📝...........सपने होते हैं सपने होते हैं परछांई से, जितने कदम चलो,उतने बढ़ते जाते हैं।। कभी खुशहली, तो कभी जंग वो बन जाते हैं। छोटे से मन में, वो विशाल घर बनाते हैं। जिन्दगी की हकीकत में, वो युद्ध छेड़ जाते हैं। सपने हैं परछांई से, जितने कदम चलो उतने बढ़ते जाते हैं 📝📝.......पुष्पा दांगी (जमुई बिहार) 🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿 🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿 🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴 🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴
क्योंकि सच एक मुद्दा हैं