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Live from NAREGA Park Motihari

Nakul Kumar  #Live from #NREGA_PARK_MOTIHARI

                            एक तरफ कपकपाती ठंड तो दूसरी ओर घर आए मेहमानों की पार्क घूमने की इच्छा। बड़ा  अजीब था हमारे लिए। फिर भी इस ठंड के बीच भी हम पहुंचे #मोतिहारी_के_नरेगा_पार्क। चुकी यह शहर से थोड़ी दूरी पर ही स्थित है और #मोतीझील_का_किनारा भी है। इसमें कुछ दिन पहले नौका विहार भी होती थी। सोचा चलते हैं घूमेंगे और #नौका_विहार का भी मजा लेंगे,जो अतिथि आए हैं उन्हें भी घुमा देंगें वह भी क्या याद रखेंगे कि उन्होंने भी कभी मोतिहारी के मोती झील में नौका विहार का आनंद लिया था।
लेकिन जब हम वहां पहुंचे तो नरेगा पार्क में प्रवेश करते ही चारों तरफ गंदगी ही गंदगी पसरी नजर आई। घाटों पर गाय का गोबर तथा धोबी द्वारा सुखाने को पसारें हुए कपड़े नजर आएं। उसके नीचे झील के किनारे थोड़ी जलकुंभी के साथ साथ गंदगी का जो संयोग था, वह हम लोगों की तरफ इशारा कर रहा था कि लौट जाओ तुम्हारे घूमने के लिए यहां कुछ नहीं है....सिवाय गंदगी के। मानो वह #पार्क_चिल्ला_चिल्ला_कर_हमसे_कह_रहा_हो कि लौट जाओ अब गंदगी ही मेरा साथी बन चुका है। #यहां_लोग_घूमने_तो_आते_हैं_किंतु_अपना_सारा #कचरा_पार्क_में_छोड़_कर_चले_जाते_हैं।

#कम_ही_लोग_हैं_जो_डस्टबिन_का_प्रयोग_करते_हैं #बाकी_लोग_तो_पार्क_को_ही_डस्टबिन_समझकर_सारा_कचरा_यत्र_तत्र_फेंककर_चले_जाते_हैं।

#लोग_साफ_सुथरा_पार्क_तो_चाहते_हैं_लेकिन_पार्क_को_साफ_सुथरा_कैसे_रखना_है_यह_नहीं_जानते.....!!#शायद_इसीलिए_मेरी(#नरेगा_पार्क की)#यह_दशा_है।

                     नरेगा पर घूमने की हमारी सारी चाहत, धरी की धरी रह गई। हम नरेगा पार्क में बैठ नहीं पाए, चुकी चारों तरफ इतनी ज्यादा गंदगी पसरी थी कि बैठते तो किधर। नरेगा पार्क की वास्तव में जो हमारे दृष्टिपटल पर साफ सुथरा थी वह अब उतर गई। हम नरेगा पार्क से अपना सा मुंह लेकर लौट आए।।

#नकुल_कुमार ( Freelancer )

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विद्या निकेतन के प्राचार्य डॉ दीनबंधु तिवारी जी का छात्रों के नाम संदेश..... स्वतंत्रता दिवस पूर्व संध्या विशेष

  NTC NEWS MEDIA/MOTIHARI मोतिहारी मैं हिंदी माध्यम स्कूलों में विद्या निकेतन एक सर्वश्रेष्ठ शैक्षणिक संस्थान के रूप में स्वयं को वर्षों से स्थापित किए हुए हैं और इसका सारा श्रेय इस विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर दीनबंधु तिवारी जी को जाता है जिन्होंने 72 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर छात्रों के नाम संदेश प्रेषित किया है सर कहते हैं कि.....   " 72वे स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर मुझे यही कहना है कि आज के छात्र देश के भावी कर्णधार नागरिक बनेंगे उन्हें अपनी रुचि के अनुसार विषयों का चुनाव कर पूरे लगन एवं मनोयोग से अध्ययन करना चाहिए जिससे हमारा देश का चतुर्दिक विकास हो आर्थिक वैज्ञानिक या टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हमारा देश अन्य सभी देशों से आगे बढ़े यह किसी एक आदमी के करने से संभव नहीं होगा बल्कि हम सभी की सहभागिता से संभव है ।   हम छात्रों को यही सुझाव देना चाहेंगे कि वह अपने मस्तिष्क को रिसर्च की तरफ प्रेरित करें परंपरागत शिक्षा से अलग हटकर व्यवसायिक शिक्षा की तरफ अपनी कदम बढ़ाए देश में बेरोजगारी दूर करने हेतु रोजगार उन्मुक्त शिक्षा की तरफ वह सब लोग प्रवृत्त हो हम किसी को भी वैज्

