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राजेश कुमार सुमन को मिला TreeMan of India अवार्ड

""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""" 27 जुलाई 2018 को पूर्व राष्ट्रपति व भारत के मिसाईल मैन डा.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम साहब के तृतीय पुण्यतिथि के अवसर पर गांधी जी के कर्मभूमि मोतिहारी के टाऊन हॉल में ख्वाब फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित "कलाम को सलाम" कार्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए बिहार के समस्तीपुर जिला के रोसड़ा प्रखंड अन्तर्गत ढरहा निवासी किसान श्री रामचरित्र महतो के बड़े पुत्र पर्यावरण प्रेमी श्री राजेश कुमार सुमन  को  #TreeMan_of_India  अवार्ड से मोतिहारी के पुलिस अधीक्षक उपेन्द्र शर्मा नें सम्मानित किया। बताते चलें कि श्री राजेश कुमार सुमन ने पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के लिए

ना जाने कल क्या होगा......

NTC CLUB MEDIA एक दूजे जब झगड़ रहे हो। अमन चैन सब छीन रहे हो। सोच रहा हूं मनहिमन में, न जाने कल क्या होगा। कही आता है चाय का मसला। कही होता है गाय का मसला। झगड़ा झन्झट कराने वाले उलझाते नही करते फैसला। कभी पीटते मंदिर वाले, कभी मस्जिद वाले मारे जाते। हैवानियत का चलता सिक्का, इंसान दुत्कारे जाते। अब लोग सुनते बात मनकी। अपनी सोंच भी छीन गयी है। अफवाहों में हुलड़ मचाते, रग रग में नफरत भिन्न गयी है। अभी से संभलो समय बहुत है, यह सोच कल क्या होगा...? खून बहे चाहे किसी का दर्द एक सा होता है। सिस्कन भरती बीबी सभीका सबका बच्चा रोता है। यह मानो भगवान एक है। दुनिया का इंसान एक। तब कैसी यह नफरत गर्दी, हत्यारों की बान एक है। कोई टिक कोई दाढ़ी वाले, वात बोल बोल नफरत की। हुलड़ ये मचा देते है,इन्हें फ़िक्र क्या है सरहद की। फ़िक्र है कि काम बनजाय, इन्हें क्या मतलब है आगे की। फिर बोलो कल क्या होगा

जुलूस निकालकर जताया विरोध

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी ने जुलूस निकाल कर जिताया विरोध यह जुलूस  कार्यालय पावर हाउस बेगूसराय से होते कचहरी चौक पर सभा में तब्दील हो गया सभा को संबोधित करते हुए बेगूसराय के पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि बंगाल मैं तृणमूल कांग्रेस के शासन काल में तथा त्रिपुरा में nda गठबंधन के शासन में वामपंथी विचारों को कुचला जा रहा हैवामपंथी जनतंत्र पसंद लोगों पर जानलेवा हमले किए जा रहे हैं मां कार्यकर्ताओं की हत्या की जा रही हैं इतना ही नहीं और विधायक मैं यहां तक कहा कि इन दोनों राज्यों में जनतंत्र को समाप्त करने की साजिश रची जा रही है इस अवसर पर उन्होंने वान किया कि आज जन तंत्र पसंद सभी तरह के राजनीति सामाजिक कार्यकर्ताओं को नेतृत्वकारी भूमिका में आनी चाहिए ताकि लोकतंत्र विरोधी ताकते कमजोर पड़े एवं भारतीय लोकतंत्र की रक्षा किया सके कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिला सचिव कामरेड सुरेश यादव ने कहा कि वामपंथी भारतीय लोकतंत्र एवं सविधान द्वारा प्रदत्त अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा कर पाने में सक्षम है इन सब के अलावा सभा को राज कमेटी सदस्य दिनेश प्रसाद सिंह विनीताभ जिला जिला कमेट

अब घरे आजा सजन परदेसिया..... मधुबाला सिन्हा

मन नाहीं लागे सखी बिन रे सजनवा के बिरहिन मनवा के कइसे समुझाईं सावन के झुलुआ लागल सभे डढ़िया से पिया बिनु कइसे हम पेंगवा बढ़ाईं नेहवा के डोरिया बन्हाइल मन मितवा से हिया के दरदिया हम कइसे देखाईं बैरिन अंचरवा बहक जाला अचके ई कुहूकत कोइलिया के कइसे बताईं अब घरे आजा सजन परदेसिया कि मनवा के सारधा हम आपन पुराईं 🌹🌹 डॉ मधुबाला सिन्हा   17/7/2018

सावन आइलें.......नाहीं अइलें पियवा विदेश से $$...मधुबाला सिन्हा

बरस बरस सखी बदरा सतावेला कि नाहीं अइलें पियवा विदेश से $$ भींजेला धानी चुनर ,भींजेला देहिया कि सौतिन भईल ब सिंगार रे$$$ खनकेला हरियर चूड़ी,लहके टिकुलवा हो कब अइहें पियवा हमार हो$$$ गरज गरज बिजुरी,हमके डरावे ला हो कि कब ले लगइहें पिया अंग रे$$$ नईहर के सखिया सहेली ना सोहाली कि ससुरा में भईल मन थोर रे$$$ अब ना सताव पिया,गरजे बदरिया हो कि रुनझुन करेला पायल मोर रे$$$   मधुबाला सिन्हा 24/07/2018

चातुर्मास्य व्रत की महिमा  NTC CLUB MEDIA

🌷 चातुर्मास्य व्रत की महिमा  🌷 🙏🏻 चतुर्मास में विशेष रूप से जल की शुद्धि होती है। उस समय तीर्थ और नदी आदि में स्नान करने का विशेष महत्त्व है। नदियों के संगम में स्नान के पश्चात् पितरों एवं देवताओं का तर्पण करके जप, होम आदि करने से अनंत फल की प्राप्ति होती है। ग्रहण के समय को छोड़कर रात को और संध्याकाल में स्नान न करें । गर्म जल से भी स्नान नहीं करना चाहिए। गर्म जल का त्याग कर देने से पुष्कर तीर्थ में स्नान करने का फल मिलता है। 🙏🏻 जो मनुष्य जल में तिल और आँवले का मिश्रण अथवा बिल्वपत्र डालकर ॐ नमः शिवाय का चार-पाँच बार जप करके उस जल से स्नान करता है, उसे नित्य महान पुण्य प्राप्त होता है। बिल्वपत्र से वायु प्रकोप दूर होता है और स्वास्थ्य की रक्षा होती है। 🙏🏻 चतुर्मास में जीव-दया विशेष धर्म है। प्राणियों से द्रोह करना कभी भी धर्म नहीं माना गया है। इसलिए मनुष्यों को सर्वथा प्रयत्न करके प्राणियों के प्रति दया करनी चाहिए। जिस धर्म में दया नहीं है वह दूषित माना गया है। सब प्राणियों के प्रति आत्मभाव रखकर सबके ऊपर दया करना सनातन धर्म है, जो सब पुरुषों के द्वारा सदा सेवन करने योग्य है। 🙏