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घोड़सहन से सीमा जयसवाल विजयी

NTC CLUB MEDIA / घोड़ासहन ऋषिकेश सारस्व पूर्वी चंपारण के जिला परिषद क्षेत्र 47 में सीमा जायसवाल ने लगभग 3909 मतों से जीत प्राप्त की मालूम हो कि जिला परिषद क्षेत्र 45 में 15 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे जिसमें सर्वाधिक 9107 मत प्राप्त करके सीमा जयसवाल  विजय हुई दूसरे स्थान पर MP3 प्रतिद्वंदी सुनैना देवी रही जिन्हें 5198 मत प्राप्त हुए। बताते चलें कि विगत 28 जुलाई को जिला परिषद क्षेत्र 47 म में मतदान के साथ ही 15 प्रत्याशियों के भाग्य EVM में बंद हो गया था वही सीमा जायसवाल ने अपनी जीत का श्रेय अपनी जनता को दिया है तथा सभी को बहुत बहुत बहुत बधाई करते हुए कहा है कि यह जीत हमारी क्षेत्र की जनता मैं हमारे विश्वास की जीत है

जिस्म हमारा आधा आधा........गुलरेज शहजाद ❤

तू राधा मैं कृष्ण का वंशज तेरी मेरी एक कहानी मन की धरती गीली गीली नयन से छलके दुख का पानी तेरी मेरी एक ही माटी एक ही सांसें आती जाती एक है सपना तेरा मेरा एक हंसी है एक उदासी जिस्म हमारा आधा आधा आधा कान्हा बाकी राधा तेरी लगन में तड़पूं लेकिन रोके है मुझको मर्यादा मेरे पग ज़ंजीर बंधी है तू भी रस्मों की क़ैदी है तेरे आने की आशा में दरवाज़े पर आंख टँगी है इक टूटा आईना हूँ मैं जिस के हर टुकड़े में तू है दुख ना करना जैसा भी हूँ तेरा देखा सपना हूँ मैं ००० ©गुलरेज़ शहज़ाद

आयुष्मान भारत योजना 2018 (By-Journalist Nakul Kumar)

Nakul Kumar/Motihari                                    30.05.2018 NTC CLUB MEDIA आयुष्मान भारत योजना2018                          आयुष्मान भारत योजना भारत सरकार की बहुप्रतीक्षित स्वास्थ्य योजना है जिसके तहत गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर करने वाले लोगों के इलाज हेतु 500000 तक की राशि हेल्थ कार्ड के माध्यम से मुहैया कराना है यह राशि इस स्कीम के तहत registered लोगों को ही उपलब्ध कराई जाएगी।                          इस स्कीम के तहत लोगों को निम्नलिखित सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी...... (1) Health card                           आयुष्मान भारत योजना के तहत देश के 50000000 परिवारों का हेल्थ कार्ड होगा जोकि परिवार के 5 सदस्यों का हेल्थ बीमा कवर करेगा इस तरह से पूरे देश में लगभग 50 करोड़ लोगों के हेल्थ कार्ड बनाए जाने की तैयारी है (2) SECC-2011 (Socio Economic and Cast Census- सामाजिक आर्थिक एवं जातिगत जनगणना 2011)                            मोदी सरकार के आयुष्मान भारत योजना का लाभ उन्हीं लोगों को मिल पाएगा जिनका नाम 2011 के सामाजिक आर्थिक एवं जातिगत जनगणना के तहत नाम जुड़ा होगा। (3) पारिवारिक स्थ

चिन्तन पुकार

-:भजन:- ममता भटक रही हर बार। अरे मैं कैसे करूँ पुकार ।। 1 मन भी मैला  तन भी मैला, मुखसे निकले झाग बिषैला, चिंतन  धारा  जुड़  न  पाये, जोड़ूँ बारम्बार---अरे् मैं---- 2 श्रद्धा क्षमता घटी  नही है, आराधन  से दुखी  नही है, पर लौकिकता बोध न पाती, बैभव भरा दुवार--अरे मैं--- 3 संसाधन मेंं बढी़ चपलता, बिषय वासना रथ पे चलता, फँसी इन्द्रियां सम्मोहन से, आकुल भाव विचार-अरे मैं-- 4 मैं  भी  तेरा  तू  भी  मेरा, जीवन  है एक  रैन बसेरा, बदली राग विराग से रशमी, यौवन बना कुदार--अरे मैं-- 5 अन्दर  मेरे  मैल  भरा है , ऊपर  मेरा  रूप  सजा है , ज्ञान चक्षु भी द्वंद करत हैं , करके बन्द किवॉंर--अरेमैं-- 6 काम क्रोध की बहती धारा, लोभ - मोह ने उसे सचारा , मद  में ढूबा  पाल  हमारा, छाया है अंधियार --अरे मैं-- 7 जीवन  को  बिषयों ने घेरा, यमदूत लगावैं जब तब फेरा, माया  फाँसे अपने  चक्कर, ना देती छुटकार --अरे मैं--- 8 बडी़ बिषमता भौतिक युगमें, साथी  नहीं  है कोई  दुख में, दुर्योधन  की  मनो  कामना, घुटके भइयाचार--अरे मैं--- 9 हे मन मोहन जग आधार, नीचे जल बना चक्राकार, डोल रही है'भ्रमर'की नइया, छूट गयी पतवार