व्यक्ति विशेष में पढ़िए मोतिहारी के लाल रामनिवास सिंह की कहानी जिन्होंने 100 रुपया से एक करोड़ की कंपनी बना डाली...

मोतिहारी /नकुल कुमार  मोतिहारी। "कौन कहता है आसमान में सुराग नहीं हो सकता एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो" .......उपरोक्त पंक्तियों को चंपारण के गरीब किसान के बेटे रामनिवास सिंह ने अपनी कड़ी मेहनत एवं बौद्धिक कौशल के बल पर 1 करोड़ से ज्यादा के टर्नओवर की कंपनी बनाकर साबित कर दिया है। कौन है रामनिवास सिंह:- रामनिवास सिंह पूर्वी चंपारण जिले के पताही थाना क्षेत्र के रतनसायर गांव के किसान आनंद किशोर सिंह के पुत्र हैं। चार भाई-बहनों में सबसे छोटे रामनिवास सिंह शुरू से ही पिता के साथ साथ माता एवं भाई बहनों के दुलारे रहे हैं किंतु परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी ना होने के कारण पिता को उनसे जीविकोपार्जन के सिवा कुछ खास उम्मीद नहीं थी जिस कारण उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव की स्कूल में संपन्न हुई। मुंबई की यात्रा, संघर्ष एवं जीवन का टर्निंग प्वाइंट:- 2003 के आते-आते परिवार की माली स्थिति इतनी खराब हो गई कि मैट्रिक का फॉर्म भरने के लिए उनके पास ₹100 तक नहीं थे जिस कारण से वे करंट ईयर में मैट्रिक की परीक्षा देने से वंचित रह गए। उन्हीं दिनों उनके पिता आनंद किशोर सिंह न

29 एवं 30 जून को होगा चंपारण युवा संसद का आयोजन

आगामी दिनांक 29 व 30 जून को मुंशी सिंह महाविद्यालय में होने वाले दो दिवसीय चम्पारण युवा संसद कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु आयोजन समिति रेनू फाउंडेशन के बैनर तले स्थानीय कार्यालय में बैठक की गयी | इस कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु तैयारियों एवं कार्यक्रम के रुपरेखा पर विचार विमर्श किया गया |। इस कार्यक्रम का उद्देश्य चम्पारण का समावेशी  विकास वो उसके रोडमैप तथा विकास कार्यो में आ रहे अड़चनो की भी चर्चा स्थानीय जनप्रतिनिधि कानूनविद , शिक्षाविद तथा अलगअलग क्षेत्रो के जानकारों के समक्ष रखा जायेगा, साथ ही साथ छात्रों वो  नौजवानो को भारतीय संविधान एवं संसद की कार्यवाही की जानकारी भी दी जाएगी। बैठक में संस्थापक राहुल सिंह रेनू , संरक्षक अधिवक्ता पवन कुमार सिंह  ,अधिवक्ता कुंज रमन मिश्र , डॉ हेमंत झा , अधिवक्ता निशांत कुमार , सिद्धार्थ मिश्र , सुधांशु देव , विजय कुमार समेत  आयोजन समिति के सभी सदस्य उपस्थित रहे |

मोतिहारी में श्रद्धांजलि सभा में पुष्पांजलि अर्पित कर दी गई अरुण जेटली को भावभीनी श्रद्धांजलि

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डांस के क्षेत्र में कामयाबी के बाद अब फैशन और मॉडलिंग की दुनिया में भी अपना जलवा बिखेर रही हैं अनुमति सिंह

