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शनिवार। फायरिंग रेंज में कैडेट्स ने किया फायरिंग का फूल प्रैक्टिस

एलएनडी कॉलेज मोतीहारी में चल रहे एनसीसी कैडेट शिविर के कल सातवें दिन क्रेडिट को प्रातः कालीन पीटी के साथ साथ स्वस्थ रहने की विद्या सिखलाई गई।। इसके बाद सभी कैडेट्स को ड्रिल सिखाया जिसमें फ्लैट फुट मार्च और तेज चलना सिखाया गया। वहीं दूसरी ओर थल सेना कैंप मुजफ्फरपुर से आए हुए चयनित कैडेटों को फायरिंग रेंज मोतिहारी में फायरिंग का फूल प्रैक्टिस कराया गया। दोपहर बाद सर्बिस पोर्टेक्टर से भी अवगत कराया गया। इसमें बताया गया कि दुश्मन से युद्घ के दौरण मैप लगाने के लिए सर्विस प्रटेक्टर का उपयोग कैसे किया जाता है। वही शाम के समय रॉल कॉल परेड मे कल्चरल प्रोग्राम भी हुआ जिसमें बटालियन से आये हुए कैडेट भी भाग लिए। इस कार्यकर्म मे ग्रुप डांस, ग्रुप सॉन्ग इत्यादि प्रोग्राम शामिल हुए। इस कार्यक्रम 25 बिहार बटालियन के कंमंडिंग ऑफिसर कर्नल बिक्रम सेढा, 32 बिहार बटालियन के कंमन्डिंग ऑफिसर कर्नल रामानुज सिंह तथा 7 बिहार बटालियन के कंमन्डिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट एन एल यादव, एल एन डी कॉलेज के कैप्टन राजेश कुमार सिन्हा, सूबेदार मेजर दिनेश कुमार मंडल, सूबेदार रिकता गुरुंग तथा थल सेना कैंप के सिनियर अंडर ऑफ

पटना के "द पोशाक फैशन बुटिक" के तीन साल पूरे...

#पटना।  राजधानी पटना के मशहूर "द पोशाक फैशन बुटिक" के तीन साल आज पूरे हो गये। राजधानी पटना के बोरिंग रोड के पुष्पांजली कॉमप्लेक्स स्थित "द पोशाक फैशन बुटिक" की स्थापना के तीन साल आज पूरे हो गये। द पोशाक के तीन साल पूरे होने का जश्न केक काटकर मनाया गया। इस अवसर पर बुटिक की प्रबंधक श्रीमती रूपम सरोज ने बताया कि हमे इस बात की बेहद खुशी हो रही है कि द पोशाक बुटिक ने आज तीन साल पूरे कर लिये हैं। पटना में इसके कई ब्रांच है। हमारे यहां दिल्ली ,मुंबई और बैंगलूरू से डिजाइनर सूट, इडो पेस्ट्रन ड्रेस , लहंगा, साड़ी सूट पीस, लेगिस आदि उचित मूल्य पर मिलते हैं। श्रीमती रूपम सरोज ने बताया कि राजधानी पटना किसी भी मेट्रो शहर से किसी भी मायने में कम नहीं है। हमारा युवा वर्ग फैशन इंडस्ट्री और ग्लैमर जगत से जितना प्रभावित है उतना ही आतुर वह उनमें जाने के लिए भी है। आधुनिक युग में युवा सिर्फ ढंकने और सुंदर बनने के लिए ही कपड़े नहीं पहनता बल्कि अब यह हमारे स्टेट्स और फैशन फंडे का सिंबल बन चुका है। यहां युवाओं की पसंद को ध्यान में रखकर कपड़े मुहैय्या कराये जा रहे है। राजधानी पटना में द पो