चम्पा से चम्पारण....... केशव कृष्णा

NTC CLUB MEDIA/MOTIHARI एक बेशकीमती हीरा- केशव कृष्णा(green T-shirt) चम्पा से चम्पारण ने कुछ अनमोल छुपे हुए रत्नों को हम सबके सामने लाया है, ऐसी ही एक शख्शियत हैं शहर के बेलबनवा निवासी केशव कृष्णा जी। पर्यावरण दिवस पे खुद से ये आगे आये और इन्होंने टीम से जुड़ने की इच्छा दिखाई। इन्होंने कहा कि मै अपने दो दिन दान करना चाहता हूँ। इनकी निःस्वार्थ सेवा देखकर सभी हतप्रभ हुए। रविंद्र नाथ टैगोर की एक कविता है- एकला चलो एकला चलो। केशव कृष्णा टैगोर की इस कविता को हु बहु चरितार्थ करते हैं। अकेले ये इतना काम करते हैं जो की दस आदमी के बराबर हो। हमेशा काम करने के लिए आगे रहना, जोश और जूनून इन्हें परिभाषित करती है। समाज में बदलाव लाने की निरंतर कोशिश करना इनकी आदतों में शुमार है। मोहल्ले के लोग इनके कार्य एवं जुनून को देखकर कहते हैं कि इन्हीं जुनूनी लोगों ने ही कभी इतिहास रचा है। चाहे वह गांधी हो चाहे वह नेल्सन मंडेला हो चाहे वह सुशील कुमार हो चाहे वह अब्दुल कि हम हैं यदि आपने एक जुनून जिंदा है तो आप कुछ भी कर सकते हैं पर्यावरण के प्रति इनका प्रेम और लगाव सबों के लिए प्रेरणा है। कारण यह है कि जिस समय

चौकीदार बहाली में हुई अनियमितता के खिलाफ चौकीदार बहाली संघ एवं बिहार नवयुवक सेना का प्रदर्शन

चौकीदार बहाली में हुई अनियमितता के विरोध में चौकीदार बहाली संघ एवं बिहार नवयुवक सेना ने विरोध रैली निकाला ।   मालूम हो कि चौकीदार बहाली के तहत 19766 अभ्यार्थियों का एप्लीकेशन प्राप्त हुआ था जिसमें से 464 अभ्यर्थियों का सिलेक्शन हुआ जिन्हें 28 जुलाई को साइकिल रैली जांच के बाद फाइनल उसे सिलेक्ट किया जना तय था किंतु इसी 464 अभ्यर्थियों की लिस्ट में हुई अनियमितता के खिलाफ छात्र आज उग्र हैं एवं सड़कों पर हैं । मौके पर पहुंचे बिहार नवयुवक सेना के अध्यक्ष अंकित पांडे ने कहा कि हम छात्रों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे जहां तक जरूरत पड़ा जिस तरह के आंदोलन की जरूरत पड़ी चौकीदार बहाली संघ के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इसे न्याय दिला कर रहेंगे। चौकीदार बहाली संघ के अध्यक्ष प्रिंस यादव ने कहा कि हमें डराया-धमकाया जा रहा है जी यहां से चले जाओ नहीं तो पुलिस लाठीचार्ज करेगी सब को पकड़ कर जेल में कर देगी फलानी फलाने धारा लगा देगी इससे तुम्हारा भविष्य खराब हो जाएगा लेकिन हम लोग डरने वाले नहीं हैं हम लोग अपना हक लेकर ही रहेंगे क्योंकि यह कैसे हो सकता है कि कम परसेंट वाला का सिलेक्शन हो जाए और ज्यादा परसेंट

ज्ञानी है महादानी

ज्ञानी हैं महादानी आठ प्रकार के दान होते हैं। अऩ्नदान, भूमिदान, कन्यादान, गोदान, गोरसदान, सुवर्ण दान, विद्यादान और आठवाँ है अभयदान। लेकिन भगवद्-प्रसाद दान सर्वोपरि दान है जो तीन प्रकार का होता है। उसमें जो क्रियाजन्य दान है – रूपया पैसा, सेवा…. वह देश, काल पात्र देखकर किया जाता है। दूसरा जो भक्तिजन्य दान है, उसमें पात्र-अपात्र कुछ नहीं, भगवान के नाते भक्तिदान करो, उसे शांति मिले, प्रीति मिले, भगवान की प्यास जगे। प्यास और तृप्ति, प्यास और तृप्ति… करते करते वह परम तृप्त अवस्ता को पहुँच जायेगा, यह भक्तिदान है। भक्तिदान में पात्रता के सोच-विचार की आवश्यकता नहीं रहती। सभी पात्र हैं, सभी भगवान के हैं, अल्लाह के हैं। तीसरा होता है ज्ञानदान। ज्ञान तीन प्रकार का है, इन्द्रियगत ज्ञान, बुद्धिगत ज्ञान और इन दोनों को प्रकाशित करने वाला वास्तविक ज्ञान। उस वास्तविक ज्ञान-ब्रह्मज्ञान का दान दिया जाता है। इन्द्रियाँ दिखाती हैं कुछ, जैसे आकाश कड़ाही जैसा दिखता है, मरूभूमि में पानी दिखता है। इन्द्रियगत ज्ञान भ्रामक है, सीमित भी है, आकर्षण भी पैदा कर देता है और हल्की बात इन्द्रियाँ तुरंत खींच लेती हैं। पा