पटना। डांस के क्षेत्र में कामयाबी का परचम लहराने के बाद अनुमति सिंह ने अब फैशन और मॉडलिंग की दुनिया में भी अपना जलवा इंडिया 2019 प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और मिसेज फोटोजेनिक और मिसेज टैलेंटड का खिताब अपने नाम कर लिया।        उड़ीसा में जन्मीं अनुमति सिंह के पिता श्री रवीन्द्र नाथ दास रेलवे में कार्यरत थे जबकि उनकी मां श्रीमती गोलापी देवी दास गृहणी हैं। दो भाई और दो बहनों में सबसे छोटी अनुमति को उनके घर वालों ने अपनी राह खुद चुनने की आजादी दे रखी थी।बॉलीवुड की धकधक गर्ल माधुरी दीक्षित के डांस से प्रभावित होने की वजह से अनुमति सिंह उनकी तरह ही डांस के क्षेत्र में नाम रौशन करना चाहती थी। अनुमति स्कूल में होने वाले श सांस्कृतिक कार्यक्रम में डांस परफार्म किया करती और जिसके लिये उन्हें काफी सराहना मिला करती थी। अनुमति सिंह ने अपनी प्रारिंभिक शिक्षा उड़ीसा से पूरी की। इस बीच उनकी शादी बिजनेस मैन श्री अभय प्रताप सिंह से हो गयी।अनमति सिंह यदि चाहती तो विवाह के बंधन में बनने के बाद एक आम नारी की तरह जीवन गुजर बसर कर सकती थी लेकिन वह डांसिंग की दुनिया में अपनी पहचान बनाना चाहती थ

बॉलीवुड में राज करना चाहते हैं अमित कुमार भारती

पटना। बिहार के नालंदा जिले के बिहार शरीफ के रहने वाले अमित  कुमार  भारती ने मॉडलिंग हंट शो मिस्टर एंड मिस मगध सीजन 02 में फर्स्ट रनर अप का खिताब अपने नाम कर लिया हो लेकिन उनके बड़े सपने अभी पूरे होने बाकी  है।  सुपरनोवा इवेंट मैनेजमेंट की ओर से हाल ही में बिहारशरीफ में मिस्टर एंड मिस मगध सीजन 02 का फिनाले हुआ जिसमें अमित ने फर्स्ट रनर अप काऋ खिताब अपने नाम किया।  अमित के पिता कृष्णा कुमार बिजनेस जबकि मां श्रीमती  सावित्री देवी गृहणी है। अमित के तीन भाई और चार बहनें है।  अमित की  प्रारंभिक शिक्षा मुंबई से हुई जहां उनके पिता बिजनेस किया करते थे। कुछ  समय के बाद अमित अपने परिवार वालों के साथ अपने गृह जिले नालंदा आ गये।  बचपन के दिनों से अमित की रूचि मॉडलिंग और अभिनय की ओर थी।  शाहरूख खान को  आदर्श मानने वाले अमित अभिनय के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाना चाहते थे। हाल ही में उन्हें सोशल मीडिया पर मिस्टर एंड मिस मगध सीजन 02 के बारे  में पता चला और उन्होंने इस शो में हिस्सा लिया।  अमित ने बीटेक की पढ़ाई  की है। वह इन दिनों एमबीए की पढ़ाई कर रहे हैं। अमित भारत

जब कलेक्टर के साथ स्कूल पहुँची खुशी... पढ़िए रितु साहू की रिपोर्ट

जेल में 6 साल से बेगुनाही की सजा काट रही खुशी का हुआ इंटरनेशनल स्कूल में एडमिशन, कलेक्टर के साथ स्कूल पहुँची खुशी बिलासपुर (छग) जब एक पिता अपनी बेटी को खुद से विदा करता है तब दोनों तरफ से सिर्फ आंसू ही बहते हैं। आज बिलासपुर केंद्रीय जेल में ऐसा ही नजारा देखने को मिला। जेल में बंद एक सजायफ्ता कैदी अपनी 6 साल की बेटी खुशी( बदला हुआ नाम) से लिपटकर खूब रोया। वजह बेहद खास थी। आज से उसकी बेटी जेल की सलाखों के बजाय बड़े स्कूल के हॉस्टल में रहने जा रही थी। करीब एक माह पहले जेल निरीक्षण के दौरान कलेक्टर डॉ संजय अलंग की नजर महिला कैदियों के साथ बैठी खुशी पर गयी थी। तभी वे उससे वादा करके आये थे कि उसका दाखिला किसी बड़े स्कूल में करायेंगे। आज कलेक्टर डॉ संजय अलंग खुशी को अपनी कार में बैठाकर केंद्रीय जेल से स्कूल तक खुद छोड़ने गये। कार से उतरकर खुशी एकटक स्कूल को देखती रही। खुशी कलेक्टर की उंगली पकड़कर स्कूल के अंदर तक गयी। एक हाथ में बिस्किट और दूसरे में चॉकलेट लिये वह स्कूल जाने के लिये सुबह से ही तैयार हो गयी थी। आमतौर पर स्कूल जाने के पहले दिन बच्चे रोते हैं। लेकिन खुशी आज बेहद खुश