चमकी बुखार से बच्चों को बचाने के लिए अवेयरनेस प्रोग्राम का आयोजन किया गया

वायरल बीमारियों को लेकर समाज में अवेयरनेस फैलाने हेतु मोतिहारी के नवजात एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संजीव रंजन के नेतृत्व में मोतिहारी के गोढ़वा एवं रुलही गांव में एक अवेयरनेस बैठक की गई जिसमें उस क्षेत्र के बच्चों के अभिभावकों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। उक्त मौके पर पेरेंट्स में अवेंजर्स फैलाते हुए शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संजीव रंजन ने उपस्थित जनसमूह को चमकी बुखार के विषय में विस्तार से बतलाया। उन्होंने चमकी बुखार एवं इंसेफेलाइटिस को डिफाइन करते हुए बताया कि  चमकी बुखार होने का यह तात्पर्य नहीं है कि आपके बच्चे को इंसेफेलाइटिस हुआ हो। उन्होंने उपस्थित जनसमूह को थर्मामीटर का उपयोग एवं कितने टेंपरेचर रहने पर डॉक्टर से कंसल्ट करना है के विषय में भी विस्तार से बतलाया। इतना ही नहीं डॉक्टर साहब ने लोगों को साफ सफाई से रहने अपने आस-पड़ोस को सबसे ज्यादा करें एवं अपने बच्चों को साफ-सुथरे कपड़े पहनाने के साथ-साथ स्वच्छ भोजन खाने की सलाह दी एवं बासी भोजन सड़े गले पदार्थों से अपने बच्चों के साथ साथ पैरेंट्स को भी दूर रखने की सलाह दी। उपस्थित जनसमूह मैं महिलाओं को संबोधित करते हुए डॉक्

ब्रैवो फाउंडेशन के सीएमडी राकेश पांडे ने किया ई लाइब्रेरी का उद्घाटन

शुक्रवार को संध्या का दिन मोतिहारी के लिए काफी खास रहा क्योंकि इस दिन बिहार के दूसरे डिजिटल लाइब्रेरी का उद्घाटन ब्रावो फार्मा के सीएमडी एवं एनआरआई उद्योगपति राकेश पांडे के कर कमलों से किया गया। लाइब्रेरी उद्घाटन के उक्तमौके मौके पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए श्री पांडे ने कहा कि यही दुनिया में आप शिक्षा का दान कर सकते हैं, तालीम दे सकते हैं तो इससे बड़ा नेक काम इस दुनिया में और कुछ नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य शिक्षा और रोजगार इन 3 क्षेत्रों मैं काम करना चाहता हूँ । लाइब्रेरी के डिजटालाइजेशन पर अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि धीरे धीरे सब कुछ डिजिटल होते जा रहा है इसलिए अब लोग सारी किताबें खरीदने से बेहतर है कि इंटरनेट के माध्यम से विभिन्न किताबों को अपने मोबाइल में डाउनलोड करके रखें एवं अपने आवश्यकतानुसार उसका उपयोग अपने ज्ञान/इल्म को बढ़ाने में  कर सकेंगे।। युवा पीढ़ी की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि 18 से 25 वर्ष के युवा काफी रेडिकलाइज हो चुके हैं एवं इस पीढ़ी को संभालने के लिए लाइब्रेरी जैसी संस्थाओं को होना बहुत ही जरूरी है क्योंकि एक सशक्त समाज का

