    मदरसों के आधुनिकीकरण की राह में प्रदेश सरकार जल्द ही एक कदम और उठाने जा रही है। मदरसों में इल्म हासिल करने वाले छात्रों के लिए सरकार ड्रेस कोड लागू करने जा रही है। अब छात्र कुर्ता-पायजामा पहन कर मदरसे में पढ़ने के लिए नहीं जा सकेंगे। वक्फ राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि इसको लेकर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसे जल्द ही लागू करने का प्रयास किया जाएगा। वहीं, वक्फ मंत्री के बयान को लेकर उलमा ने अपनी नाराजगी भी जाहिर करना शुरू कर दी है। सरोजनीनगर स्थित अली मियां नदवी मेमोरियल हज हाउस में हज यात्रियों के टीकाकरण व प्रशिक्षण कार्यक्रम में मंगलवार को हज राज्य मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि मदरसे के छात्र कुर्ता-पायजमा पहन कर पढ़ने नहीं जा सकेंगे। प्रदेश भर के मदरसों में ड्रेस कोड लागू करने की तैयारी की जा रही है। मोहसिन रजा ने कहा कि कुर्ता-पायजामे की जगह मदरसा छात्र क्या पहन कर आएंगे, यह अभी तय नहीं है। इस पर बैठकर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह स्कूली छात्र-छात्राएं यूनिफॉर्म पहनकर आते हैं, वैसे ही मदरसा छात्रों की यूनिफार्म निर्धारित की जाएगी

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दीपक...... विजय नारायण अग्रवाल भ्रमर .

दोहा:--- अक्सर बुझता तेल बिन,                दीपक अपने आप। फिर भी कारण भौतिकी,                वायु को दे संताप।। मुक्तक:-- 1 दीप कणिका कह रही थी,                सुन बटोही ध्यान से, धर्म का बैभव सदा सोता,                      कहॉं सम्मान से, वो 'भ्रमर' चाहे अगर तो,             रस जलधि में ढूब कर, देख ले मन की दशा,             क्यूँ दूर है कल्यान से।। 2 धर्म तो धर्मान्ध है पर ,             मन का वो काला नही, बढ़ गये हों यदि कदम ,               तो रोकने वाला नही, वो 'भ्रमर' स्नेह का प्यासा,                   दिखे तो सोंच लो, मर्म की मोहक किरन को,                शोधने वाला नही।। 'भ्रमर 'रायबरेली 4जुलाई 18

ब्रम्हचर्य

ब्रह्मचर्य का रहस्य एक बार ऋषि दयानंद से किसी ने पूछाः "आपको कामदेव सताता है या नहीं ?" उन्होंने उत्तर दियाः "हाँ वह आता है, परन्तु उसे मेरे मकान के बाहर ही खड़े रहना पड़ता है क्योंकि वह मुझे कभी खाली ही नहीं पाता।" ऋषि दयानंद कार्य में इतने व्यस्त रहते थे कि उन्हें सामान्य बातों के लिए फुर्सत ही नहीं थी। यही उनके ब्रह्मचर्य का रहस्य था। हे युवानों ! अपने जीवन का एक क्षण भी व्यर्थ न गँवाओ। स्वयं को किसी-न-किसी दिव्य सत्प्रवृत्ति में संलग्न रखो। व्यस्त रहने की आदत डालो। खाली दिमाग शैतान का घर। निठल्ले व्यक्ति को ही विकार अधिक सताते हैं। आप अपने विचारों को पवित्र, सात्त्विक व उच्च बनाओ। विचारों की उच्चता बढ़ाकर आप अपनी आंतरिक दशा को परिवर्तित कर सकते हो। उच्च व सात्त्विक विचारों के रहते हुए राजसी व हलके विचारों व कर्मों की दाल नहीं गलेगी। सात्त्विक व पवित्र विचार ही ब्रह्मचर्य का आधार है।