मदरसों के आधुनिकीकरण की राह में प्रदेश सरकार जल्द ही एक कदम और उठाने जा रही है। मदरसों में इल्म हासिल करने वाले छात्रों के लिए सरकार ड्रेस कोड लागू करने जा रही है। अब छात्र कुर्ता-पायजामा पहन कर मदरसे में पढ़ने के लिए नहीं जा सकेंगे। वक्फ राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि इसको लेकर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसे जल्द ही लागू करने का प्रयास किया जाएगा। वहीं, वक्फ मंत्री के बयान को लेकर उलमा ने अपनी नाराजगी भी जाहिर करना शुरू कर दी है।
सरोजनीनगर स्थित अली मियां नदवी मेमोरियल हज हाउस में हज यात्रियों के टीकाकरण व प्रशिक्षण कार्यक्रम में मंगलवार को हज राज्य मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि मदरसे के छात्र कुर्ता-पायजमा पहन कर पढ़ने नहीं जा सकेंगे। प्रदेश भर के मदरसों में ड्रेस कोड लागू करने की तैयारी की जा रही है। मोहसिन रजा ने कहा कि कुर्ता-पायजामे की जगह मदरसा छात्र क्या पहन कर आएंगे, यह अभी तय नहीं है। इस पर बैठकर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह स्कूली छात्र-छात्राएं यूनिफॉर्म पहनकर आते हैं, वैसे ही मदरसा छात्रों की यूनिफार्म निर्धारित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि जिस तरह मदरसों में एनसीईआरटी की किताबों को लागू किया गया है, उसी तरह ड्रेस कोड भी लागू किया जाएगा। हालांकि मदरसों के बच्चों को यूनिफार्म सरकार की ओर से दी जाएगी या फिर छात्रों को स्वयं खरीदना पड़ेगा। इसकी जानकारी नहीं दी गई। मोहसिन रजा ने कहा कि ये प्रस्ताव पहले कैबिनेट में जाएगा। इसके बाद बाकी के निर्णय लिए जाएंगे।
मदरसों में ड्रेस कोड का विरोध शुरू
शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास ने कहा कि मदरसों में पहले से ही ड्रेस कोड लागू है। कुर्ता पायजमा व टोपी ही मदरसा छात्रों की यूनिफॉर्म है। सरकार मदरसों की ग्रांट समय पर नहीं दे रही है। मदरसों के शिक्षकों को वेतन नहीं मिल रहा है। इन मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए ड्रेस कोड जैसे बयान दिए जा रहे हैं। पहले मदरसों के शिक्षा के स्तर को सुधार जाए। मौलाना ने कहा कि मदरसों से यूनिफार्म कुर्ता पायजामे व टोपी को हटाना, ये उसकी तौहीन है। देश के प्रधानमंत्री से लेकर खुद मंत्री जी कुर्ता पायजमा पहनते हैं। मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि हिन्दुस्तान में जितने भी शिक्षण संस्थान चल रहे है क्या उनके यूनिफार्म सरकार ने तय किए है।
संस्थानों के यूनिफॉर्म तय करने का अधिकार वहां की मैनेजमेंट कमेटी को होता है। ड्रेस कोड लागू करने की बात है तो सरकार सारे शिक्षण संस्थानों में ड्रेस कोड लागू करें, सिर्फ मदरसों की ही बात हर बार क्यों की जाती है। मदरसों में अंग्रेजी व कम्प्यूटर पढ़ाने वाले शिक्षकों की जगह खाली है। अब तक उनकी भर्ती तो हुई नहीं है। कुर्ता पायजमा की जगह ड्रेस कोड लागू होने से ही मदरसें आधुनिक हो जाएंगे।
ɮʏ: सालीम ज़फर
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