मोतिहारी /नकुल कुमार... पटना चिड़ियाघर की यात्रा भाग 6

पहले कमल का फूल  भगवान पर चढ़ता भी था एवं उसके पत्ते में भोजन  परोसने के बाद उसका  सुरक्षित निष्पादन भी हो जाता था  किंतु  आज उस पत्ते का स्थान प्लास्टिक अथवा फोम के पत्ते ने ले लिया है जो खाने वाले के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने के साथ साथ फेंकने के बाद प्रदूषण कारक है। पटना चिड़ियाघर की यात्रा के दौरान पटना के एक भाग में पानी से लबालब झील है जो नौकागमम्य है और यहां पर सैलानी आते हैं एवं बोटिंग का आनंद लेते हैं। इसी के दूसरे साइड में हरे हरे पत्तों के साथ कमल के फूल की लहलहाती फसल आपको दिख जाएगी। पहले मोतिहारी के मोती झील में भी कमल की खेती बृहद पैमाने पर होती थी एवं मोती झील की खूबसूरती में चार चांद लगाती थी लेकिन बढ़ते प्रदूषण के साथ साथ मोतीझील में कमल की खेती देखना नई पीढ़ी के लिए एक सपने जैसा है यही कारण है कि चिड़ियाघर में देखकर लोगों को संतुष्ट होना पड़ता है। चिड़ियाघर में जंगल के जानवरों के साथ साथ विलुप्त प्राय प्राणियों को भी रखा गया है और उस विलुप्त प्राय पौधों में कमल का फूल का पौधा भी एक है जो हमारे आसपास से आजकल विलुप्त हो चला है। पहले के जमाने में जब इतना प्लास्टिकीकरण

मोतिहारी /नकुल कुमार... पटना चिड़ियाघर की यात्रा भाग 6

पहले कमल का फूल  भगवान पर चढ़ता भी था एवं उसके पत्ते में भोजन  परोसने के बाद उसका  सुरक्षित निष्पादन भी हो जाता था  किंतु  आज उस पत्ते का स्थान प्लास्टिक अथवा फोम के पत्ते ने ले लिया है जो खाने वाले के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने के साथ साथ फेंकने के बाद प्रदूषण कारक है। पटना चिड़ियाघर की यात्रा के दौरान पटना के एक भाग में पानी से लबालब झील है जो नौकागमम्य है और यहां पर सैलानी आते हैं एवं बोटिंग का आनंद लेते हैं। इसी के दूसरे साइड में हरे हरे पत्तों के साथ कमल के फूल की लहलहाती फसल आपको दिख जाएगी। पहले मोतिहारी के मोती झील में भी कमल की खेती बृहद पैमाने पर होती थी एवं मोती झील की खूबसूरती में चार चांद लगाती थी लेकिन बढ़ते प्रदूषण के साथ साथ मोतीझील में कमल की खेती देखना नई पीढ़ी के लिए एक सपने जैसा है यही कारण है कि चिड़ियाघर में देखकर लोगों को संतुष्ट होना पड़ता है। चिड़ियाघर में जंगल के जानवरों के साथ साथ विलुप्त प्राय प्राणियों को भी रखा गया है और उस विलुप्त प्राय पौधों में कमल का फूल का पौधा भी एक है जो हमारे आसपास से आजकल विलुप्त हो चला है। पहले के जमाने में जब इतना प्लास्टि

उद्योगपति राकेश पांडे ने दी राधामोहन सिंह को जीत की बधाई

भाजपा की ऐतिहासिक जीत पर NRI उद्योगपति राकेश पांडे  ने  राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के प्रत्याशी  राधा मोहन सिंह सहित तमाम जनता को बधाई दी हैं।  अापने दिया मैसेज में उन्होंने कहा कि "देश की जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में अपना भरोसा व्यक्त किया है। आज जो नतीजे आए हैं वो इस बात का प्रमाण है कि अब भारत मजबूत और श्रेष्ठ भारत बनने की ओर अग्रसर है। हमारा विश्वास था कि पूर्वी चंपारण में देश के कृषि व किसान कल्याण मंत्री फिर से जीत दर्ज करेंगे और देश में मोदी सरकार फिर बनेगी। आज वह हुआ है। " मालूम हो कि राधा मोहन सिंह 2.5 लाख से अधिक मतों से विजय प्राप्त करने के साथ ही छठी बार लोकसभा के लिए चुने गए हैं। वर्तमान समय में राधा मोहन सिंह कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री हैं। मालूम हो कि राधा मोहन सिंह कुल 577787 मत प्राप्त किए हैं। मत प्रतिशत के हिसाब से या आंकड़ा लगभग 58% है।