भगवान से कम नहीं है.....इमरजेंसी वाले डॉक्टर साहब

छत्तीसगढ़। इस देश में हर वर्ग के हिसाब से हर इंसान की हैसियत के हिसाब से और हर इंसान की चॉइस के हिसाब से हर किसी का अपना एक डॉक्टर होता है।उच्च श्रेणी के उच्च वर्ग वाले लोगों के फैमिली डॉक्टर होते हैं। मध्यमवर्ग वालों के लिए चैरिटेबल, सरकारी या थोड़े से सस्ते वाले डॉक्टर होते हैं। गांव में पाए जाने वाले कंधे पर झोला टांग कर घूमने वाले भी देशी डॉक्टर होते हैं। जो किसी डॉक्टर के पास इंजेक्शन लगाने गोलियां दवाइयां देने का काम सीख कर गांव वालों की सेवाएं करते हैं। अब गांव वालों के लिए तो वह भी भगवान से कम नहीं है, जो मौके पर उनके कष्ट का निवारण कर उन्हें दर्द से निजात दिलवा देते हैं। साईकल पर गली में खड़े खड़े ही मरीजों की ओ पी डी से लेकर एम आर आई तक करने वाले गांव के डॉक्टर जब किसी मरीज को देखते हैं, तो मरीज उन से तरह-तरह के सवाल और अपने दर्द के बारे में तलब करते हैं। सिर में दर्द है,पीठ में दर्द है,कमर में दर्द है यह दवाई ले लो। क्या इससे काम चल जाएगा....? चिंता मत करो सारी बिमारीयों काम तमाम करेगी। इस तरह से बिना बेड पर लेटा कर इलाज कर देने वाले, मौके पर काम आने वाले इन झोला टां

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ थीम पर संपन्‍न हुआ न्‍यू बूगी - बूगी ऐकेडमी का वार्षिकोत्‍सव

प्रेमचंद रंगशाला में बच्‍चों ने सजायी डांस की म‍हफिल, दिया पुलावामा के शहीदों को श्रद्धांजलि पटना। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ थीम पर आयोजित न्‍यू बूगी - बूगी डांस ऐकेडमी का 23 वां वार्षिकोत्‍सव रविवार को पटना स्थित प्रेमचंद रंगशाला में संपन्‍न हो गया। इसका विधिवत उद्धाटन ऐकेडमी के शिक्षकों ने दीप प्रज्‍ज्‍वलित कर किया। 23 वां वार्षिकोत्‍सव के मौके पर ऐकेडमी तकरीबन 400 छात्रों ने हिस्‍सा लिया और एक से एक पावर पैक परफॉर्मेंस से ऑडिटोरियम में मौजूद सभी दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस दौरान डांस, मॉडलिंग, सिंगिंग की प्रतियोगिता भी आयोजित की गई।   कार्यक्रम की शुरूआत गुरूर ब्रह्मा, गुरूर विष्‍णु वंदना से हुई, जिस पर बच्‍चों ने अदभुद प्रस्‍तुति दी। इसके बाद छोटे बच्‍चों ने अपने डांस से हॉल में मौजूद सभी दर्शकों का दिल जीत लिया, तो बड़े बच्‍चे और बच्चियों ने गरीबी, बलात्‍कार और पुलवामा में हुए आतंकी घटना व सर्जिकल स्‍ट्राइक को लेकर बेहतरीन डांस के साथ शहीद भररतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। खुद ऐकेडमी के डायरेक्‍टर अनिल राज ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी और उनके बलिदान के महत्‍व को